सासाराम के गौरक्षणी मोहल्ला में ओवर ब्रिज के पास आज कल फैशन प्रेमियों का मजमा लग रहा है । हमने दीपावली से पहले पर्व जैसा माहौल का पड़ताल किया तो मालूम चला कि गौरक्षणी अब पहले जैसा सिर्फ कोचिंग हब नहीं रहा , बल्कि अब अच्छा खासा बाज़ार का शक्ल लेने लगा है ।
Barcelona Showroom Gaurakshani Sasaram
ओवर ब्रिज के पास कुछ ही दिनों पहले BARCELONA नामक एक्सक्लूसिव शोरूम खुला है । भारत के मशहूर क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के “वीरू रिटेल” का फ्रैंचाइजी होल्डर है शो रूम ।
Barcelona Sasaram,Bihar
शोरूम मालिक आदित्य जी बताते हैं कि उनके पास हाई क्वालिटी एंड फैशनबल गारमेंट्स का प्रीमियम कलेक्शन है । सासाराम के अलावा भभुआ, मोहनिया, बिक्रमगंज, नोखा, डेहरी ,औरंगाबाद से भी बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करने आ रहे हैं ।
Barcelona Sasaram,Rohtas
बताते हैं कि, इनके यहां भीड़ का प्रमुख कारण “वीरू ब्रांड” तो है ही , इसके साथ अच्छे दामों में मेन्स शर्ट, पैंट,जीन्स, टी शर्ट, कैफ्री, ट्राउज़र, हाफ पैंट, स्वेटर, जैकेट, पैजामा, शॉर्ट्स, शॉक्स इत्यादि का वाईड कलेक्शन भी प्रमुख कारणों में से एक हैं । कैज़ुअल एवं आउटडोर दोनों तरह के गारमेंट्स बढ़िया वेरायटी में उपलब्ध हैं ।
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यहां पर कुछ ऑफर ऐसे भी थें जिसमें 4 हजार रूपए का बोट ब्लूटूथ गिफ्ट दिया जा रहा था ।
Barcelona
सालो भर चलने वाले विशेष ऑफर लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। एक खरीदो 2 मुफ्त पाओ, 2 खरीद पर 4 मुफ्त, 3 खरीद पर 7 मुफ्त जैसे आकर्षक ऑफर ग्राहकों को खूब लुभा रहा है ।
Garbage collection and disposal house to house sasaram
सासाराम शहर के लिए कूड़ा और गंदगी की समस्या नासूर बना हुआ है । लगभग सभी लोग इससे त्रस्त हैं । यह समस्या काफी पुरानी है । चुनाव जीतने वाले हुक्मरानों और अधिकारियों की उदासीनता से यह समस्या दिन प्रति दिन विकराल होता चला गया । लेकिन अब जल्द ही इससे राहत की संभावना है
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सासाराम के सभी मोहल्लों में हर घर से कलेक्ट होगा कूड़ा
नगर निगम के सभी 40 वार्डों में कूड़ा उठाव की प्रक्रिया जल्द मूर्त रूप लेने की संभावना है । डीएम धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि कूड़ा उठाने की जिम्मेवारी एनजीओ द्वारा उठाया जाएगा। इसकी स्वीकृति प्रशासक सह डीएम धर्मेंद्र कुमार ने दे दी है।
इतना खर्च होगा आपके वार्ड में
घर घर कूड़ा उठाने की प्रक्रिया में 1 लाख रुपए प्रति माह और प्रति वार्ड खर्च आएगा ।
सासाराम में कूड़ा निस्तारण पर इतना खर्च होगा
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डीएम की मानें तो शहर को स्वच्छ रखने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं। कूड़ा उठाव पर लगभग पांच करोड़ रुपये सालाना खर्च आएंगे।
17 एकड़ में बनेगा डंपिंग एरिया
आपको बताते चलें कि, बिहार नगर विकास विभाग ने सासाराम के कूड़ा समस्या के समाधान के लिए 17 एकड़ क्षेत्र में कूड़ा डम्पिंग केंद्र बनाने की योजना के तहत छह करोड़ 88 लाख 75 हजार राशि की कागजी स्वीकृति भी से दिया है ।
सासाराम में हर तरफ कूड़ा का ढ़ेर
नगर आयुक्त अशोक कुमार द्वारा डम्पिंग स्टेशन के लिए सासाराम, शिवसागर, चेनारी, नोखा, डेहरी, तिलौथू, राजपुर, दिनारा, अकोढ़ीगोला व नासरीगंज के सीओ को जमीन ढूंढने का निर्देश दिया गया है।
सासाराम नगर निगम के प्रशासक सह जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने सशक्त स्थायी समिति की बैठक की. बैठक में मुख्य रूप से सासाराम शहर के कायाकल्प को लेकर विकास कार्यों का प्रारुप तैयार कर उस पर कार्य करने का निर्णय लिया गया.
