Wednesday, October 29, 2025
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सासाराम के मां तुतला भवानी धाम में 52 लाख से बनेगा हर्बल पार्क , प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई | Great ! Herbal Park At Tutla Bhawani

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Herbal Park At Tutla Bhawani
Herbal Park At Tutla Bhawani

Herbal Park At Tutla Bhawani : प्राकृतिक संपदा से भरपूर मां तुतला भवानी धाम में लगभग 52 लाख रुपए की लागत से बनने वाले हर्बल पार्क से इलाके की सूरत बदल जाएगी । बिहार सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा हर्बल पौधों को बढ़ावा देने के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं । इस अभियान को बढ़ावा देने के लिए जिलामुख्यालय सह विधानसभा सासाराम के तिलौथू प्रखंड अंतर्गत मां तुतला भवानी धाम परिसर में औषधीय पार्क का निर्माण किया जाएगा ।

जल जीवन हरियाली मिशन के तहत पार्क निर्माण

औषधीय पार्क की स्थापना जल जीवन, हरियाली मिशन के अंतर्गत किया जाना है । इस पार्क में मुख्य रूप से आंवला, हर्रे, बहेरा समेत अन्य औषधीय गुणों वाले पौधे रहेंगे ।

52 लाख रुपए खर्च होंगे 

वन विभाग द्वारा लगभग 52.17 लाख रुपये के लागत से इस पार्क का निर्माण कराया जाएगा , आपको बताते चलें की इसके लिए प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई है।

मां तुतला भवानी धाम इको पार्क के रूप में विकाशिल

डीएफओ प्रद्युम्न गौरव के अनुसार वन विभाग द्वारा मां तुतला भवानी धाम को इको पार्क के रूप में भी विकसित किया जा रहा है।

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पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार सृजन भी होगा

जिला मुख्यालय सह विधानसभा सासाराम के मां तुतला भवानी धाम में औषधीय पार्क (Herbal Park At Tutla Bhawani) निर्माण से जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं बड़े पैमाने पर रोजगार भी मुहैया होगा।

हर्बल पार्क में आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति

हर्बल पार्क के लिए तीन से चार आयुष चिकित्सक की तैनाती भी की जानी है। ये चिक्तसिक हर्बल पौधों की क्वालिटी व ट्रीटमेंट सुनिश्चित करेंगे।

हर्बल पार्क की खास बातें | Key features of Herbal Park At Tutla Bhawani 

औषधीय पार्क में सुगंधित हर्ब गार्डन, स्पाइस हर्ब, किचन हर्ब, सजावटी जड़ी बूटी उद्यान, कास्मेटिक हर्ब , सिंचाई नेटवर्क और सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था, जड़ी बूटी प्रसंस्करण, जड़ी बूटी तेल इकाई, हर्ब्स आयल यूनिट, आंवला जूस प्रोसेसिंग यूनिट, आंवला कैंडी बनाने की इकाई, एलोवेरा जेली और जूस प्रोसेसिंग यूनिट, जिंजर व हल्दी सुखाने की इकाई, हर्बल शैम्पू और साबुन बनाने की इकाई, हर्ब्स स्टोरेज कूलिंग यूनिट, जड़ी बूटी संरक्षण इकाई, जैविक उर्वरक उत्पादन इकाई समेत अन्य सुविधाएं हर्बल पार्क में उपलब्ध कराई जाएगी।

रोहतास के आनंद ने NIT में किया टॉप , मिला गोल्ड मेडल ! 12 वीं में भी जिला टॉपर थें, अब UPSC भेदने की तैयारी | NIT Topper Gold Medalist Anand

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NIT Topper Gold Medalist Anand
NIT Topper Gold Medalist Anand

NIT Topper Gold Medalist Anand :जिला रोहतास के बिक्रमगंज अनुमंडल सह प्रखंड अंतर्गत पावड़ा गांव निवासी आनंद कुमार सिंह ने NIT अरुणाचल प्रदेश में टॉप किया है। अरुणाचल प्रदेश NIT के मैकेनिकल इंजीनियरिंग कॉलेज में टॉप होने पर कॉलेज प्रबंधन द्वारा आनंद को गोल्ड मेडल से नवाजा गया है ।

आनंद का बचपन अरुणाचल प्रदेश में गुजरा है

आनंद कुमार सिंह की प्रारंभिक शिक्षा अरुणाचल प्रदेश के मेयांव में ग्रहण किया है । बिहार के सासाराम/रोहतास में इनका पैतृक निवास है ।

