पुलिस अधीक्षक रोहतास द्वारा अमझौर ओपी तथा इंद्रपुरी ओपी का निरीक्षण किया गया। अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही, लंबित कांडों के त्वरित निष्पादन, पूर्ण शराबबंदी अभियान, अवैध खनन तथा परिवहन के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही, प्रभावी गश्ती, इंद्रपुरी बराज तथा कशिश जलप्रपात की सुरक्षा तथा वहां आने वाले सैलानियों की सुरक्षा इत्यादि हेतु आवश्यक दिशानिर्देश दिया ।
थाना में उपलब्ध सभी संचिकाओं का अवलोकन किया गया तथा बेहतर संधारण हेतु निर्देशित किया गया। कोरोना दिशानिर्देशों का सख्ती से अनुपालन कराने तथा कोरोना से बचाव हेतु आवश्यक दिशानिर्देश दिया गया।
हथियार के उचित रखरखाव हेतु दिशानिर्देश दिया गया तथा सभी पुलिस कर्मियों की इस संबंध में प्रतियोगिता कराई गई एवं सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पुलिस कर्मियों को पुरस्कृत किया जा रहा है। थाना परिसर में साफ सफ़ाई रखने हेतु दिशानिर्देश दिया गया।
SP Ashish Bharti visited indrapuri
आम नागरिकों से सम्मानजनक वार्तालाप एवं व्यवहार करने तथा उनकी समस्याओं के त्वरित निष्पादन हेतु दिशानिर्देश दिया ।
एसपी अशीष भारती जिले का लगातार भ्रमण करते हुए पाए जा रहे हैं , कभी किसी थाना में पहुंच कर पुराना रिकॉर्ड देखने लगते हैं तो कभी बीच सड़क पर रुक कर लोगों की समस्याएं समझने लगते है और कई बार नियमों को तोड़ने वालों के साथ सख्ती बरतते हुए भी देखे जाते हैं ।
रेलवे ने देश के कई रूटों पर हाई स्पीड रेल कारिडोर बनाने की योजना तैयार की है, जिसमें वाराणसी-हावड़ा का रूट भी शामिल है। बुलेट ट्रेन का यह रूट उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख केंद्रों को आपस में जोड़ेगा।
वाराणसी-नई दिल्ली हाई स्पीड रेल का सर्वे पहले ही पूरा किया जा चुका है । यह एक अलग प्रोजेक्ट है। इन दाेनों योजनाओं के पूरा होने पर हावड़ा से दिल्ली का सफर कुछ ही घंटों में पूरा हो सकेगा।
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बुलेट ट्रेन के रूट को लेकर भ्रम की स्थिति
रेलवे के इस प्रोजेक्ट पर आधिकारिक स्तर से अभी बहुत अधिकारी जानकारी पब्लिक डोमेन में नहीं दी जा रही है। इसके चलते कई तरह के कयास और भ्रम लोगों के बीच पैदा हो रहे हैं। ताजा मामला वाराणसी-हावड़ा हाइ स्पीड रेल के रूट को लेकर है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि यह रेल रूट वाराणसी से शुरू होकर बिहार के सासाराम, गया होकर झारखंड के धनबाद होते हुए जाएगा। दूसरी तरफ, कुछ रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि यह रेल रूट वाराणसी से बक्सर, आरा, पटना, नवादा के रास्ते धनबाद होकर पूरा होगा।
दो हिस्सों में बनेगा दिल्ली-हावड़ा हाई स्पीड रेल कारिडोर
बुलेट ट्रेन के इस रूट को लेकर रेलवे की तैयारियां लंबे अरसे से चल रही हैं। हमने पड़ताल की तो पाया कि रेलवे से जुड़ी निर्माण कंपनी इरकान ने 22 जुलाई 2010 को हाइ स्पीड रेल नेटवर्क के लिए प्रि फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए निविदा आमंत्रित की थी।
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इस निविदा में दिल्ली- आगरा- लखनऊ- वाराणसी होते हुए पटना तक 991 किलोमीटर लंबे रूट पर हाइ स्पीड रेल कारिडोर बनाने की बात थी। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद दिल्ली से हावड़ा तक हाइ स्पीड रेल के लिए सर्वे शुरू किया गया, हालांकि इस रूट को दिल्ली से वाराणसी और वाराणसी से हावड़ा तक दो हिस्सों में बांट दिया गया।
पटना के रास्ते या सासाराम के रास्ते जाएगी ट्रेन
वाराणसी से सासाराम के रास्ते हावड़ा तक ट्रैक तैयार करना कही अधिक आसान हो सकता है। हो सकता है कि इससे दूरी भी कुछ हद तक घट जाए, लेकिन इस रूट से बिहार की राजधानी पटना ही छूट जाएगी। पटना तक हाइ स्पीड रेल नेटवर्क तैयार करने की मांग पुरानी रही है और सरकार पर इसके लिए दबाव भी अधिक है।
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बिहार के व्यवसायियों का एक बड़ा वर्ग तो वाराणसी-दिल्ली प्रोजेक्ट को ही विस्तारित करते हुए पटना तक जोड़ने की मांग कर रहा है, ताकि इस इलाके को हाइ स्पीड रेल का लाभ जल्दी मिल सके।
पटना वाले रूट में जमीन अधिग्रहण की भी तैयारी शुरू है
रेलवे की ओर से वाराणसी-हावड़ा हाइ स्पीड रेल नेटवर्क पर आधिकारिक तौर पर बेहद कम जानकारी उपलब्ध है। हालांकि, कुछ चीजें ऐसी और स्पष्ट हैं, जिससे पता चलता है कि यह रेल रूट संभवत: पटना के ही रास्ते से गुजरेगा। आपको बता दें कि इस रेल रूट के लिए लिडार सर्वे का काम कई महीनों से चल रहा है और यह जल्द ही पूरा होने वाला है।
इस सर्वे के जरिए हेलीकाप्टर या ऐसे ही माध्यम का इस्तेमाल कर रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त रूट की तलाश की जा रही है। ऐसा सर्वे झारझंड के गिरडिह के बगोदर एरिया में भी हुआ था। पिछले दिनों इस हाइ स्पीड रेल रूट के लिए बिहार के बक्सर जिले में जमीन अधिग्रहण की तैयारी शुरू कर दी गई है।
रूट में हो सकते हैं ये सभी स्टेशन
पटना के रास्ते तैयार होने वाले हाइ स्पीड रेल नेटवर्क में वाराणसी के बाद पहला स्टेशन बक्सर हो सकता है। इसके बाद आरा, पटना, नवादा, झारखंड के धनबाद, पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर, बर्दमान और हावड़ा में स्टेशन बनाए जा सकते हैं। इस रूट से कारिडोर की कुल लंबाई लगभग 760 किलोमीटर होगी, जिसमें एलिवेटेड रूट, अंडरग्राउंड रूट और एट ग्रेड यानी समतल जमीन पर ट्रैक भी शामिल होगा।
Rohtas forest division will soon become Tiger Reserve
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सासाराम वन प्रमंडल में दूसरे टाइगर रिजर्व के लिए कार्यों को मूर्त रूप देने में लग गया है (Rohtas forest division will soon become Tiger Reserve) . दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की 19वीं बैठक में रोहतास वन प्रमंडल सासाराम पर चर्चा की गयी.