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अहम निर्णय
बैठक में डीएम ने कहा कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विभिन्न चौक-चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे से शहर की हर गतिविधि पर प्रशासन की नजर रहेगी. नगर निगम की योजनाओं व नियम से लोगों को अवगत कराने के लिए एलइडी डिस्प्ले बोर्ड लगाने का निर्णय लिया गया है.
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शहर के विभिन्न जगहों पर जलजमाव से मुक्ति के लिए 10-10 हॉर्स पावर के मोटर की स्थापना होगी.डीएम ने बताया कि 14 वें वित्त आयोग के तहत प्राप्त 76521885 की राशि से सफाई व सेप्टेज प्रबंधन, सिवरेज, स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज, ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन, सड़कों व गलियों में प्रकाश व्यवस्था, नगर निकाय में स्वामित्व की सड़के व फुटपाथ, पार्क, खेल मैदान, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विभिन्न चौक-चौराहे पर सीसीटीवी कैमरा, कब्रिस्तान व श्मशान घाट से जुड़े कार्यों को कराने का निर्णय लिया गया.
अपग्रेडेशन कार्य
जबकि नेहरू पार्क, एसपी जैन पार्क, फजलगंज स्टेडियम एवं जिला आवास परिसर में पार्क का अपग्रेडेशन व ओपेन जीम का निर्माण तथा ओझा टाउन हॉल का अपग्रेडेशन किया जायेगा.
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इसके अलावे संत पॉल स्कूल से उतर से लेकर शंकर कॉलेज रोड तक नाला निर्माण, जक्की शहीद नया मस्जिद के पास खिलनगंज होते हुए बुडको के नवनिर्मित नाला तक नाला निर्माण, बौलिया दुर्गा चौक मंदिर से निशांत सिनेमा होते हुए रेलवे लाइन तक नाला निर्माण, एसपी जैन कालेज मोड़ होते हुए जैन मशीनरी होते हुए रेलवे लाइन तक आरसीसी नाला निर्माण, वार्ड संख्या एक में बढ़ैयाबाग मुख्य सड़क काली मंदिर से होते हुए नहर तक पीसीसी एवं रोड आरसीसी नाल स्लैब, पुराना बस पड़ाव में शौचालय का जीर्णोद्धार कार्य कराया जाएगा.
2 दिन में रिपोर्ट सपना है
उपयुक्त चयनित योजनाओं की स्थल की उपयोगिता जांच दो दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दोनों अपर नगर आयुक्त को दिया गया.साथ ही इस कार्य में तकनीकी पदाधिकारी का सहयोग लेने का निर्देश दिया गया.
जहां पर तकनीकी पदाधिकारी नहीं हैं वहां कनीय अभियंता का सहयोग लिया जाएगा. इसके अलावा 15 वें वित्त आयोग के तहत 199553580 करोड़ रुपये से जल संचयन का कार्य करने का निर्णय लिया गया है.