शिक्षित परिवार से ताल्लुक है आनंद का

आनंद के पिता उपेंद्र नारायण सिंह अरुणाचल प्रदेश के मेयांव एबीसी ऑफिस में सूचना अधिकारी हैं। माता रीना सिंह भी मेयांव के एक विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। आनंद की माता रीना सिंह ने बताया कि आनंद बचपन से ही किताबों का शौकीन था।

12वीं में मेयांव के सरकारी विद्यालय में आनंद ने किया था जिला टॉप

गोल्ड मेडलिस्ट आनंद ने 2014 में केंद्रीय विद्यालय मेयांव से मैट्रिक की परीक्षा पास किया थी। 2016 में मेयांव के सरकारी विद्यालय से 12वीं की परीक्षा में 87% अंक लाकर जिला टॉपर बना था।

कोटा में तैयारी किया आनंद ने

12वीं की परीक्षा में जिला टॉपर होने के बाद आनंद अपने जीवन के अगले पड़ाव की ओर चल पड़ा । 2016 में जेईई मेंस की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा चला गया।

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2017 में NIT अरुणाचल प्रदेश के मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में उसका चयन हुआ। आनंद ने 2017 से 2021 बैच में अरुणाचल प्रदेश एनआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी किया और टॉपर भी बना ।

गोल्ड मेडल से नवाजा गया

9 दिसंबर 2021 को NIT अरुणाचल प्रदेश के मैकेनिकल इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रबंधन ने टॉपर बनने पर आनंद को गोल्ड मेडल से नवाजा।

वेदांता कंपनी में इंजीनियर हैं NIT Topper Gold Medalist Anand

टॉप करने के बाद अनेकों कंपनियां कैंपस सिलेक्शन के माध्यम से ऑफर दिया लेकिन आनंद ने 22 जुलाई 2021 को वेदांता कंपनी को ज्वाइन कर लिया था और वेदांता के प्रति निष्ठा और वफादारी है , इसलिए वो वेदांता में ही बने हुए हैं ।

आनंद की निगाहें अब UPSC टॉपर बनने पर

आनंद कुमार सिंह की माता रीना सिंह कहती हैं कि उनके बेटा का लक्ष्य यूपीएससी में टॉप करना है। आनंद सिविल सर्विसेज की तैयारी में अभी से ही लग गया है। और जॉब के साथ-साथ वह यूपीएससी की तैयारी कर रहा है उसका लक्ष्य है कि वह सिविल सर्विसेज की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर अपने माता पिता के साथ बिहार एवं बिक्रमगंज स्थित अपने गांव का नाम रोशन कर सकें।

शिक्षा विभाग का नया कार्यालय बनेगा सासाराम में , दुख के दिन बीते रे भैया ! New Deo Office will be opened in Sasaram

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New Deo Office will be opened in Sasaram
New Deo Office will be opened in Sasaram

नगर निगम क्षेत्र के मोर सराय में शिक्षा विभाग का अपना कार्यालय बनेगा । विभागीय निर्देश के आलोक में शिक्षा भवन निर्माण को लेकर उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मोर सराय परिसर में भूमि उपलब्ध हुई है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराई गई भूमि का डीईओ संजीव कुमार के नेतृत्व में गई अधिकारियों की टीम ने निरीक्षण कर उसकी प्रकृति का जायजा लिया। भूमि सत्यापन उपरांत शिक्षा भवन निर्माण की दिशा में अग्रतर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेजा जा रहा है।

जर्जर भवन में संचालित हो रहा है कार्यालय

मौजूदा समय में फजलगंज स्थित परियोजना कैंपस के अंदर शिक्षा विभाग का कार्यालय है । इसका भवन बहुत ही जर्जर स्थिति में है । कभी भी हादसा होने का खतरा बना रहता है ।

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कर्मचारियों का वर्किंग कंडीशन दयनीय

मौजूदा शिक्षा विभाग के जर्जर कार्यालय में सुविधाओं की घोर कमी है, दीवार टूट रहे हैं । बरसात में पानी भी टपकता है । टूटी हुई खिड़कियों से सर्दियों में ठंडी हवा और गर्मियों में लू कमरे में प्रवेश करता है । इस स्थिति में काम करना कर्मचारियों के लिए युद्ध लड़ने से कम कठिन नही है ।

