Thursday, October 23, 2025
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तो क्या धीरे धीरे देश से गुमनाम हो रहा है सासाराम ? उधर मेट्रो बनेगा ,इधर ट्रैफिक लाइट भी काम नहीं करता ! Downgrading Sasaram slowly slowly 2024

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Downgrading Sasaram slowly slowly
Downgrading Sasaram slowly slowly

Downgrading Sasaram slowly slowly1971 में पकिस्तान को दो फाड़ करने के लिए मां भारती को बहादुर रक्षामंत्री देने वाला सासाराम अब अपने स्वर्णिम काल से गुमनामी के दौर में प्रवेश कर चुका है । हमारे शहर में जातियों, धर्मों और पार्टियों के तो बहुत नेता हैं लेकिन शहर के लिए काम करने वाला कोई नहीं है । एक दो हैं भी तो पब्लिक सपोर्ट नहीं मिलने के कारण गुमनाम हैं ।

उधर मेट्रो बनेगा ,इधर ट्रैफिक लाइट भी काम नहीं करता

बिहार के विकासशील शहरों में सासाराम इतना पिछड़ चुका है कि एकतरफ जब उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, दरभंगा ,भागलपुर जैसे शहर एयरपोर्ट ,मेट्रो जैसी सुविधाओं के साथ अगली पीढ़ी के लिए तैयार हो रहें है तो दूसरी तरफ ऐतिहासिक सासाराम अभी ट्रैफिक लाइटों के सुचारू ढंग से काम करने के लिए भी वेटिंग लिस्ट में फंसा हुआ है ।

पिछले 10 वर्षों में सासाराम को 2 सौगात मिले                                                        

कैमूर व रोहतास के किसानों के खेतों की सिचाई के लिए 1976 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम ने दुर्गावती परियोजना की नींव रखी था। वह 2014 में पूरा हुआ । मीरा कुमार का बहुत महत्वपूर्ण योगदान था इसमें ।

छेदी पासवान के कार्यकाल में 14 नवंबर 2022 को सासाराम लोकसभा के नौहट्टा में 210 रूपये के पंडुका पुल का सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा शिलान्यास हुआ । पुल बन जाने से पंडुका से झारखंड के गढ़वा की दूरी 200 किमी से घटकर 63 किमी हो जाएगी ।

सासाराम इतना पीछे चला गया है कि रिकवरी में वर्षो लगेंगे !

हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं, दूरदृष्टी का अनुभव है । जैसे इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान हमने एक महीना पहले ही काराकाट,सासाराम, बक्सर,औरंगाबाद,आरा का 100% सटीक एक्जिट पोल दिया था ।

पैटर्न एनालिसिस और अनुभव से दूरदृष्टी

exit poll sasaram ki galiyan 2024 loksabha
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हम यूं ही नहीं कह रहे हैं, दूरदृष्टि का गहन अनुभव है। जैसे, हाल के लोकसभा चुनाव के दौरान हमने एक महीना पहले ही काराकाट, सासाराम, बक्सर, औरंगाबाद और आरा का 100% सटीक एक्जिट पोल दे दिया था।
लगभग 15 दिन पहले हमने बताया था कि अंतिम दौर में काराकाट में सोशल इंजीनियरिंग कैसे बदलने लगेगी और राजा राम सिंह जीतेंगे, सासाराम में मनोज राम की लहर अचानक से तेज हो जाएगी ।

आरा ,बक्सर में बदला लिया जाएगा । औरंगाबाद प्रतिष्ठा की सीट बन गई थी .. गिव एंड टेक का सिद्धांत फेल हो रहा था। काराकाट घूमने का शिवहर में आनंद मोहन को फायदा मिलेगा । यह सभी पूर्वानुमान बिल्कुल सही साबित हुए। उस समय लोगों ने क्या-क्या बातें कीं थीं।

exit poll sasaram ki galiyan 2024 loksabha
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लेकिन क्योंकि यह हमारे व्यक्तिगत पसंद-नापसंद से परे, एक प्रोफेशनल और न्यूट्रल एनालिसिस था, और न्यूट्रल एनालिसिस का परिणाम हमेशा सही होता है। इसीलिए यह पूर्वानुमान सही निकले। वैसे ही ये बाते भी सही निकलेंगी क्यूंकि पैटर्न साफ साफ दिख रहा है हमें ।