बैठक में स्थायी सशक्त समिति के सदस्य के रूप में नगर आयुक्त राजेश कुमार गुप्ता, वरीय उपसमाहर्ता संतोष कुमार, रश्मि सिंह के अलावा जिला लेखा पदाधिकारी, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक, कोचस व नोखा के कार्यपालक पदाधिकारी समेत अन्य सदस्य शामिल थे
BPSC टॉपर पहुंचे गांव , बैंड बाजा के साथ हुआ स्वागत , सासाराम अनुमंडल के चमारहा में जश्न | BPSC Topper Gaurav Welcomed in Village
65 वीं बीपीएससी में टापर गौरव सिंह रिजल्ट के बाद पहली बार जब नवरात्र के महानवमी की सुबह अपने गांव चमरहा पहुंचे तो ग्रामीणों द्वारा भव्य स्वागत किया गया । दशहरा के दिन शिवसागर थाना क्षेत्र के चमरहा गांव में जश्न का माहौल दिखा। गांव का बेटा गौरव सिंह बीपीएससी में पूरे राज्य में टाप करने के बाद पहली बार गांव जो लौटा था।
BPSC Topper Gaurav Welcomed in Village
फोरलेन जीटी रोड से चमरहा गांव 6 किमी दूर हैं, परंतु गांव वाले बैंडबाजा के साथ अपने गांव की शान के स्वागत के लिए जीटी रोड ही पहुंच गए थे, स्वागत करने वालों में बच्चे, बूढ़े, महिला, पुरुष और हर उम्र के लोग शामिल थे।
जैसे ही गौरव की गाड़ी गांव के मोड़ पर पहुंची लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा , उन्होंने फूल-माला पहना उनका भव्य स्वागत किया। घर में मां व बहनों ने आरती से स्वागत किया । मां अपनी बेटे की सफलता के बाद पहली बार मिलते हुए भावुक हो गई।
गौरव के गांव में बनता हुआ लड्डू
गौरव के गांव आने के पहले से ही लड्डू बन रहा था, पूरे गांव-जवार में लड्डू बांटा जा रहा था । हर तरफ ख़ुशी का माहौल था । दशहरा का जश्न दुगना हो चूका था ।
चमराहा गांव में बना तोरण द्वार
गौरव सिंह के स्वागत के लिए रास्तें में गांव वालों ने तोरण द्वार बना रखे थे। गौरव के गांव पहुंचने के बाद एक संक्षिप्त कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य लोगों द्वारा उनका अभिनंदन समारोह किया गया।
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कौन हैं गौरव सिंह ? इतनी चर्चा में क्यूं हैं ?
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) 65वीं के टॉपर गौरव सिंह पूरे प्रदेश में टॉप किए हैं । नंबर वन रैंक लाने वाले गौरव ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, लेकिन जॉब छोड़कर सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दिए थें । इससे पहले 64वीं BPSC की परीक्षा में 144वां स्थान मिला था।
65 वीं बीपीएससी में टापर गौरव सिंह रिजल्ट के बाद पहली बार जब नवरात्र के महानवमी की सुबह अपने गांव चमरहा पहुंचे तो ग्रामीणों द्वारा भव्य स्वागत किया गया
गौरव सिंह की पांचवीं क्लास तक की पढ़ाई गांव में ही हुई है। इसके बाद उन्होंने बनारस के सेंट्रल हिंदू स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास किया । फिर कलिंगा विश्वविद्यालय से मकैनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लिया था ।
DM ने भी किया BPSC TOPPER गौरव का अभिनंदन
65वीं बीपीएससी टॉपर रोहतास जिले के रहनेवाले श्री गौरव सिंह को अपने कार्यालय कक्ष में जिलाधिकारी श्री धर्मेंद्र कुमार ने सम्मानित किया । साथ ही उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की ।
लोगों को सीढ़ियों से होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी। अब सासाराम रेलवे स्टेशन पर भी लोग लिफ्ट व एक्सीलेटर की सवारी कर पाएंगे। लिफ्ट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सासाराम को आदर्श रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित करने के मकसद से मल्टीकंपलेक्स मार्केट बनाने को मंजूरी भी मिल गई है ।