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राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की बैठक में सहमति
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वाल्मीकिनगर के बाद कैमूर व रोहतास में बिहार का दूसरा टाइगर रिजर्व मिलने की सहमति बनी है.विभाग के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने यह जानकारी दी.
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केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान अक्सर स्थानीय लोग यहां पर बाघ देखने के बारे में अवगत कराते रहते हैं. इस संबंध में मंत्रालय भी लगातार सक्रिय था.
देश दुनिया के लिए शुभसंकेत
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देश में फिलहाल 51 टाइगर रिजर्व है, दुनिया भर में बाघों की घटती हुई संख्या चिंताजनक है . हालांकि हाल के वर्षो में भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है और पहले के मुकाबले इनकी स्थिति सुधर रही है ,यह भारत के साथ दुनिया के लिए भी शुभसंकेत है .
इंडियन टाइगर रिजर्व नेटवर्क का विस्तार
केंद्र में बैठी मोदी सरकार अधिक से अधिक क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास कर रही है . पूरे शाहाबाद क्षेत्र में वन अभ्यारण को लेकर कार्य हो रहा है. यहां पर विभिन्न तरह के प्रवासी पक्षी भी आते हैं. इसे ध्यान में रहकर कार्य योजनाएं तैयार हो रही हैं.
समय समय पर इलाके में दिखते हैं बाघ
वर्ष 2020 में सरकारी कैमरा में कैद रोहतास वन प्रमंडल के कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में बाघ की तस्वीर
विदित हो कि पिछले वर्ष लॉक डाउन के दौरान एक बाघ को रोहतास वन प्रमंडल सासाराम के कैमूर पहाड़ी पर देखा गया था और उसके बाद से वन विभाग का उसपर पैनी नजर है . उस समय भी “सासाराम कि गलियां” ने प्रमुखता से ख़बर प्रकाशित किया था , अगर आपने उस खबर को नहीं पढ़ा था तो ,मेरे ऊपर क्लिक करके पढ़ सकते हैं .
रोहतास वन प्रमंडल ,सासाराम
कैमूर पहाड़ी और खासकर दुर्गावती जलाशय के आसपास का वन क्षेत्र बाघों के लिए काफी अनुकूल बताया जाता है. इस क्षेत्र को बिहार का दुसरा टाइगर रिजर्व जोन बनने के बाद देश और दुनिया में बाघों की संख्या बढ़ेगी तथा सासाराम,चेनारी,नौहट्टा, तिलौथू, अधौरा, भभुआ, कैमूर, रोहतास के साथ ही सम्पूर्ण शाहाबाद क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने का सकारात्मक माहौल बनेगा.
Brother Sister Written software tech book in lockdown
बिहार के सासाराम में दो युवा लेखकों ने वर्क फ्रॉम होम के दौरान कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर पुस्तक लिख डाली है । अमेरिकन पब्लिकेशन द्वारा इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया है तथा पुस्तक जर्मनी में छपी है । स्प्रिंग बूट विथ रियेक्ट एंड एडब्ल्यूएस (Spring Boot With React And AWS) नामक पुस्तक को जिले के भाई-बहन ने लिखा है ।
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अमेजन पर उपलब्ध है किताब
जर्मनी में प्रिंटेड स्प्रिंग बूट विथ रियेक्ट एंड एडब्ल्यूएस (Spring Boot With React And AWS) नामक किताब अमेजन पर उपलब्ध है तथा ऑनलाइन खरीदा जा सकता है ।
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रविकांत सोनी एवं उनकी बहन नम्रता सोनी ने इससे पूर्व भी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से संबंधित कई किताबों को लिखा है।अंग्रेजी भाषा में लिखी गई इनकी पूर्व की कई पुस्तकों की विभिन्न कॉलेजों एवं शैक्षणिक संस्थानों में काफी मांग है। जावा व अन्य कंप्यूटर भाषाओं पर रविकांत की लिखी हुई तीन पुस्तकें पहले भी प्रकाशित हो चुकी हैं।
हमारी प्रतिक्रिया
कुछ दिनों पहले जब इस किताब के लेखक रवि कांत सोनी ने मुझे यह किताब गिफ्ट किया तब से लेकर आज तक मैंने इसके 50 पन्नों से अधिक पन्नों को पढ़ लिया है । इस बीच इस किताब के बारे में कई अंग्रेजी और न्यूज 18, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित हिंदी के राष्ट्रीय मिडिया संस्थानों में खबरें चल चुकी हैं ।
मैं मनीष मौर्या , “सासाराम कि गलियां” का संस्थापक और बैंगलोर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर इस किताब को पढ़ने के बाद अच्छे से कह सकता हूं की , रवि जी और उनकी बहन ने इसे लाने में दिन रात मेहनत किया होगा । यह किताब बिगीनर और एक्सपीरियंस्ड दोनो तरह के टेकी लोगों के लिए लाभकारी है ।
रवि जी के पास 15 वर्षों का सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री अनुभव हैं, इसलिए इनके द्वारा लिखे गए किताब का मैं मूल्यांकन नहीं कर सकता लेकिन इनके अनुरोध पर प्रतिक्रिया देने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है ।
यह किताब स्प्रिंग बूट, रिएक्ट जेएस और अमेजन वेब सर्विसेज पर है और मैं भी अपने कंपनी में फिलहाल स्प्रिंग बूट पर ही काम कर रहा हूं । इस कारण मुझे इस किताब पर प्रतिक्रिया देने में काफी सहूलियत हुई है । इस किताब में pom.xml, dependency injection, annotations जैसे जरूरी छोटे छोटे जरूरी कंसेप्टों को भी टच किया गया है ।