अपर मुख्य सचिव जर्जर भवन को देख , दंग रह गए थे

लगभग छह माह पूर्व निरीक्षण में पहुंचे विभाग के अपर मुख्य सचिव आफिस की जर्जर स्थिति देख दंग रहे गए थे। उन्होंने नए भवन निर्माण के लिए भूमि का चयन कर प्रस्ताव भेजने का निर्देश डीईओ को दिया था।

लालगंज में जमीन मिला तो गरीबों में बंट गया

ज्ञात हो कि गत एक दशक से डायट परिसर स्थित जर्जर भवन में संचालित हो रहे शिक्षा विभाग कार्यालय को अपना भवन हो इसे ले बीते दो वर्ष से प्रयास जारी था। डीईओ के पत्र पर जिला प्रशासन द्वारा शहर से सटे लालगंज में भूमि मुहैया कराई गई थी, लेकिन जांच में उक्त भूमि वास योजना के तहत पहले से ही भूमिहीनों को आवंटित कर दी गई थी। मामला संज्ञान में आने के बाद भूमि उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे थे।

अब सासाराम नगर निगम के मोरसराय में बनेगा कार्यालय

Deo Office sasaram rohtas
जर्जर हालत में मौजूदा शिक्षा विभाग और जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय , सासाराम , रोहतास | Deo Office sasaram rohtas

शिक्षा विभाग के अधिकारी नई भूमि की तलाश करते हुए शहर से सटे उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मोर सराय व सेमरा के प्रधानाध्यापक को पत्र भेज शिक्षा भवन निर्माण के लिए तत्काल दस कट्ठा भूमि उपलब्ध कराते हुए अनापत्ति प्रमाणपत्र देने का निर्देश दिया था। जिसके बाद विद्यालय प्रबंध ने दो भूमि उपलब्ध कराने संबंधी प्रक्रिया को पूरी की।

सासाराम Dm धर्मेंद्र कुमार का प्रमोशन हुआ , अन्य 13  IAS अफसर भी अपर सचिव बने | DM Dharmendra And 13 IAS Promoted

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DM Dharmendra And 13 IAS Promoted
DM Dharmendra And 13 IAS Promoted

बिहार में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा के कुल 14 अफसरों को अपर सचिव रैंक (कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड) में प्रोन्नति दी गई है।

किसी को बैक डेट से प्रोन्नति तो किसी को अगले वर्ष में प्रोन्नति

प्रोन्नत होनेवालों में 11 जिलाधिकारी भी शामिल हैं। वर्ष 2012 बैच के अधिकारियों को जहां 1 जनवरी 2021 से, वहीं 2013  बैच के अफसरों को 1 जनवरी 2022 के प्रभाव से प्रोन्नति दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है ।

2013 बैच के आईएएस अफसर

अपर सचिव में प्रोन्न्त होनेवालों में वर्ष 2013 बैच के आईएएस अफसर और नालंदा के डीएम योगेन्द्र सिंह, गोपालगंज के डीएम नवल किशोर चौधरी, भागलपुर के डीएम सुब्रत कुमार सेन,

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पथ निर्माण की संयुक्त सचिव शैलजा शर्मा, सासाराम के डीएम धर्मेन्द्र कुमार (DM Dharmendra), कैमूर के डीएम नवदीप शुक्ला, श्रमायुक्त रंजिता व सहकारिता विभाग के संयुक्त सचिव आनंद शर्मा को भी अपर सचिव में प्रोन्नति दी गई है। 

वर्ष 2012 बैच के अफसर

आपको बताते चलें की , वर्ष 2012 बैच के अफसर और सहरसा के डीएम कौशल कुमार, पश्चिम चंपारण के डीएम कुंदन कुमार, शेखपुरा की डीएम इनायत खान, बेगूसराय के डीएम अरविंद कुमार वर्मा, सीतामढ़ी के डीएम सुनील कुमार यादव व मधुबनी के डीएम अमित कुमार भी प्रोन्नति में शामिल हैं।

सासाराम के पंडुका में 1अरब 96 करोड़ के पुल निर्माण से 120 किलोमीटर की दूरी बन जाएगी सिर्फ 20 किमी ! बिहार झारखंड और मध्यप्रदेश जुड़ेंगे | Panduka Bridge Construction will reduce 120Km distace to 20km

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Panduka Bridge Construction
For Representation Only : Panduka Bridge Construction