मेट्रो की सैद्धांतिक मंजूरी वाले शहरों से सासाराम गायब

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और गया में मेट्रो चलाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब मंजूरी मिल चुकी है, तो यह तय है कि पटना के बाद मेट्रो इन शहरों में ही बनेगी, चाहे इसमें थोड़ा समय क्यों न लगे ।

मेडिकल कॉलेजो की लिस्ट से भी सासाराम गायब

सीतामढ़ी, झंझारपुर, सीवान, समस्तीपुर, सारण, बक्सर, जमुई, बेगूसराय, वैशाली और भोजपुर में नए मेडीकल कॉलेज बनेंगे । इस लिस्ट से भी सासाराम का नाम गायब है।

बिजनेस और विकास पर प्रभाव

अब से लेकर आने वाले कई वर्षों तक बड़े उद्योगपतियों और ब्रांड्स की नजरें इन चार शहरों पर टिकी रहेंगी। भले ही वे बड़े उद्योग न लगाएं, लेकिन प्रोडक्ट आउटलेट्स खोलने के लिए इन शहरों को प्राथमिकता देंगे। आउटलेट्स और शोरूम न केवल शहर का विकास करते हैं, बल्कि ये सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी प्रदान करते हैं। इसके साथ ही, ये अन्य सेक्टरों को भी प्रभावित करते हैं। इससे लोगों का जीवन स्तर सुधरता है, और अच्छे सड़क नेटवर्क से लेकर ओला, उबर जैसी सेवाओं का आकर्षण बढ़ता है ।

पटना के बाद ये चार शहर बनेंगे प्रमुख केंद्र

गया को छोड़ दें तो पिछले 10-15 वर्षों में भागलपुर, दरभंगा और मुजफ्फरपुर ने हर क्षेत्र में जो प्रगति की है, वह सराहनीय है। एक समय था जब पटना और गया के बाद सासाराम का नाम मुजफ्फरपुर और दरभंगा के साथ लिया जाता था और अधिकांश घोषणाएं सासाराम के हिस्से में आती थीं।

सासाराम का नाम भी पीछे चला गया

डीएम धर्मेंद्र सिंह के कार्यकाल से सासाराम (रोहतास) लिखने का चलन जब सिर्फ रोहतास में परिवर्तित हुआ तो किसी ने नोटिस नहीं लिया । यह एक बहुत बड़ा बदलाव था , इस शहर के शोहरत के लिए लेकिन अखबार से लेकर आम लोगों तक ! … सबने मौन स्वीकृति प्रदान किया ।

भविष्य की चुनौती

अफसोस है कि, यदि पिछले 15-20 वर्षों के पैटर्न पर गौर करें, तो यह संभावना है कि अगले 5 वर्षों में सासाराम बिजली, पानी, और साफ-सफाई के मामलों में और पिछड़ सकता है। इसका मुख्य कारण है, बैक सपोर्ट का खत्म होना ।

हर बजट में सासाराम की भागीदारी हुआ करती थी

2014 तक हर रेल या वित्तीय बजट में सासाराम का नाम अक्सर सुनने को मिलता था। रेल लाइन से लेकर ट्रेनों के स्टॉपेज और एयरपोर्ट तक के चर्चे होते थे। लोग सासाराम के विकास के सवाल जबाब करते थे और उम्मीदें जताते थे।

अब का सासाराम  | Downgrading Sasaram slowly slowly

रक्षामंत्री जगजीवन राम के कार्यकाल में वर्ष 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद 93 हजार पाकिस्तानी सैनिक सरेंडर करते हुए