जो लोग पढ़ना चाहते हैं ,और सासाराम शहर में आपका घर है तो , मुझसे मेरे व्हाट्सएप नंबर 9472390420 पर सपर्क करके कुछ दिनों के लिए ले सकते हैं ( फ्री में) ।
लॉकडाउन में आए थें सासाराम
आपको बताते चलें की रविकांत सोनी बैंगलोर के एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं । कोरोना काल के दौरान ये लोग लॉकडॉन के कारण अपने गृह शहर सासाराम आए थें । तब से ये लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं ।
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माता,पिता और चाचा का विशेष योगदान है जीवन में
रवि कांत ने “सासाराम कि गलियां” को बताया की सासाराम के लश्करीगंज मोहल्ला में उनका पुश्तैनी मकान है, तथा ये लोग यहीं के मूल निवासी हैं । उनकी माता श्रीमती मनोरमा देवी गृहणी हैं, पिता जी का नाम स्वर्गीय रासबिहारी प्रसाद है, वह बिहार सरकार के अंदर जिला रोहतास के दिनारा में पंचायत सचिव थें । जबकी इनके चाचा जी अरुण कुमार सोनी पुश्तैनी ज्वेलरी दुकान संभालते हैं । माता, पिता और चाचा ने बचपन से सही मार्ग पकड़ने में बहुत मेहनत किया है और मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं ।
बाल विकास स्कूल के छात्र
रविकांत ने “सासाराम कि गलियां” को बताया कि उनका प्रारंभिक छात्र जीवन सासाराम में ही गुजरा है । स्थानीय बाल विकास विद्यालय से इन्होंने वर्ष 2001 में मैट्रिक किया है ।
शंकर कॉलेज से स्टेरोटाइप तोड़ा
उस दौर में जब बिहार की शिक्षा व्यवस्था अपने न्यूतम स्तर पर थी , बिहार के सरकारी स्कूलों की स्थित अभी से भी कई गुना बदतर हुआ करती थी तब इन्होंने स्थानीय श्री शंकर कॉलेज तकिया ,सासाराम से इंटर परीक्षा पास किया था । आज इस मुकाम पर पहुंच कर कुंठित नजर से देखा जाने वाला बिहार का शिक्षा व्यवस्था का स्टेरोटाईप भी तोड़ रहे है ।
इन्होंने इंटर के बाद रेवा यूनिवर्सिटी बैंगलोर से बीटेक किया और कैंपस प्लेसमेंट से ही इन्हे सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी मिल गई थी । तब से लेकर अभी तक इन्होंने कई कंपनियों में काम किया , सीखा और अब नई पीढ़ी के लिए सॉफ्टवेयर के कंसेप्टों को सीखना सरल बना रहे हैं ।
For representation Demo : Sasaram Patna Four Lane Road
लंबे समय से सासाराम-पटना फोरलेन (Sasaram Patna Four Lane Road) की टकटकी लगाए बैठे लोगों के लिए खुशखबरी है। रोड का एलाइनमेंट सफलतापूर्वक तैयार हो गया है । नए साल में सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ होने की संभावना है। भोजपुर जिला में यह रोड पांच प्रखंडों के 48 मौजों से होकर गुजरेगी। पटना से सासाराम तक जाने के क्रम में यह फोरलेन कोईलवर से भोजपुर जिला में प्रवेश करेगी और उदवंत नगर, गड़हनी और चरपोखरी से होते हुए तरारी से आगे निकल जाएगी । जिला प्रशासन ने रास्ते में होने वाली जमीन का खाता खेसरा और प्रकृति की लिस्ट नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंप दिया है। आपको बताते चलें की सासाराम पटना फोर लेन सड़क के बनने से गांव के हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे ।
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जिन मौजों से होकर यह सड़क गुजर रही है, उनमें से अधिकतर मौजे अभी तक विकास के मामले में उपेक्षित है। जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की प्रारंभिक कार्रवाई पूरी कर ली है। रिपोर्ट तैयार कर एनएचएआई पटना दफ्तर को भी भेज दिया है। मार्च के बाद भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा ।
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3500 करोड़ से बनेगा सासाराम पटना फोर लेन
130 किलोमीटर लंबी सासाराम पटना सड़क के निर्माण पर 3500 करोड़ रुपए का राशि खर्च किया जाएगा। सड़क के लिए 164.747 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। भू-अर्जन विभाग के मुताबिक फिलहाल औपबंधिक रिपोर्ट ही भेजी गई है।
पटना से आरा तक 6 लेन और आरा से सासाराम 4 लेन
आपको बताते चलें की प्रस्तावित नए सड़क में पटना से आरा तक सिक्स लेन और आरा से सासाराम तक फोरलेन सड़क बनाई जाएगी। आरा सासाराम रेलवे लाइन के पूर्व दिशा से यह सड़क होकर गुजरेगी ।
गड़हनी प्रखंड बहरी, करनौल चांदी, काडप, रंधौली, बधवां, धमनिया, गड़हनी, पड़रिया मौजा। उदवंतनगर प्रखंड में कसाप, एडौरा, डेम्हां, बकरी, पियनिया, खजुआरा, देवरिया मौजा और कोईलवर प्रखंड में जलपुरा, कुरी, मानपुर, कोसिहान और खनगांव मौजा से हो कर गुजरेगी ।
कोइलवर के बनगांव से सोन नदी करेगी पार