सासाराम लोकसभा क्षेत्र के नौहट्टा प्रखंड अंतर्गत सोन नदी के ऊपर पंडुका गांव में एक अरब 96 करोड़ 12 लाख रुपये की लागत से बनने वाले पुल को लेकर सेतु निर्माण निगम द्वारा संविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

केंद्र सरकार से राशि का आवंटन व कार्य की स्वीकृति भी मिल गई है। कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से 24 माह के अंदर कार्य को पूरा करना है । इस पुल की देखरेख निर्माण कंपनी को ही अगले 10 वर्षो तक करना होगा । आपको बताते चलें की संविदा में 26 कंपनियों ने भाग लिया है, जिसकी तकनीकी बीट अक्टूबर में ही खुल गई है। जांच में सभी कंपनी के दस्तावेज सही पाए गए है।

20 किमी हो जाएगी 120 किमी की दूरी 

आपको बताते चलें की इस पुल के निर्माण हो जाने से सासाराम/रोहतास (जिला) और झारखंड एक सूत्र में बंध जाएंगे । अभी की 120 किलोमीटर की दूरी पुल निर्माण के बाद 20 किलोमीटर रह जाएगी । झारखंड के गढ़वा, पलामू, लातेहार सहित कई जिलों में नौहट्टा व रोहतास प्रखंड के लोगों का बेटी-रोटी का संबंध है ।

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पुल निर्माण को लेकर स्थानीय सांसद छेदी पासवान ने लोकसभा में कई बार प्रश्न भी उठाया था। इसके अलावा पथ निर्माण एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर पुल को इंटरस्टेट कनेक्टिविटी में जुड़वाने का भी कार्य किया था।

पंडुका पुल से रोहतास के साथ बिहार को फायदा

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पुल निर्माण के बाद नौहट्टा व रोहतास प्रखंड से झारखंड के गढ़वा, पलामू, लातेहार समेत अन्य जिलों की दूरी 120 किलोमीटर कम हो जाएगी। इसके अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र जाने में भी समय व खर्च की बचत होगी। फिलहाल इन जगहों पर जाने के लिए लोगों को डेहरी, औरंगाबाद होते हुए जाना पड़ता है, जिसकी दूरी 120 किलोमीटर अधिक हो जाती है।

तमाम कठिनाइयों के बाद बन रहा है पुल

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2014 लोकसभा चुनाव में पुल का निर्माण 2000 करोड़ रुपये की लागत से किए जाने का एजेंडा शामिल था, कितु किसी कारणवश इसे प्रधानमंत्री पैकेज से हटा दिया गया। अथक प्रयास के बाद इसे इंटरस्टेट कनेक्टिविटी में केंद्रीय पथ निर्माण एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के प्रयास से जोड़ा गया।

सांसद छेदी पासवान ने ” सासाराम कि गलियां” से कहा

सासाराम सांसद ने ” सासाराम कि गलियां” को बताया की पंडूका पुल निर्माण के लिए टेंडर की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसी वित्तीय वर्ष में कार्य शुरू करना है। झारखंड और बिहार को जोड़ने के लिए सासाराम लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत नौहट्टा के पंडुका में यह पुल होगा।  यह पुल बिहार झारखंड को जोड़ने वाला सोन नदी पर पहला पुल भी होगा । विभाग का प्रयास है कि एकरारनामा से 24 माह के अंदर निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाए ।

सासाराम जंक्शन पर हावड़ा – लाल कुंवा एक्सप्रेस का हुआ स्वागत , पहलीबार रुकी ट्रेन | Howrah – Lal Kuan Exp Sasaram

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Howrah Lal Kuan Exp Sasaram
Howrah Lal Kuan Exp Sasaram

सासाराम शहरवासियों को आज नई ट्रेन मिल गई, उत्तराखंड के नैनीताल, रानीखेत, मुक्तेश्वर धाम के यात्रियों में विशेष खुशी की लहर है ।

आज शाम 4 बजे प्लेटफॉर्म संख्या 2 पर हावड़ा – लाल कुंवा एक्सप्रेस को पहली बार रुकते हुए देख कर स्वागत में तैयार बैठे नागरिक, भाजपा कार्यकर्ता व रेल अधिकारी पूरी गर्मजोशी के साथ ड्राइवर एवं ट्रेन का अभिनंदन करने के लिए आगे बढ़ें । ट्रेन में बैठे कई यात्री अपने कैमरे में इस पल को कैद करने लगें , क्योंकि उनमें से कइयों के लिए यह पहला अनुभव था ।