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लिफ्ट और मल्टी कॉम्प्लेक्स का टेंडर निकल गया है
लिफ्ट निर्माण की प्रकिया जल्द पूरा करने के उद्देश्य से रेल विभाग ने टेंडर निकाल दिया है । लिफ्ट लगाने का काम एफओबी कंपनी के को करना होगा । रेलवे भूमि विकास प्राधिकारण ने मल्टी कांप्लेक्स मार्केट बनाने के लिए भी टेंडर जारी किया है।
चौथी बार मल्टिकॉप्लेक्स का टेंडर निकला है
रेलवे भूमि विकास प्राधिकारण (आरएलडीए) ने चौथी बार मल्टी कांप्लेक्स मार्केट निर्माण के लिए टेंडर निकाला है ।
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काफी देरी हो चुकी है प्रोजेक्ट में
आपको बताते चलें कि 10 वर्ष पहले ही सासाराम को मॉडल रेलवे स्टेशन बनाए जाने को मंजूरी मिली थी । इसी क्रम में स्वचालित सीढ़ी और मल्टिकॉन्प्लेक्स भी बनाया जाना था । स्थानीय सांसद और डीआरएम ने 2019 में इस योजना का शिलान्यास भी किया था । लेकिन रेल अधिकारियों द्वारा दिए आरटीआई जबाब के अनुसार पैसों की कमी के कारण यह योजना बंद था । वायरल महामारी भी एक मुख्य कारण बताया गया था ।
” सासाराम कि गलियां” ने कई बार सांसद से मिलकर इस मुद्दे को सुलझाने का आग्रह किया था
“सासाराम कि गलियां” संगठन स्वचालित सीढ़ी और मल्टिकांप्लेक्स को पूरा करने का मांग हमेशा से उठते आया है । कई बार हमलोग सांसद से आग्रह भी किए थे । आपको याद होगा कि, 2 महीने पहले “सासाराम की गलियां” ने सांसद के सुपुत्र सह भाजपा नेता रवि पासवान से मुलाकात करके कई मुद्दों पर डिटेल चर्चा किया था । जिसके बाद कई काम पूरा भी हुआ । अगर आपको नहीं याद है तो कृपया इन लिंको पर क्लिक करके डिटेल में जानिए
लिफ्ट, एक्सीलेटर और मल्जिकॉप्लेक्स से लोगों में उत्साह
पहले से मिली मंजूरी और लिफ्ट लगाए जाने को लेकर रेलवे के फैसले से स्थानीय लोग बेहद उत्साहित है । प्रोजेक्ट में देरी के बाद भी , रेलवे द्वारा फिर से टेंडर निकालने से लोगों को आशा की किरण दिखाई दे रही है । स्वचालित सीढ़ी के लगने से विकलांग, वृद्ध लोगों व बीमार लोगों को बेहद सुविधा होगी ।
स्टेशन अधीक्षक ने “सासाराम कि गलियां” से क्या कहा ?
स्टेशन अधीक्षक कमल किशोर पांडेय ने “सासाराम की गलियां” को बताया कि रेलवे स्टेशन सासाराम पर पूर्व की लंबित योजनाएं जैसे कि लिफ्ट, मल्टीप्लेक्स लगाने की योजना स्वीकृत की गई है । इसका टेंडर रेल विभाग द्वारा निकाला जा चुका है । इनका प्रयास है की जो भी योजनाएं स्वीकृत हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पूरा किया जाए ।
65वीं बीपीएससी (65th BPSC) के टॉपर गौरव सिंह बने हैं जो सासाराम के रहनेवाले हैं . टॉप 10 में दो लड़कियां भी शामिल हैं। खास बातचीत में गौरव सिंह (Gaurav Singh) ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि उनका रिजल्ट अच्छा आयेगा लेकिन टॉप करने के बारे में नहीं सोचा था.
गौरव ने कहा कि यह उनका तीसरा प्रयास था, इससे पहले भी वह बीपीएसी के लिए सेलेक्ट हुये थे लेकिन इस बार बेहतर रैंक के लिए फिर से परीक्षा दी है.
गौरव कुमार ने फिलहाल पुणे में हैं. गौरव ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उन्हें इससे पहले भी बीपीएसी में सफलता मिल चुकी है. उन्होंने बीटेक के बाद जॉब छोड़कर कमीशन कि तैयारी शुरू की थी.