पटना से सासाराम फोरलेन रोड तरारी के महेशडीह मौजा में प्रवेश करेगी । तरारी अंचल के अलग-अलग 15 मौजा से होकर चरपोखरी प्रखंड के सोनबरसा में एंट्री लेगी। चरपोखरी के कोरी मौजा से गड़हनी प्रखंड के बहरी मौजा में प्रवेश करेगी ,उसके बाद चरपोखरी के डेमहां मौजा से कोईलवर प्रखंड के जलपुरा मौजा में प्रवेश करेगी । कोईलवर प्रखंड के बनगांव मौजा होते हुए सोन नदी पार करेगी । इस तरह से तरारी के अलग-अलग 15 मौजा, चरपोखरी के विभिन्न 12 मौजा, गड़हनी व उदवंतनगर प्रखंड के आठ-आठ मौजा और कोईलवर के पांच मौजा होते हुए यह सड़क गुजरेगी ।।मार्च के बाद से ही सासाराम पटना फोर लेन सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी ।
बिहार का प्रमुख इको टूरिज्म स्पॉट मां तुतला भवानी धाम में आज संयुक्त सुरक्षा केंद्र का उद्घाटन किया गया ।
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सुरक्षा के लिए जरूरी
Ma Tutla Bhawani Eco Tourism Spot
जंगली क्षेत्र में होने के कारण पर्यटकों व श्रद्धालुओं के मन में अक्सर असुरक्षा का भाव बना रहता था । लोगों की शिकायत आती थी की यहां पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए ठोस काम नहीं हुआ है । “सासाराम कि गलियां” ने भी इस मुद्दे को कई बार प्रमुखता से प्रकाशित किया था ।
पर्यटन के लिए सुरक्षा प्राथमिकता
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किसी भी स्थान पर पर्यटन के फलने फूलने के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए सुरक्षा व्यवस्था का सुदृण होना प्राथमिक जरूरत है । इसके बाद ही कोई अन्य काम किया जाना चाहिए , ताकि एक बार जो घूमने आए वह दोबारा भी बेफिक्र हो कर आए ।
“सासाराम कि गलियां” ने एसपी से पुलिस केन्द्र खोलने का अनुरोध किया था
13 अगस्त 2021 को एसपी अशीष भारती सर के साथ डेहरी में अनौपचारिक मीटिंग के दौरान “सासाराम कि गलियां” ने एसपी से मांझर कुंड, गीता घाट आश्रम और मां तुतला भवानी धाम में पुलिस केंद्र या छोटा पुलिस पिकेट खोलने का अनुरोध किया था ।
एसपी आशीष भारती ने मांझर कुंड के पास पुलिस पिकेट खोलने पर वैलिड समस्याओं के बारे में बताया था , जो की बिल्कुल सही भी था । यहां पर पुलिस पिकेट खोलना सुरक्षाकर्मियों के लिए भी खतरनाक है और मौजूदा समय में फीजिबल नहीं है । लेकिन गीता घाट और मां तुतला भवानी धाम उपर्युक्त है ।
मां तुतला भवानी धाम में पुलिस केन्द्र की सख्त जरूरत
आए दिन मां तुतला भवानी धाम में लाखों की संख्या में हिंदू ,सिख बौद्ध और जैन श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं , गैर हिन्दू पर्यटकों का भी घूमने फिरने और प्रकृति को महसूस करने के लिए आगमन होता है ।
Police kendra tutla bhawani
कभी कभी दुर्घटनाएं की भी खबरें आती हैं , ऐसे में मां तुतला भवानी धाम में पुलिस केंद्र की जरूरत और भी बढ़ गई थी । पर्यटन के विकास के लिए परमानेंट सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक है ।
उद्घाटन में वरीय पदाधिकारी मौजूद
जिले के पुलिस कप्तान आशीष भारती ,डीएफओ प्रदुम्न गौरव, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नवजोत सिम्मी के साथ अन्य पदाधिकारियों ने आज मां तुतला भवानी धाम में पुलिस केंद्र का उद्घाटन किया है ।
उस पार्क की गीली घाँस पर, तेरी-मेरी साँस के निशान बाकी हैं ! मेरी रूह में, तेरी मदहोशी के निशान बाकी है ! तेरे होने के, अब भी कुछ निशान बाकी हैं !
उपर थंबनेल वाली शेरशाह सूरी पार्क की तस्वीर पुरानी है , यह उन दिनों की तस्वीर है जब हरे हरे घासों पर रोज सुबह सूरज की लालिमा ओढ़े शेरशाह सूरी की आत्मा रूपी पार्क अपने नाती पोतों को देख कर तृप्त हुआ करती थी ।
वो घास पर टहलते वयस्क , मोदी राहुल की बातें करते वृद्ध , उछलते कूदते बच्चे और अंकलों का नाश्ता बनाने से पहले सुकून से टहलती आंटीयां….अपनी जिंदगी जीती आंटीयां !!
पढ़ाई लिखाई , काम-धाम के सिलसिले से प्रदेशी बने सासारामवासी जब अपने देश में आते थें , तो यही शेरशाह सूरी मकबरा का पार्क उन्हे मां समान अपने बाहों में भर लेता था …उन्हे अपनी मातृभूमि के स्पेशल होने का एहसास कराता था ।
शेरशाह सूरी मकबरा पार्क में सुबह व्यायाम करते व हसी मज़ाक करते लोग | तस्वीर : वर्ष 2009 , मनीष मौर्या
यह पार्क “बचपन का प्यार” और “लंगोटिया यारी” का गवाह बनता था । मां ताराचण्डी के लाडलों की कई कई पीढ़ियों के मस्तिष्क पर इस पार्क की कभी न मिटाई जा सकने वाली यादों की गहरी छाप है ।
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कई बार पार्क बंद करने का असफल प्रयास हुआ
दशकों से कई बार पार्क को बंद करने के लिए हथगंडा ,कभी सख्ती, तो कभी टिकट लगा कर लोगों को टहलने से रोकने का प्रयास समय समय पर किया जाता रहा है । लेकिन नागरिकों की एकता हर बार प्रयास असफल करती रही । तत्कालीन विधायक जवाहर प्रसाद का भी सपोर्ट इस मामले में नागरिकों को हमेशा मिलता था ।
जब 100 मीटर व 200 मीटर के अंदर घर तोड़ने व 1 मंजिल तक रखने वाला विवाद हुआ था तब भी पार्क को बड़े ही चालाकी से बंद करने की कोशिशें की गई थी । लेकिन उस समय तत्कालीन विधायक जवाहर प्रसाद सुबह टहलने वाले लोगों को लेकर अधिकारी के कार्यालय में पहुंच गए थें । काफी दबाव बनाने के बाद एएसआई को शहरवासियों से उनके धरोहर पर पहला व जरुरी हक छीनने से पीछे हटना पड़ा था ।
जब बुरी नज़र लग ही गई !