सांसद ने अपने बदले प्रतिनिधि को भेजा 

सांसद छेदी पासवान का पत्र

सांसद छेदी पासवान ने पत्र के माध्यम से अपना स्वागत संदेश भेजा है । ट्रेन के स्वागत में अनुपस्थित रहने पर अपने बदले पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष राधा मोहन पांडे को उन्होंने मनोनित किया है ।

हावड़ा-लालकुआं-हावड़ा एक्सप्रेस शाम 4 बजे पहुंची सासाराम 

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आज गाड़ी संख्या 12353 हावड़ा-लालकुआं-हावड़ा एक्सप्रेस अपने समय अनुसार शाम 4 बजे सासाराम जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या 2 पर पहुंची है । लगभग 10 एस 12 मिनट तक ट्रेन का ठहराव हुआ है । लेकिन आपको बताते चलें कि रोज इतना देर नहीं रुकेगी , 2 मिनट का ठहराव है , इसलिए इससे आने जाने के लिए समय का ध्यान रखिएगा ।

सासाराम जंक्शन पर हावड़ा लाल कुंवा एक्सप्रेस का स्वागत
सासाराम जंक्शन पर हावड़ा लाल कुंवा एक्सप्रेस का स्वागत

पुलिस पब्लिक हेल्पलाइन के कुंडल सिंह, जावेद अख्तर,श्याम सुंदर पासवान इत्यादि सदस्य भी इस ट्रेन के स्वागत में आए हुए थें । आपको बताते चलें कि गाड़ी संख्या 12354 लालकुआं-हावड़ा एक्सप्रेस कल वापसी में सासाराम जंक्शन पर अपने निर्धारित समय अनुसार 09.35 बजे पहुॅच कर 09.37 खुलेगी ।

हावड़ा – लाल कुंवा एक्सप्रेस का रुट 

गाड़ी संख्या 12353/12354 हावड़ा – लाल कुंवा एक्सप्रेस बंगाल के हावड़ा जंक्शन से चलकर गया, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, वाराणसी, रायबरेली, लखनऊ के रास्ते बरेली, इज्जत नगर होते हुए लाल कुआं तक जाती है ।

सासाराम जंक्शन पर हावड़ा – लाल कुंवा एक्सप्रेस का समय 

सासाराम जंक्शन पर हावड़ा लाल कुंवा एक्सप्रेस का स्वागत
सासाराम जंक्शन पर हावड़ा लाल कुंवा एक्सप्रेस का स्वागत

हावड़ा – लाल कुंवा एक्सप्रेस एक साप्ताहिक ट्रेन है और इसका सासाराम में समय इस प्रकार है : गाड़ी संख्या 12353 हावड़ा – लाल कुंवा एक्सप्रेस का सासाराम जंक्शन पर आगमन शाम 4 बजे और प्रस्थान 4:2 मिनट पर । गाड़ी संख्या 12354 लाल कुंवा – हावड़ा एक्सप्रेस सुबह 9:35 बजे सासाराम रेलवे स्टेशन पर आगमन करेगी और 9 :37 में प्रस्थान करेगी ।

26 नवंबर से सासाराम में रुकेगी हावड़ा लाल कुंवा एक्सप्रेस, रेल मंत्रालय ने दी हरी झंडी | Howrah Lalkuan Express Stoppage Sasaram

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Howrah Lalkuan Express Stoppage Sasaram

26 नवंबर से सासाराम जंक्शन से भी यात्री उत्तराखंड के नैनीताल, रानीखेत, मुक्तेश्वर धाम की सैर कर सकेंगे। सासाराम को एक नई ट्रेन का तौफा मिला है, हावड़ा लाल कुंवा एक्सप्रेस का ठहराव सासाराम में शुरू होने जा रहा है । इसी महीना के 26 तारीख से पहली बार सासाराम जंक्शन पर इसका ठहराव शुरू हो जाएगा ।

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आपको बताते चलें कि यह ट्रेन साप्ताहिक होगी । रेल मंत्रालय ने सासाराम जंक्शन पर इसके ट्रायल को मंजूरी दिया है । 6 महीना तक इस ट्रेन को चला कर देखा जाएगा की सासाराम में रुकने से रेलवे को कितना फायदा हो पा रहा है और क्या क्या समस्याएं आ रही हैं । उसके बाद परमानेंट करने का फैसला किया जाएगा ।

