Thursday, December 5, 2024
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अति प्राचीन है बिक्रमगंज का मां यक्षिणी भवानी भलुनी धाम , मिलते हैं लंगूर

सासाराम से 52 किलोमीटर और बिक्रमगंज अनुमंडल से करीब 16 किमी दूर नटवार रोड में दिनारा प्रखंड मुख्यालय से सात किलोमीटर पूरब भलुनी स्थित यक्षिणी भवानी धाम अत्यंत प्राचीन और प्रसिद्ध शक्तिपीठ है ।

सनातन धर्म के ग्रंथो में भलुनी भवानी धाम !!

श्रीमद देवी भागवत, मार्कण्डेय पुराण के अलावे वाल्मीकि रामायण में भी यक्षिणी भवानी का वर्णन मिलता है।

पौराणिक इतिहास !!

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Temple Gate : Yakshini Bhaluni Bhawani

धार्मिक ग्रंथो के अनुसार देवासुर संग्राम के बाद अहंकार से चूर हो चुके देवताओं के राजा इंद्र को यक्षिणी देवी ने यहीं पर सत्य का पाठ पढ़ाया था । इंद्र ने देवी दर्शन के बाद उनकी स्थापना किया था । धार्मिक ग्रंथो में कहा गया है कि हंस पृष्ठे सुरज्जेष्ठा सर्पराज्ञाहिवाहना, इन्द्रस्यच तपो भूमिरू शक्तिपीठ कंचन तीरे। यक्षिणी नाम विख्याता त्रिशक्तिश्च समन्विता।

मां दुर्गा का ही एक नाम है यक्षिणी !!

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Godess Yakshini Bhaluni Bhawani

पुराणों व अन्य धर्म ग्रंथों के अनुसार भलुनी भवानी देवी अति प्राचीन हैं । यक्षिणी मां दुर्गा का ही एक नाम है।

मंदिर में क्या क्या है ?

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Sai Temple

मां यक्षिणी भलुनी भवानी धाम के मंदिर में यक्षिणी देवी की प्रतिमा के अलावे भगवान शंकर व कुबेर की प्राचीन प्रतिमा भी स्थापित है । इतिहासकार इसे पूर्व मध्यकालीन बताते हैं ।

मंदिर का नवनिर्माण से पुनर्निर्माण की यात्रा !!

मां यक्षिणी भलुनी भवानी धाम मंदिर का पुनर्निर्माण आधुनिक काल में हुआ है । आपको बताए चलें कि देवी की प्रतिमा सहित मंदिर में स्थापित अन्य प्रतिमाएं पूर्वमध्यकालीन हैं।

विशेष महत्व का तालाब !!

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Lake : Yakshini Bhaluni Bhawani

मां यक्षिणी भलुनी भवानी धाम मंदिर के बाहर एक अति प्राचीन और अति विशाल तालाब है।

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आसपास में वनों के अवशेष आज भी विद्यमान हैं। इन जंगलों में काफी संख्या में लंगूर रहते हैं । दादा परदादा के समय में भलुनी धाम के जंगल लगभग 35-40 एकड़ में फैले हुए थें, लेकिन आधुनिकता के रेस में अवैध तरीके से पेड़ों के निरंतर कटाई से जंगल सिकुड़ता चला गया।

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यहां के जंगलों में जड़ी बूटियों का संग्रह भी था । प्रशासनिक उदासीनता के कारण सब कुछ समाप्त होने के कगार पर है।

संरक्षित है इलाका !!

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Godess Yakshini Bhaluni Bhawani

सरकार द्वारा मैदानी इलाके के इस वन क्षेत्र के लिए को बचाने के लिए इसे वन्य आश्रयणी घोषित किया गया है। ।

शौचालय और पानी की व्यवस्था !!

मां यक्षिणी भलुनी भवानी धाम में पीने के पानी और शौचालय की अच्छी व्यवस्था है । आप आराम से यहां पर परिवार के संग समय बिता सकते हैं ।

कैसे पहुंचे मां यक्षिणी भलुनी भवानी धाम ?

रेल : नजदीकी रेलवे स्टेशन बिक्रमगंज है । सासाराम और पटना ,आरा से पहुंचा जा सकता है ।

रोड : जिला मुख्यालय सासाराम से 52 किलोमीटर और बिक्रमगंज अनुमंडल से करीब 16 किमी दूर नटवार रोड में      दिनारा प्रखंड मुख्यालय से सात किलोमीटर पूरब ।

हवाई जहाज : नजदीकी एयरपोर्ट पटना है । बनारस और गया भी विकल्प हो सकता है ।

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