लेकिन आज, सासाराम की हालत देखिए शहर के बीचों-बीच रस्सी बंधी हुई है, नालियां जाम हैं, गलियां पाइप डालने के नाम पर खोदकर बर्बाद कर दी गई हैं। कोई पूछने वाला नहीं है। हालांकि सांसद नए हैं, उन पर सवाल उठाना नैतिक नहीं होगा। लेकिन सासाराम की मौजूदा स्थिति के लिए विधायक, नगर निगम और नागरिकों को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

सासाराम के जंगलों में 70 करोड़ के तेंदू पत्तों पर वन माफियाओं की नज़र | Mafias and Tendu Leaves of Sasaram Forest

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Mafias and Tendu Leaves of Sasaram Forest
Mafias and Tendu Leaves of Sasaram Forest

सासाराम ,रोहतास ,नौहट्टा रेंज में कैमूर पहाड़ी की जंगलों में तेंदू पत्ता इस वर्ष मौसम अनुकूल होने कारण बहुत बड़ी मात्रा में निकले हैं। वे जंगल में फल के साथ खूबसूरती बिखेर रहे हैं। ऐसे में सेंचुरी एरिया में लहलहा रहे 70 करोड़ रुपये से अधिक के तेंदू पत्तों पर वन माफियाओं की ललचाई नजर है। वन माफिया अपने लोगों के साथ जंगलों की सैर करने लगे हैं। संभव है कि एक सप्ताह बाद से पत्तों की तोड़ाई शुरू होगी । तब ये माफिया अपना खेल शुरू करेंगे ।

सासाराम के जंगलों को बचाने में शहीद हो चुके हैं डीएफओ

सासाराम के शहीद डीएफओ संजय सिंह
सासाराम के शहीद डीएफओ संजय सिंह

भारतीय वन सेवा के डीएफओ जितने बड़े ऑफिसर की देश की एकलौती शहादत सासाराम में हुई है । नक्सलियों ने डीएफओ संजय सिंह को इन्ही जंगलों में शहीद किया था । उनकी शहादत रेहल में हुई थी । सासाराम अनुमंडल के चेनारी, दरीगांव,गीताघाट, ताराचण्डी, गोरियां,चिरइयां से लेकर डेहरी अनुमंडल के तिलौथू ,तुतला,नौहट्टा,रोहतास तक फैला है जंगल । बिहार का भभुआ ,सासाराम, यूपी का सोनभद्र, विंध्याचल इत्यादि जिलों से लेकर मध्यप्रदेश तक कैमूर पहाड़ी के जंगल मौजूद हैं ।

यह भी पढ़ें :- सासाराम के शहीद डीएफओ संजय सिंह की दास्तां 20 वर्ष बाद भी रुला देती है । नक्सली और माफिया थर थर कांपते थें ।

क्या आपने तिंदुक नाम पहले कभी सुना है ? असल में तिंदुक नाम बहुत कम लोगों ने सुना होगा लेकिन तेंदू, केंदू , गाब, गाभ नाम बहुत जाना पहचाना है। तेंदू एक प्रकार का फल होता है जो चीकू से भी मीठा होता है और आयुर्वेदिक गुणों का भरमार होता है। इसे सासाराम (बिहार) , मध्य प्रदेश में ‘तेन्दु’ तथा छत्तीसगढ,ओडिशा और झारखण्ड में ‘केन्दु’ कहते हैं।

जीवन का आधार केंदू 

जंगली जनजीवन और माफियाओं पर बनी फिल्म पुष्पा की एक तस्वीर
जंगली जनजीवन और माफियाओं पर बनी फिल्म पुष्पा की एक तस्वीर

यह वृझ ज्यादातर घने जंगलों में पाया जाता है।यह जंगल में रहने वालो का आय का साधन नही अपितु जीवन यापन का आधार है । तेंदू के फल हल्के पीले रंग के होते हैं। शायद आप सोच रहे होंगे इस छोटे-से फल को बीमारियों के उपचार के लिए कैसे इस्तेमाल किया जाता है, तो ये बात जानने से पहले इसके बारे में पहले जान लेते हैं।