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ट्रेन के ठहराव पर पुलिस पब्लिक हेल्पलाइन के जावेद अख्तर, श्याम सुंदर पासवान , कुंडल सिंह सहित अन्य सदस्यों ने हर्ष व्यक्त किया है एवं अन्य ट्रेनों के विस्तार के लिए प्रयास करने का संकल्प दोहराया है ।

एक रेल अधिकारी ने “सासाराम कि गलियां” को बताया कि अगले 48 घंटो में ट्रेन का टाईम टेबल और अन्य स्टॉपेजो की सूचना जारी कर दी जाएगी ।

आपको बताते चलें कि, गाड़ी संख्या 12353/12354 हावड़ा – लाल कुंवा एक्सप्रेस बंगाल के हावड़ा जंक्शन से चलकर गया, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, वाराणसी, रायबरेली, लखनऊ के रास्ते बरेली, इज्जतनगर होते हुए लाल कुआं तक जाएगी ।

केंद्रीय स्वक्षता सर्वेक्षण में सासाराम सबसे गंदा शहर ? जानिए A-Z जानकारी ! इंदौर फिर बना सबसे स्वक्ष शहर | Swachh Survekshan 2021 Dirtiest city sasaram

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Swachh Survekshan 2021
Swachh Survekshan 2021

भारत सरकार द्वारा केंद्रीय स्वक्षता सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 जारी कर दिया गया है । यह सर्वेक्षण बड़े पैमाने पर होने वाला सरकारी सर्वेक्षण हैं , विभिन्न तरह की कैटेगरीयां होती हैं,राज्यों के लिए अलग, जिलों के लिए अलग ,आबादी के आधार पर शहरों का सर्वेक्षण इत्यादि प्रमुख डिविजन हैं ।

छत्तीसगढ़ और झारखंड सबसे स्वच्छ राज्य बिहार को मिला 13 वां स्थान

स्वच्छता की रैंकिंग के लिए राज्यों को दो श्रेणियों में रखा गया था । इनमें 13 राज्य ऐसे हैं जहां 100 से ज़्यादा शहरी स्थानीय निकाय हैं जबकि बाक़ी राज्यों में 100 से कम शहरी स्थानीय निकाय हैं ।

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100 से ज़्यादा निकाय वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ को सबसे स्वच्छ राज्य होने का गौरव हासिल हुआ है, महाराष्ट्र को दूसरा ,मध्यप्रदेश को तीसरा , गुजरात को चौथा,उत्तर प्रदेश को छठा और बिहार को तेरहवां स्थान मिला है ।

एक लाख से अधिक आबादी वाले टॉप-25 शहरों के लिस्ट से बिहार गायब

एक लाख से अधिक आबादी वाले टॉप-25 शहरों और एक लाख से कम आबादी वाले टॉप-25 शहरों में बिहार के एक भी शहर ने स्थान नहीं बना पाया है । कैंटोनमेंट वाले 62 शहर में बिहार से एकमात्र दानापुर 53वें नंबर पर है ।

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आपको बताते चलें कि पिछले वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 में इस कैटेगरी में दानापुर अंतिम पायदान 62वें स्थान पर था । इस बार मामूली सुधार हुआ है ।

जिलों की लिस्ट में सूरत सबसे स्वच्छ ज़िला घोषित

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केंद्रीय स्वक्षता सर्वेक्षण 2021 में गुजरात का सूरत ज़िला देश का सबसे स्वच्छ ज़िला बना है । उसे 100 अंकों के पैमाने पर 93.70 अंक प्राप्त हुए । मध्यप्रदेश का इंदौर दूसरा और राजधानी दिल्ली का नई दिल्ली ज़िला तीसरा सबसे स्वच्छ ज़िला बना है ।

10 लाख के आबादी में सबसे गंदा शहर बना सासाराम

Cleanliness survey
केंद्रीय स्वक्षता सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 जारी करता पैनल

1 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में सबसे गंदे शहर होने का दाग बिहार के सासाराम पर लगा है । सासाराम को जिसे 372 वीं रैंक प्राप्त हुई है । आपको बताते चलें कि मेघालय की राजधानी शिलांग को 371वां और केरल के पालक्काड को 370वां स्थान मिला है ।

बिहार के अन्य शहरों का क्या है हाल ?