वर्ष 2011 में मैं मनीष मौर्या अपने दोस्तों के संग मैट्रिक परीक्षा खत्म हो जाने पर शेरशाह पार्क में शाम का क्वालिटी टाइम एन्जॉय करते हुए
दशकों से शहरवासियों को सैर-सपाट स्वास्थ्य केंद्र के रूप में निरंतर सेवा देने वाला पार्क लॉकडाउन कि भेंट चढ़ गया । वर्षों से मौका की तलास में रहने वालों के लिए यह “मौका देख कर चौका” लगाने का सुनहरा मौका था ।
कामचोर अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए चांदी
शेरशाह मकबरा पार्क को हमेशा के लिए महामारी के नाम पर बंद कर दिया गया । इससे नियमित साफ सफाई, घासों की कटाई , सिंचाई का झंझट भी सदा के लिए खत्म हो गया । लोग नहीं जाएंगे तो गंदगी नहीं होगी , साफ़ सफाई के भी पैसे बचेंगे ।
ये मैं नही कह रहा हूं बल्कि 6 महीना पहले डीएम सर के साथ “सासाराम कि गलियां” (Sasaram Ki Galiyan) के द्वारा पार्क खोलने के सवाल पर नगर निगम के तत्कालीन ईओ राजेश गुप्ता ने यह तर्क दिया था । डीएम सर ने उन्हें उसी समय फटकारा भी था की , ऐसे तो एक्सीडेंट रोकने के लिए रोड ही बंद करवा दिया है ? उन्होंने कहा कि गंदगी कंट्रोल करने के लिए डस्टबिन लगाइए, गार्ड रखिए, फाईन लगाइए लेकिन पहले की तरह पार्क खोल दिजिए ।
ईओ राजेश गुप्ता के बाद एएसआई अधिकारी को भी मेरे सामने डीएम सर द्वारा बोला गया था, दोनों ने पार्क खोलने पर सहमति भी जताया था । “सासाराम कि गलियां” के फेसबुक पेज पर डीएम सर द्वारा पार्क खोलवाने के वादा का वीडियो भी डाला गया था ,अभी भी पेज पर मौजूद है । लेकिन जब एएसआई सासाराम कि नियत खोटी हो तो बहाने हजार रहते है । येन केन प्रकारेण यह मामला इन लोगों ने लटका दिया , 6 महीने हो गए पार्क नहीं खुला ।
पार्क नहीं खुलने पर डीएम सर निराश , लगाई क्लास
डीएम धर्मेंद्र कुमार और “सासाराम कि गलियां” के संस्थापक मनीष मौर्या | यह तस्वीर 30 दिसंबर 2021 की मुलाकात की हैं
कल दिनांक 30 दिसंबर 2021 को डीएम के समक्ष “सासाराम कि गलियां” ने पुनः पार्क के मसले को उठाया और हमने कहा की पिछले बार आपने कहा था की पार्क खुलेगा लेकिन 6 महीना बीतने के बाद भी काम नहीं हो पाना दुखद है ।
डीएम ने दिखाया कि उन्होंने इसके लिए दिल्ली पत्र लिखा था, वो पत्र दिल्ली से पटना आया और पटना से घूम कर फिर इन्ही के पास आ गया ।
इसके बाद उन्होंने तुरंत एएसआई अधिकारी को फोन लगाया उन्हे याद दिलाया कि 6 महीना पहले उन्हें पार्क खोलने के लिए कहा गया था , अभी तक नहीं खुला । ऐसी कौन सी समस्या आ गई, जिसके कारण काम लटकाया गया ?
एएसआई अधिकारी ने महामारी का हवाला दिया ।
डीएम धर्मेंद्र कुमार और “सासाराम कि गलियां” के संस्थापक मनीष मौर्या | यह तस्वीर 30 दिसंबर 2021 की मुलाकात की हैं
डीएम ने सख्त लहजे में कहा की देश भर के सभी पार्क खोल दिए गए, स्कूल ,कॉलेज, सिनेमाहॉल भी खुल गए फिर ये पार्क क्यूं बंद है ?
एएसआई अधिकारी “दाल नहीं गलता हुआ देख कर”, पार्क खोलने पर सहमति जताया ।
बिहार सरकार का नियम नहीं लगता है शेरशाह पार्क पर
डीएम धर्मेंद्र कुमार और “सासाराम कि गलियां” के संस्थापक मनीष मौर्या | यह तस्वीर 30 दिसंबर 2021 की मुलाकात की हैं
जैसा की आप सभी जानते हैं की 30 दिसंबर 2021से 2 जनवरी तक बिहार सरकार द्वारा सभी पार्क बंद किए गए हैं । लेकिन आपको बताते चलें की शेरशाह पार्क भारत सरकार के एएसआई विभाग के अधीन है । यह नॉर्मल पार्क नहीं है, जिस पर बिहार सरकार का नियम लगे।
सुरक्षा कि दृष्टि से पार्क 30 से 2 तारीख तक बंद रहेगा
न्यू ईयर के दिन हजारों लोगों के जुटने की संभावना व बढ़ते हुए महामारी को देखते हुए एएसआई विभाग सासाराम शेरशाह पार्क को बंद रखेगा । बिहार सरकार का नियम भले ही शेरशाह पार्क पर नियमतः नहीं लगता हो, लेकिन सुरक्षा के लिए इसको स्वतः स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल मानकर पालन किया जाएगा ।
तो पार्क कब खुलेगा ?
डीएम धर्मेंद्र कुमार और “सासाराम कि गलियां” के संस्थापक मनीष मौर्या | यह तस्वीर 30 दिसंबर 2021 की मुलाकात की हैं
एएसआई अधिकारी ने डीएम सर के आदेश का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर किया है । उन्होंने कहा है की अगर सरकार से महामारी को लेकर कोई विशेष नोटिफिकेशन नहीं आता है और हालात नहीं बिगड़ता है तो जनवरी महीना में ही जल्द से जल्द पार्क खोल दिया जाएगा । सुबह में टहलने के लिए पार्क पहले की तरह फ्री रहेगा ।
डीएम धर्मेंद्र कुमार और “सासाराम कि गलियां” के संस्थापक मनीष मौर्या | यह तस्वीर 30 दिसंबर 2021 की मुलाकात की हैं
आपको बताते चलें की, डीएम धर्मेंद्र कुमार शेरशाह पार्क के विकास के लिए एएसआई के एक बड़े अधिकारी से भी बात करेंगे और वो जल्द ही सासाराम आने वाली हैं , उनसे उस समय विस्तार से चर्चा किया जाएगा अगर पार्क से संबंधित कोई परेशानी आती है तो डीएम सर मैडम को भी अवगत कराएंगे ।
“प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती है” कहावत को बिल्कुल चिरतार्थ किया है आन तिवारी ने. महज 4 साल के नन्हे आन तिवारी, जिन्होंने इतनी कम उम्र में ही अभिनय का लोहा मनवाया है. इस लिटिल मास्टर आन का आज बॉलीवुड दीवाना हो गया है. जिसमें कई प्रसिद्ध सिरियल्स की निर्देशिका एकता कपूर का नाम भी शुमार है.