गौरव के पिता जी नहीं हैं
गौरव ने बताया कि उनके पिता जी इस दुनिया में नहीं हैं, ऐसे में उन्हें उनकी मां ने भी बहुत सपोर्ट किया है ।
2019 में बहुत निराश हो गए थे गौरव
गौरव ने 2019 में यूपीएससी कि परीक्षा दिया था , लेकिन सफलता नहीं मिलने पर काफी निराश हो गए थें . गौरव ने कहा कि वैसे तो वह 2018 से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं लेकिन 2019 में उन्होंने सबसे ज्यादा मेहनत की थी. इसलिए उन्हें जब सफलता नहीं मिली तो वह काफी निराश हुये थे. लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारा और मेहनत जारी रखा .
सासाराम इनका नानी गांव है, यहीं रहते थें गौरव
गौरव ने बताया कि वैसे तो उनका गांव यूपी में हैं. लेकिन, उनके पिता के गुजरने के बाद वह बिहार के सासाराम अनुमंडल के शिवसागर थाना अंतर्गत चमरहां गांव में अपने नानी घर आकर रहने लगे. यहां पर उनके उनके मामा और परिवार के दूसरे सदस्यों ने काफी सहयोग किया.
कल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर बाबा नगरी देवघर के जसीडीह को नई ट्रेन का तौफा मिला है। बाबाधाम के अलावा अन्य जगहों को भी इस तौफे का छोटा हिस्सा मिलेगा , सासाराम भी उन जगहों में शामिल है ।
नई ट्रेन देवघर(जसीडीह)-पुणे वाया गया वीकली एक्सप्रेस का परिचालन 27 सितंबर से होगा । रेल मंत्री जसीडीह में वर्चुअल माध्यम से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे । इस ट्रेन के चलने पर बाबा नगरी से महाराष्ट्र के बीच सीधी रेल सेवा शुरू हो जाएगी ।
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सासाराम में भी यह ट्रेन रुकेगी | New Pune jasidih Train stoppage at sasaram
पुणे-जसीडीह साप्ताहिक एक्सप्रेस (11427) पुणे से शुक्रवार की सुबह 06:10 बजे खुलेगी, जो अगले दिन यानी शनिवार को सुबह 07:40 बजे सासाराम स्टेशन पर ठहराव करते हुए शाम 03:45 में जसीडीह पहुंचेगी ।
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जबकि जसीडीह-पुणे साप्ताहिक एक्सप्रेस (11428) जसीडीह से रविवार की रात 08.25 बजे खुलेगी, और सासाराम स्टेशन पर रुकते हुए अगले दिन यानि मंगलवार सुबह 09.40 बजे पुणे पहुंचेगी ।
शहरवासियों में खुशी की लहर
ट्रेन के शुरू होने पर पुलिस पब्लिक हेल्पलाइन के कुंडल सिंह, जावेद अख्तर ,श्याम सुंदर पासवान, ऋतुराज, जयप्रकाश नारायण, पतंजलि मिश्रा ,धनंजय मेहता सूर्यनाथ सिंह एवं आलोक सिंह एवं मोहम्मद फैयाज इत्यादि सदस्यों ने खुशी जाहिर कर रेलवे बोर्ड एवं जोनल अधिकारियों के प्रति आभार प्रकट किया है ।
पुणे-जसीडीह ट्रेन में सुविधाएं
Time Table Of Pune Jasidih Train
पुणे-जसीडीह साप्ताहिक एक्सप्रेस में 06 सेकेंड सीटिंग , 08 स्लीपर , 05 थर्ड एसी तथा 01 सेकेंड एसी 1 एवं 02 एसएलआर कोच होंगे ।
कल Sasaram Ki Galiyan के अपील पर , सासाराम के 2 फरिश्तों ने अपना निजी काम छोड़कर मानवता का सेवा किया है । अकबरपुर निवासी समाजसेवी न्याजी जी ने हमें सूचना दिया कि मऊ की रहने वाली एरिना प्रवीण का एक्सिडेंट हो गया था और उन्हें ब्लड कि सख्त जरूरत है , हो सके तो व्यवस्था करवाने में मदद करें । उनके परिजन जुबैर अहमद जी का संपर्क सूत्र भी साझा किया था। ये लोग हमारे लिए अनजान व्यक्ति थें ।