1 से 10 लाख आबादी वाले शहरों की लिस्ट की बात करें तो केंद्रीय स्वक्षता सर्वेक्षण 2021 में गया ने 208, बिहारशरीफ ने 23, हाजीपुर ने 246, मुजफ्फरपुर ने 250, मुंगेर ने 263, दरभंगा ने 268, छपरा ने 270, बेगूसराय ने 284, बगहा ने 299, मोतिहारी ने 308, बेतिया ने 33,
सहरसा ने 35, दानापुर ने 37, किशनगंज ने 328, कटिहार ने 352, आरा ने 353, बक्सर ने 357, जहानाबाद ने 36, सीवान ने 362, भागलपुर ने 366, पूर्णिया ने 367 और
सासाराम ने 372वें स्थान पर अपना स्थान बनाया है ।

हमें क्या करना चाहिए ?

चूंकि सासाराम शहर में एक भी सरकारी कूड़ा डंपिंग ग्राउंड नहीं है ,जहां लीगल रूप से सेफ्टी के साथ कूड़ा फेंका जा सके ! घर घर कूड़ा का उठाव भी रोजाना नहीं होता है, लेकिन आम आदमी टैक्स समय पर देता है, या फाइन देता है ऐसे में गंदगी के लिए ज्यादा जिम्मेवार नेता और अधिकारी ही हैं ।

अपने विधायक , सांसद , फोटो प्रेमी अधिकारी और नगर निगम के पार्षदों का नाम लिखकर इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर हर जगह शेयर करना चाहिए ।

बिना नाम लिखे भी किया जा सकता है, यह काम सबको करना चाहिए । वोट अपने मन पसन्द आदमी को ही दीजिएगा, हमलोग उसपर कुछ नहीं बोल रहें , लेकिन अभी विरोध कीजिए । याद रखिए शहर आपका भी है ।

मिशाल : प्रकाश पर्व पर मुस्लिम जत्थेदारों ने भी सासाराम गुरुद्वारा में अरदास किया | Faggumal Gurudwara And Shajalpir Dargah

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Faggumal Gurudwara And Shajalpir Dargah
Faggumal Gurudwara And Shajalpir Dargah

सासाराम के ऐतिहासिक गुरुद्वारा चाचा फग्गुमल साहिब जी में सिख समुदाय के प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी महाराज का प्रकाशपर्व धूमधाम से मनाया गया। प्रकाशपर्व के अवसर पर विगत कुछ वर्षों से चली आ रही परंपरा का भी निर्वाहन किया गया ।

ऐतिहासिक चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा सासाराम ,बिहार
ऐतिहासिक चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा सासाराम ,बिहार

स्थानीय चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा के बाजू में स्थित शाहजलाल पीर दरगाह द्वारा मुस्लिम समुदाय के लोगों के जत्था ने भी गुरुपिता का अरदास कर उन्हे याद किया। इस कार्यक्रम में दूर से आये हुए संत-महात्मा, कथावाचक, रागी का भी जत्था शामिल थे।

दोस्ती की मिशाल

प्रकाश पर्व पर चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा में प्रसाद ग्रहण करते श्रद्धालु
प्रकाश पर्व पर चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा में प्रसाद ग्रहण करते श्रद्धालु

आपको बताते चलें कि सिख और मुस्लिम संत की जिगरी दोस्ती की किदवंतियां एकता के मिसाल के रूप में सासाराम में मशहूर है । हालांकि , इसका लिखित या ठोस प्रमाण कहीं भी दस्तावेजों में मौजूद नहीं है ।

मौख़िक किदवंती 

गुरु नानक देव के प्रकश पर्व पर चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा में प्रसाद वितरण
गुरु नानक देव के प्रकश पर्व पर चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा में प्रसाद वितरण

सिक्खों के “नवम गुरु तेग बहादुर जी महाराज का परिवार, संगत के साथ सन् 1666ई में सासाराम चाचा फग्गुमल साहिब जी के पास आगमन किया था , पिछले कई वर्षो से चर्चा में आए मौखिक किदवंती के अनुसार सतगुरु के प्रवास के दौरान चाचा फग्गुमल साहिब जी ने अपने जिगरी दोस्त हजरत शाहजलाल पीर साहिब जी को सतगुरु से मिलाया।