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बाल शिव में भगवान शिव बने हैं आन तिवारी
एंडटीवी (&TV) चैनल और जी 5 चैनल पर बाल शिव धारावाहिक में सासाराम शहर के भांजा आन तिवारी ने भगवान शिव के रोल से सिर्फ शहर ही नहीं बल्कि पूरा बिहार को गौरवान्वित किया है . बाल शिव का किरादार दुनिया भर में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ है , खास कर छोटे बच्चों के बीच बाल शिव एक क्रेज बन चुका है .
बाल शिव सीरियल – महादेव की अनदेखी गाथा ?
ज़ी स्टूडियोज द्वारा निर्मित एण्डटीवी के बाल शिव धारावाहिक में माता एवं पुत्र-महासती अनुसुइया और बाल शिव की एक अनकही व प्रेरणादाई पौराणिक कथा दिखाई गई है. सबके दुलारे आन तिवारी की मां प्रिया तिवारी ने “सासाराम कि गलियां” से अपने नन्हे बेटे की भूमिका के बारे में बात की .
बाल शिव धारावाहिक में कई चर्चित हस्तियां
बाल शिव धारावाहिक के प्रमुख कलाकार
चर्चित सितारे और उनका बेजोड़ अभिनय किसी भी शो को निश्चित रूप से कामयाब बना देता है . बाल शिव में फिल्मी जगत के कई प्रतिभाशाली और मशहूर सितारे प्रमुख किरदारों को निभाते नजर आ रहे हैं . इस शो में आन तिवारी को बाल शिव, मौली गांगुली को महासती अनुसुइया, सिद्धार्थ अरोड़ा को महादेव, शिव्या पठानिया को देवी पार्वती, कृप कपूर सूरी को असुर अंधक, प्रणीत भट्ट को नारद मुनि, दानिश अख्तर सैफी को नंदी, दक्ष अजीत सिंह को इंद, अंजीता पूनिया को इंद्राणी, रवि खानविलकर को आचार्य दंडपाणी, राजीव भारद्वाज को ऋषि अत्री और पल्लवी प्रधान को मैना देवी की भूमिकाओं को परदे पर साकार करते हुए देख कर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे .
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आन ही हैं बाल शिव के प्रमुख आकर्षण | Bal Shiv Aan
हम सभी ने बचपन में भगवान शिव की प्रेरणादायक कहानियां जरूर सुनी होंगी, लेकिन बाल शिव की कहानी भारतीय टेलीविजन पर पहली बार दिखाई जा रही है और माइथोलॉजिकल स्पेस में यह एक स्वागतयोग्य बदलाव है. बाल शिव के अवतार में आन तिवारी के कमाल के परफॉर्मेंस ने इस शो को बेहद दिलचस्प एवं मनोरंजक बना दिया है.
बिहार का सासाराम शहर ननिहाल है | Bal Shiv Aan Sasaram
मां के साथ आन तिवारी
सासाराम शहर के फजलगंज मोहल्ला निवासी प्रिया तिवारी जी का पुत्र है बाल शिव धारावाहिक का प्रमुख आकर्षण आन तिवारी . सासाराम इनका ननिहाल है .
सासाराम के मशहूर प्रोफेसर का भगिना
आन तिवारी की मां प्रिया तिवारी ने “सासाराम कि गलियां” से बताया कि विरकुंवर सिंह यूनिवर्सिटी आरा के रिटायर्ड प्रोफेसर सह लेखक सह साहित्यकार बद्रीनाथ तिवारी जी के भगिना हैं आन तिवारी .आपको बताते चलें की प्रोफ़ेसर बद्रीनाथ तिवारी जी सासाराम के मशहूर प्रोफेसरों में से एक हैं .
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पिता डायरेक्टर हैं
आन के पिता जी का नाम राकेश पंडित हैं. यह भी फिल्मी दुनिया से जुड़े हुए हैं . राकेश जी डायरेक्टर हैं.
जिला रोहतास में ही आन का गांव भी है
जिला रोहतास के ही कल्याणपुर बंजारी के पास स्थित कशिगांवा नामक गांव के निवासी हैं आन तिवारी .
आन की बहन भी बॉलीवुड व हॉलीवुड में कर चुकी है अभिनय
बहन साची तिवारी के साथ आन तिवारी
आन की बहन साची तिवारी का भी फिल्मों और धारावाहिकों से गहरा रिश्ता है . आन की मां प्रिया तिवारी “सासाराम कि गलियां” से बताती हैं की इनकी बिटिया ने अमिताभ बच्चन के साथ 2016 में आई मूवी वजीर में काम किया है , इसके अलावा इन्होंने रोलिंग ड्रीम्स, 100 फुट जर्नी में भी अपने बेमिसाल अभिनय से दर्शकों का दिल जीता है .
पहले भी दर्शकों का दिल जीत चुके हैं आन तिवारी
बाल शिव धारावाहिक के कॉस्ट
राकेश पंडित के चार वर्षीय पुत्र आन तिवारी ने मुंबई में अभिनय की दुनिया में अपना पहला कदम रखते हुए सफलता की कई सीढियां हासिल किया है. आन दंगल चैनल पर आने वाले बालाजी टेली फिल्म की निर्देशक एकता कपूर के सीरियल प्रेम बंधन में पार्थ का अभिनय कर चुके हैं. अब 2021 में मशहूर धारावाहिक बाल शिव में लिड रोल के साथ प्रमुख आकर्षण बन गए हैं .