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हमने अपने सभी संपर्क सूत्रों के माध्यम से यह सूचना खास लोगों तक पहुंचा दिया । इस फेसबुक पेज पर भी , हमारे द्वारा खून देने के लिए अपील किया गया था ( कल का Facebook पोस्ट देखें ) । 20 मिनट के अंदर मानवता के सच्चे सिपाही और हमारे पर प्रिय पुराने सदस्य अकील ने हमें वॉट्सएप के माध्यम से खून दान देने की इक्षा जताया ।
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हमारे इस पेज के दूसरे परम प्रिय सदस्य और मानवता के सच्चे सिपाही राकेश जी ,जो की सासाराम में ही आईटीआई शिक्षक हैं , उन्होंने भी खून दान करने के लिए हमसे संपर्क किया । शाम तक दोनों लोगों ने एरिना के लिए फरिश्ता या देवदूत बन कर अपने शरीर का बहुमूल्य खून दान किया ।
तीसरे महान व्यक्ति ने भी खून दान किया था, जिनके बारे में हमें नहीं मालूम है । वो किसी और माध्यम से गए होंगे । आपको बताते चलें की कुल 3 यूनिट खून की जरुरत थी, सभी लोगों ने 1 -1 यूनिट ब्लड दान किया ।
सासाराम शहर के आप तीनों रक्तविरों को “सासाराम कि गलियां” संगठन तहे दिल से बहुत बहुत धन्यवाद करता है और मानव सेवा के लिए समर्पण के जज्बे को ग्रेट एंड ग्रैंड सैल्यूट करता है ।
रक्षाबंधन के अगले रविवार को मांझर कुंड में हर वर्ष हजारों सैलानी पिकनिक मनाने जुटते हैं । आज भी यही मौका है , मतलब आज 2021 में रक्षाबंधन का ठीक अगला रविवार है । इस मौके पर दूर दराज से लोग खाने कि बर्तनों और सामग्रियों के साथ अपने पसंदीदा पिकनीक स्पॉट मांझर कुंड में पहुंचे हुए हैं ।
मांझर कुंड में सैलानियों की भीड़
जगह जगह अपने ग्रुप के लोगों के साथ सैलानी मुर्गा भात, लिट्टी चोखा, लिट्टी मुर्गा का आनंद ले रहे हैं । जबकि कुछ लोग घर से रेडीमेड खाना भी लेकर पहुंचे हुए हैं ।
मांझर कुंड में पिकनिक मनाते सैलानी
यहां पर खुशी का माहौल है । रोजमर्रा के भाग दौड़ भरी जिंदगी से ब्रेक लेकर सैलानी आज एन्जॉय करने अपने सगे संबंधियों के साथ बिंध्य पर्वत श्रृंखला के कैमूर पहाड़ी अन्तर्गत सासाराम स्थित मांझर कुंड में पहुंचे हुए हैं ।
सासाराम स्थित मांझर कुंड में एन्जॉय करते सैलानी
सिक्ख और हिन्दू धर्म के लिए ख़ास है मांझर कुंड
धुआं कुंड में स्थित प्राचीन शिव मंदिर
प्राचीन काल से ही साधु संत और ऋषि मुनियों की तपोस्थली रही है । यहां पर आप कई संतो के आश्रम की इमारतें, मंदिर इत्यादि आज भी देख सकते हैं ।
धुआं कुंड में स्थित यह गुफा ऋषि मुनियों की तपोस्थली है
सासाराम के सिक्ख समाज के लोग यहां पर तीन दिनों तक तीर्थ के रूप में बिताया करते थें । इस मौके पर गुरु ग्रंथ साहिब भी लाया जाता था ।
मांझर कुंड में मौज़ मनाते सैलानी
लेकिन धीरे धीरे मांझर कुंड पर दस्यु व असामजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगा । खाने पीने वाले लोग भी जुटने लगे । इस कारण अब गुरु ग्रंथ साहिब को नहीं लाया जाता है । सासाराम के गुरुद्वारा में ही रख दिया जाता है ।
युवाओं और वयस्कों में उत्साह
सासाराम स्थित मांझर कुंड में एन्जॉय करते सैलानी
मांझर कुंड जलप्रपात की प्राकृतिक छटा के पास युवाओं एवं वयस्कों में पिकनिक के लिए खासा उत्साह रहता है ।सासाराम जिले के अलावा अन्य जगहों से लोग हाथ में बर्तन, गैस चूल्हा व अन्य सामान के साथ बाइक व चारपहिया वाहन से मांझर कुंड जलप्रपात के पास पिकनिक मनाने पहुंचते है ।