प्रकाश पर्व पर चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा में सिख और हिन्दू श्रद्धालु
प्रकाश पर्व पर चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा में सिख और हिन्दू श्रद्धालु

पिर साहब ने गुरु जी से मिल कर रोम-रोम से शुकराना किया । गुरु तेग बहादर के सासाराम से प्रस्थान करने के कुछ ही दिनों के बाद चाचा फग्गुमल साहिब जी सचखंडवासी (स्वर्गवास) हो गयें।

गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व पर चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा में मोमोज़ , पॉपकॉर्न और कॉफी का प्रसाद
गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व पर चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा में मोमोज़ , पॉपकॉर्न और कॉफी का प्रसाद

इनके शवयात्रा में काफी भीड़ थी। पीर साहिब चाचा फग्गुमल साहिब के स्वर्गवास के समय सासाराम में नहीं थे। शव यात्रा के समय ही सासाराम आए । बड़ी भारी भीड़ को जाते देख कौतुहल वश पुछ बैठे भाई इतनी बड़ी शव यात्रा किसकी है? लोगों ने बताया कि चाचा फग्गुमल जी की शव यात्रा है ।

ऐतिहासिक चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा में अरदास करते सिख और हिन्दू श्रद्धालु
ऐतिहासिक चाचा फग्गुमल गुरुद्वारा में अरदास करते सिख और हिन्दू श्रद्धालु

पीर साहिब मंजिल के पास जा करके चाचा फग्गुमल साहिब जी के शरीर का दर्शन करते हुए कहा यार ये दोस्ती कैसी आप चल दिए और हमे कहा तक नहीं खैर चलो हम भी आ रहे है। शव यात्रा से वापस लौट स्नान वजु कर नमाज अदा की और हमेशा के लिए लेट गए।

चाचा फग्गूमल गुरुद्वारा में चादर चढ़ाते हुए शहजालपीर के जत्थेदार
चाचा फग्गूमल गुरुद्वारा में चादर चढ़ाते हुए शहजालपीर के जत्थेदार

एक तरफ जहाँ गुरु के बाग के पास चाचा फग्गुमल साहिब जी की संस्कार हो रही थी वही दूसरे तरफ हजरत शाहजलाल पीर साहिब जी की सुपुर्दे-खाक की रस्म अदा की जा रही थी” ।

सासाराम के कैमूर पहाड़ी इलाका में मिला विचित्र पक्षी | Rare Mowl Bird Sasaram

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Rare Mowl Bird Sasaram
Rare Mowl Bird Sasaram

सासाराम जिला के कैमूर पहाड़ी इलाके में नौहट्टा प्रखण्ड मुख्यालय के पास एक वृक्ष पर एक विचित्र पंक्षी का चूजा मिला है। इस अनोखे पक्षी की खबर जैसे ही ग्रामीणों तक पहुंची इसे देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लग गई।

ग्रामीण करने लगे पूजा 

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भीड़ में कुछ लोग उसे जटायू बताने लगे। फिर क्या था, लोग पूरे भक्तिभाव से उसकी पूजा भी करने लगे। इस विचित्र पक्षी की जानकारी वन विभाग को दी गई, जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने उक्त पक्षी के चूजे को अपने कब्जे में ले लिया। वन विभाग के इस कदम से ग्रामीण नाराज हो गए और वन विभाग का विरोध करने लगे । लेकिन उन्हें समझा-बुझाकर वन विभाग की टीम चूजे को अपने साथ ले गई।

वन विभाग के हवाले चूज़ा 

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इस संबंध में डीएफओ प्रद्मुन गौरव ने बताया कि वन विभाग द्वारा रविवार को नौहट्टा से एक पक्षी को अपने कब्जे में लिया है। पक्षी की प्रजाति की जांच की गई, तो वह बोर माउल पक्षी का चूजा है।

किसान मित्र है यह पक्षी

डीएफओ ने बताया कि बोर माउल पक्षी कैमूर पहाड़ी पर पाया जाता है। वह किसानों का मित्र पक्षी है, जो खेतों में चुहा एवं कीटों को खाता है। यह पक्षी घोसलों में नहीं, पेड़ के कोटर में चूजों को जन्म देता है। इस चूजे को किसी ग्रामीण ने कोटर से ही निकाला है। वन विभाग के तरफ से इस बोर माऊल पक्षी के चूज़े को फिर से उसी कोटर में रखने का निर्देश वन विभाग के कर्मियों को दिया गया है।

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