बिहार सरकार के मुखिया का सासाराम में आगमन हुआ ,सड़के नेताओं और पुलिस अधिकारियों से पट गई , ट्रैफिक थम गया । लंबी लंबी गाडियों से आती हुई..हुई.. की आवाज कानों से गुजरते हुए आभास करा रही थी की सामने वाला व्यक्ति कोई आम व्यक्ति नहीं है , वह बिहार का राजा है ।
मुख्यमंत्री नितीश कुमार का काफ़िला
स्थानीय पुलिस लाईन बेदा में “गार्ड ऑफ ऑनर” लेने के बाद मुख्यमंत्री का काफिला सासाराम के न्यू स्टेडियम फजलगंज की ओर बढ़ा ।
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सासाराम में जनसंबोधन व शराबियों को चेतावनी
सासाराम में जनसभा को सम्बोधित करते मुख्यमंत्री नितीश कुमार
सासाराम में समाज सुधार यात्रा (Cm Nitish Kumar Samaj Sudhar Yatra) के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सख्त शब्दो में कहा शराब पीते हैं तो बिहार मत आइए। ऐसे लोगों की यहां जरूरत नहीं है।
सासाराम में समाज सुधार यात्रा करते हुए नितीश कुमार
यहां तो शराबबंदी के नियमानुसार कड़ी कार्रवाई होगी ही। समाज सुधार के बिना विकास की बात बेमानी है। जबतक शराब सेवन, बाल विवाह व दहेज पर रोक नहीं लगेगी, समाज सुधार नहीं हो सकता । उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में शराबबंदी वापस नहीं होने वाली है।
मुख्यमंत्री नितीश कुमार सासाराम में समाज सुधार यात्रा करते हुए
नितीश कुमार ने कहा कि हमने नशा मुक्ति के लिए 2017 में व 2018 में दहेज प्रथा और बाल विवाह प्रतिबंध पर जागरूकता के लिए मानव शृंखला बनाकर समाज को संदेश दिया । समाज सुधार अभियान इसी की कड़ी है। 2015 में बिहार की महिलाओं ने शराबबंदी की मांग की थी, जिसके बाद अप्रैल, 2016 से पूर्ण रूप से शराब को राज्य में प्रतिबंधित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री नितीश कुमार को सुनने जाते लोग
पहले भी कर्पूरी ठाकुर के मुख्यमंत्रित्व काल में शराबबंदी की गई थी। बाद की सरकार ने इसे हटा दिया। हमने पूरी तैयारी के साथ शराबबंदी लागू की है, यह वापस होने वाली नहीं है। इसीलिए महिलाओं को जागृत किया जा रहा है।
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शराब बंदी के फायदे व नुकसान गिनाए
शराबबंदी के बाद पर्यटन उद्योग बढ़ा
उन्होने कहा शराबबंदी के बाद पर्यटन उद्योग बढ़ा है। 2019 तक 2 करोड़ पर्यटक बिहार आए, जो पहले की तुलना में काफी अधिक है। महात्मा गांधी ने भी शराब को सबसे बुरी चीज बताया था और कहा था कि मुझे एक घंटे के लिए भारत का तानाशाह बना दीजिए, शराब दुकानों को बिना क्षतिपूर्ति के बंद करा दूंगा।
क्राइम बढ़ाने में शराब की भूमिका अहम
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट में भी कहा गया है कि शराब के कारण एक वर्ष में 30 लाख लोगों के आपसी झगड़े तथा 27 प्रतिशत लोग सड़क दुर्घटना में मरते हैं।
बीमारियों का जड़ है शराब
शराब से दो सौ बीमारियां होती हैं। हिंसक प्रवृत्ति बढ़ाने में शराब की अहम भूमिका है।
शराब पीने-बेचने वाले के खिलाफ जुलूस निकालें जीविका दीदी
सासाराम में समाज सुधार यात्रा करते हुए नितीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतिश ने कहा कि जीविका दीदी शराब पीने-बेचने व बाल विवाह करने वालों के खिलाफ जुलूस निकालें। कोई बाधा डाले या आंख उठाए तो पुलिस को सूचना दें। तत्काल कार्रवाई होगी, जो दहेज लेकर शादी करे उसके यहां भोज में न जाएं, बहिष्कार करें ।
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शहर में ट्रैफिक बंद होने से नागरिकों को हुई परेशानी
ट्रैफिक बंद होने से सड़क जाम
मुख्यमंत्री के सासाराम आगमन के दौरान शहर के मुख्य मार्ग सहित कई छोटे बड़े मार्गों को बंद कर दिया गया था । इस कारण रोजमारा के कामकाज के लिए आने जाने वाले लोगों को काफी असुविधा हुई । जगह जगह लोग फसें रहें और नेताओं तथा अधिकारियों को कोसते रहें ।
मुख्यमंत्री के आने से ठीक पहले रात दिन हुआ डेटिंग,पेंटिंग व पॉलिश का काम
रात में भी निर्माण कार्य जारी
मुख्यमंत्री के सासाराम में समाज सुधार यात्रा करने का खबर लगभग 15 दिनों पहले बाहर आया था ।
मुख्यमंत्री आगमन से पहले सासाराम में रात को होता हुआ काम
तभी से स्थानीय प्रशासन रात दिन एक करके शहर को चमकाने का प्रयास शुरू कर दिया था ।
करगहर मोड़ सासाराम का युद्धस्तर पर पुनर्निर्माण
महीनों से कछुआ गति से चल रहा विकास कार्य खरगोस की तरह तेज हो गया था । बंद पड़े कार्य भी धुआंदार चालू होने लगे , इसी क्रम में शहर का मुख्य चौराहा अर्थात पोस्ट ऑफिस चौराहा, कालिस्थान चौराहा और करगहर मोड़ चौराहा का रिपेयरिंग करके उसके ऊपर डेंट पेंट चढ़ाया गया ।
बिजली ऑफिस फजलगंज सासाराम
मुख्यमंत्री के मार्ग का बिल्कुल कायापलट हो गया सासाराम के बेदा में मुख्यमंत्री के हेलीपैड से लेकर सासाराम कलेक्टरिएट तक जगह जगह ऊंचा ,नीचा और कंजेस्टेड सड़क को एक्सप्रेस की तरह चकाचक बना दिया गया । बदरंग डिवाइडर के ऊपर सफेद व काले रंग की पट्टियां बना कर आकर्षक बना दिया गया ।