सासाराम का लाईफ लाइन कहा जाने वाला पत्थर उद्योग कभी बिहार , पूर्वांचल तथा झारखंड तक को डायरेक्ट या इंडायेक्ट रूप से रोजगार तथा सस्ते माल मुहैया करवाता था ।
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उत्तर प्रदेश, बिहार ,झारखंड में भी सासाराम का सिक्का चलता था
आपको बताते चलें कि, पत्थर उद्योग सासाराम से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और सीमावर्ती पश्चिम बंगाल तक ट्रकों में भर भर कर गिट्टी जाया करता था ।
गिट्टी लदा हाईवा ट्रक | Stone Industry Sasaram
सासाराम और पास के इलाकों में गिट्टी बहुत सस्ता भी हुआ करता था । जो लोग घर बनवा रहें है वो जानते ही होंगे गिट्टी का भाव , तब और अब में कितना अंतर आ गया है ।
सबका साथ , सबका विकास
पत्थर उद्योग
इस उद्योग की खासियत थी कि, यह सबको अपना लेता था। छोटे पूंजी वालों से बड़े पूंजी वालों तक सबको फायदा देता था । कोई भी इसमें पैसा लगाकर लॉस में नहीं डूबता था ।
ट्रक | pc : truck Lovers
ट्रैक्टर वाले से लेकर गिट्टी तोड़ने वाले मजदूर, क्रेशर चालक , ट्रैक्टर मालिक,ट्रैक्टर चालक,पहाड़ मालिक सब के सब इससे खुशहाल थें ।
“फर्श से अर्श” और “अर्श से फर्श” का सफर
Stone Mines Chandani Chowk,Karwandia,Sasaram
बिहार झारखंड के बंटवारे के बाद एक तरफ जहां पूरा बिहार कंगाली के चरमुहाने पर खड़ा था,तब सासाराम अपने पैरों पर खड़ा होने की तैयारी कर रहा था । सासाराम का तरक्की का रफ्तार दुगना तिगुना हो चुका था , बाज़ार में ब्रांड्स आना शुरू होने लगे थे, सबसे ज्यादा छोटे बड़े शोरूम भी इसी समय खुले थे ।
Stone Mines Bansa,,Sasaram
होटल भी फल फूल रहे थे । सासाराम में सबसे ज्यादा होटल उसी दौर में खुले थें । पत्थर उद्योग के आखिरी दौर में रेस्टुरेंट बिजनेस भी लहलहाने लगा था । शहर के अंदर और शहर के बार डेहरी से लेकर सासाराम हाईवे पर कई रेस्टुरेंट खुलने लगे थें ।
शाम में सासाराम का बाज़ार और चकाचौंध
जब पत्थर उद्योग चरम पर था तब, सासाराम के मुख्य बाजारों कि सड़कों पर शाम के समय में एक से एक महंगी गाडियां सन – सन दौड़ा करती थी । उन गाड़ियों में से बड़े बड़े बिजनेसमैन निकलते थें । नीचे उतर कर खाने – पीने की दुकानों और कपड़ों की दुकानों पर पानी की तरह पैसे बहते थें ।
Stone Mines Karwandia ,Sasaram | In Frame : Manish Maurya ( Founder Of : Sasaram Ki Galiyan | pic by : Mr Khwaza
प्रायः पहाड़ से जुड़े बिजनेसमैन अकेले नहीं चलते थें, जब भी चलते थें उनके साथ कम से कम 5-10 मित्र/साथी और स्टाफ जरूर होते थें । दुकानों पर कैसे हजार दो हजार कैसे खत्म हो जाया करता थें, उसकी आप कल्पना नहीं कर सकते हैं ।
क्राइम भी था चरम पर था
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उस दौर में पूरा बिहार अपहरण उद्योग का शरणार्थी बन चुका था । हर तरफ माफिया, गुंडे, बदमाशों का बोल बाला था । नई सरकार के बनने के बाद इस पर कंट्रोल होना शुरू हो गया । ऐसे में जहां पैसे होंगे ,वहां कौन नहीं किस्मत आजमाना चाहेगा । सासाराम में तो दुधारू गाय थी , इसलिए सासाराम में भी बड़े बड़े अपराधी जुट रहे थें ।
क्या पर्यावरण को खतरा था ?