डीएम ऑफिस सासाराम के अंदर पेंटिंग बनाते हुए पेंटर
प्रवास या काम काज के सिलसिले में कुछ दिन पहले सासाराम से बाहर गए नागरिकों में से वापस लौट रहे शहरवासियों को विश्वास ही नहीं हो रहा था की यह उनका शहर है । सभी दंग थें ।
शहर में नहीं हुआ विकास, सिर्फ बाहर बाहर ही डेटिंग पेंटिंग
मुख्यमंत्री के सासाराम यात्रा के दौरान सिर्फ उनके मार्ग में पड़ने वाली सड़कों और आस पास के जगहों पर फैली हुई गंदगी पर ही कार्य किया गया ।
नगर निगम सासाराम द्वारा मुख्यमंत्री मार्ग में पड़ने वाले महत्वपूर्ण स्थानों पर साइन बोर्ड लगाया गया
यह कार्य बहुत कम समय में और बहुत तेज गति से हुआ की लोग इसके टिकाऊ होने पर भी सवाल उठा रहे हैं । कुछ ही दिनों में रंग उतर जाने और सड़कों में फिर से गड्ढे निकल आने का डर सता रहा है ।
आधा शहर में असंतोष
वार्ड नंबर 15 शहजूमा मोहल्ला सासाराम में जमा गंदगी
शहर के वो इलाके जो मुख्यमंत्री के मार्ग में नहीं पड़ते थें वहां विकास कार्य बिल्कुल भी नहीं हुआ ।
पोस्ट ऑफिस चौराहा के आगे का बदहाल हिस्सा , इधर मुख्यमंत्री को नहीं जाना था
अभी भी टूटी हुई सड़कें , जल जलमाव और जगह जगह फैली हुई गंदगी लोगों के जले पर नमक छिड़कने का कार्य कर रही है।
आपसे उम्मीद व अपील
आपने मुख्यमंत्री के सासाराम आगमन पर कई संस्थानों की खबरों को पढ़ा होगा ,हमे उम्मीद ही नहीं पुर्ण विश्वास है की ऐसी रिपोर्टिंग दुर्लभ ही मिली होगी । निष्पक्षता , ईमानदारी और सच्चाई ही “सासाराम की गलियां” का धन है ।
Old and Undeveloperd Sasaram Night view
अगर आपको हमारी रिपोर्टिंग अच्छी लगी हो और आप निष्पक्षता, ईमानदारी , सच्चाई , शहर व मातृभूमि के प्रति वफादारी और जनता की पत्रकारिता के सपोर्टर हैं तो इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा कर हमारा मनोबल ऊंचा करें और दूसरों को भी जगाने में मदद करें ।
सासाराम के आशिक मिजाज डीएसपी का युवती से रंगीन बातों का ऑडियो हुआ वायरल. बता दें कि पहले से ही डीएसपी साहब के आशिक मिजाजी की चर्चा पुलिस महकमे में है. ऐसे में जब से यह ऑडियो वायरल हुआ है. चर्चा का बाजार और गर्म हो गया है.
लेकिन जिस तरह से सासाराम के डीएसपी विनोद कुमार रावत के रंगीन-मिजाजी बातचीत की ऑडियो वायरल हो रही है. यह कहीं ना कहीं आपत्तिजनक है.
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रोहतास जिला में आए दिन पदाधिकारियों के इस तरह की खबरें आती रहती है. लेकिन जिस तरह से सासाराम के डीएसपी विनोद कुमार रावत का एक युवती से बातचीत का ऑडियो वायरल हो रहा है. यह कई सवाल खड़े करता है.
Sasaram Ki Galiyanऑडियो कि पुष्टि नहीं करता है. लेकिन जिस तरह से सासाराम के डीएसपी विनोद कुमार रावत के रंगीन-मिजाजी बातचीत की ऑडियो वायरल हो रही है.
जानकार यह भी बताते हैं कि उत्पीड़न के एक मामले में मां-बेटी DSP साहब के पास पैरवी के लिए आयी थी. इसी दौरान इनकी युवती तथा उसकी मां से नज़दीकियां बढ़ गई.सांसद ने इसी बात को लेकर जल्द से जल्द डीएसपी को हटाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है .
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सांसद ने पत्र में क्या लिखा है ?
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सांसद छेदी पासवान ने पत्र में लिखा है कि सासाराम अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी विनोद कुमार रावत ने चार माह पूर्व सासाराम अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी का प्रभार ग्रहण किए थे.
सासाराम SDPO पर गंभीर आरोप
इस दौरान वे कदाचारपूर्ण पर्यवेक्षण कर अपराधियों को लाभ पहुंचाने का काम किए. जिस पर वरीय पुलिस पदाधिकारी ने इनके पर्यवेक्षक पर रोक लगायी गई. इनके विभिन्न पर्यवेक्षणों की जांच हो रही है. इसी बीच कुछ माह बाद स्थायी पदास्थापन कराकर अपराधियों को लाभ पहुंचाने का घिनौना काम बेधड़क कर रहे हैं. जिसके कारण सासाराम शहर में अपराधियों द्वारा दिनदहाड़े बेख़ौफ़ हत्याओं का दौर जारी है.
उन्होंने पत्र में कहा है कि कदाचार और अधमता के बावजूद इनके अभिरुचि के अनुसार इसी स्थान पर पर पदस्थापन लोक प्रशासन की कार्यशैली को संदेह के घेरे में डालता है.
सासाराम के लिए किसी आईपीएस रैंक के पुलिस अधिकारी कि मांग
सासाराम सांसद छेदी पासवान द्वारा DSP को हटाने के लिए मुख्यमंत्री नितीश कुमार को लिखा गया पत्र
उनके कदाचार व अक्षमता से संबंधित कई वीडियो फुटेज भी दिखाया गया है. सांसद ने सीएम से संज्ञान लेते हुए बीके रावत की जगह किसी आईपीएस पुलिस अधिकारी को भेजने की मांग की है. कहा कि पास में डेहरी में तीन आईपीएस हैं.
जिला मुख्यालय सासाराम में पूर्व में प्राय: आईपीएस की पोस्टिंग होता रहा है. उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि इस पद पर संदिग्ध चरित्र का दरोगा से प्रोन्नत डीएसपी को लगाना विधि व्यवस्था के प्रति उपेक्षा एवं असंवेदनशीलता का घोतक है.