Stone Mines ,Sasaram | Pc : Gargi Manish
बेशक प्राकृतिक संसाधनों के ओवर एक्सपोलाइटेशन से पर्यावरण को नुक्सान तो होता ही है । चाहे वह पानी, बालू, गिट्टी, कोयला, सोना, चांदी ,लकड़ी ही क्यूं नहीं हो ।
पर्यावरण के साथ उद्योग बचाने का कोई रास्ता था ?
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जिस तरह से मानव की जरूरतों को पूरा करने के लिए आज भी दुनिया भर में सोना, चांदी , मिनरल का खनन होता है उसी तरीके से अगर सासाराम के पत्थर उद्योग से कंट्रोल्ड यानी “निगरानी के साथ सीमित मात्रा में” खनन होता और
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लाइसेंस देने के समय है वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने की प्रतिबद्धता सुनिश्चित कर दी जाती तब , पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचता । रोड ऐक्सिडेंट को रोकने के लिए , रोड नहीं बंद किया जा सकता ।
पर्यावरण सुरक्षा के लिए जनसंख्या नियंत्रण जरूरी है
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जिस तरह से देश की जनसंख्या बढ़ रही है, बिना इस पर नियंत्रण किए, प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा, सबका विकास, सबको रोजगार, सबको इलाज , सबको शिक्षा, सबको संसाधनों तक पहुंच होने की बातें करनी ही बेईमानी है ।
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हमारी सरकारें वोट बैंक की लालच में ठोस निर्णय लेने से बचती हैं , जबकि शॉर्टकट तुरंत अपना लेना चाहती हैं । यही कारण है की लाखों, करोड़ो खर्च होने के बाद भी स्थाई बदलाव संभव नहीं हो पाता है ।
नियम कानून और इंप्लीमेंटेशन भी जरूरी
पत्थर उद्योग
प्राकृतिक संसाधनों के लिए कड़ा कानून और एक्चुअल इंप्लीमेंटेशन भी जरूरी है । यह नियम सबको ध्यान में रख कर बनाए जाने चाहिए , खनन को कंट्रोल्ड रखना चाहिए ।
सब ख़तम हो गया , पत्थर उद्योग बंद होने से
अवैध खनन करते लोग | यह तस्वीर 22 अगस्त 2021 का है , और मैंने खुद लिया है
हालांकि, अवैध खनन और पर्यावरण का नुकसान अब भी जारी है , लेकिन इससे शहर का विकास नहीं होता क्यूंकि सिर्फ गिने चुने मुट्ठी भर माफिया ही संलिप्त है इसमें । छोटे और ईमानदार कारोबारीयों के बस में नहीं है इसमें हाथ लगाना ।
पत्थर उद्योग सासाराम ( अवैध खनन अभी भी हो है ) | तस्वीर : 22-08-2021
पहले नियम से टूटता था पहाड़,अब अंधाधुंध टूटता है । इससे तो उल्टा लॉस ही हुआ समाज,सरकार और पर्यावरण को ।
सासाराम
नोट : यह पोस्ट सासाराम के लोगों पर निर्भर करेगा कि, वो कितना इसको शेयर करते हैं और रोजगार तथा विकास के लिए कितना चिंतित हैं । यह एक रिस्की विषय था,लोग इसपर लिखने पर प्रायः बचते हैं , कई माफिया इस उद्योग को बन्द कराने में सरकार के प्रियतम बने बैठे थें । रशुखदारों द्वारा सरकार पर दबाव बनाकर पहाड़ बंद करवाना उनके निजी बिजनेस के चलने के लिए बेहद जरूरी था ।