तेंदू वृक्षों की बनावट

तेंदू के पेड़ मध्यामाकार होते हैं। इसके पत्तों से बीड़ी बनाई जाती है। इसकी लकड़ी चिकनी तथा काले रंग की होती है। इसका उपयोग फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है। चरक-संहिता से उदर्द प्रशमन महाकषाय तथा सुश्रुत-संहिता के न्यग्रोध्रादि-गण में इसका वर्णन मिलता है।

तेंदू पत्ता सासाराम
तेंदू पत्ता

यह 8-15 मी ऊँचा, मध्यमाकार, सघन शाखा-प्रशाखायुक्त सदाहरित वृक्ष होता है। इसकी प्रशाखाएँ अरोमिल तथा तने की छाल गहरे-भूरे अथवा लाल रंग के, हल्के खांचयुक्त होते हैं। इसके पत्ते सरल, एकांतर, 13.7-24 सेमी लम्बे एवं 5 सेमी चौड़े कुंठाग्र अथवा लगभग-लम्बाग्र चिकने तथा चमकीले होते हैं।

तेंदू फूल और फल की विशेषता

तेंदू वृक्ष पर लदा तेंदू फल
तेंदू वृक्ष पर लदा तेंदू फल

इसके फूल एकलिंगी, छोटे, सफेद- पीले रंग के, सुगन्धित गुच्छों में होते हैं। इसके फल साधारणतया एकल, 2.5-5 सेमी व्यास (डाइमीटर) के, अण्डाकार-नुकीले,अर्धगोलाकार,अत्यन्त कषाय रस प्रधान कच्ची अवस्था में हल्के भूरे रंग के तथा पक्के अवस्था में पीले रंग के होते हैं।

तेंदू फल बेहद फायदेमंद | केंदू फल

इसके फलों के भीतर चीकू (चीकू के फायदे) के समान मधुर तथा चिकना गूदा रहता है, जिसे खाया जाता है। बीज संख्या में 4-8, गोलाकार अथवा अण्डाकार तथा चमकीले होते हैं। यह मार्च-जून महीने में फलते-फूलते हैं। तेंदू स्वाद में थोड़ा कड़वा और प्रकृति से अम्लिय, गर्म और रूखा होता है। तेंदू कफपित्त दूर करने वाला, संग्राही (Constipating), लेखन (Scrapping), स्तम्भक (Styptic), खाने में अरुचि उत्पन्न करने वाला, व्रण (अल्सर) में फायदेमंद होता है। यह प्रमेह या डायबिटीज, व्रण, रक्तदोष, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहना), दाह या जलन, मेदोरोग (मोटापा), योनिदोष (योनिरोग) तथा पित्तदोष को ठीक करने वाला होता है। पका हुआ तेंदू फल मधुर, हजम करने में थोड़ा, देर से पचने वाला, कफ बढ़ाने वाला, पित्त कम करने वाला तथा प्रमेह यानि सुजाक रोग में हितकर होता है।

सासाराम के तेंदू वृक्ष की लकड़ियों की विशेषता

इसका लकड़ी का सार पित्त संबंधी रोगों में फायदेमंद होता है। इसका कच्चे फल-स्निग्ध, थोड़े कड़वे, लेखन, लघु, मल को रोकने वाला, शीतल, रूखे, कब्ज दूर करने वाले, वातकारक तथा अरुचिकारक होते हैं। तेंदू फल एवं त्वचा स्तम्भक (Styptic), दस्त को रोकने वाला, बुखार में उपकारी, जीवाणुरोधी, मुख व गले के रोग में फायदेमंद तथा घाव को जल्दी सुखाने में मदद करती है।

सासाराम के जंगलों में पाया जाने वाला तेंदू का उपयोग | Kendu Leaves Bihar

तेंदू पत्ता चुनती आदिवासी ग्रामीण महिला
तेंदू पत्ता चुनती आदिवासी ग्रामीण महिला
  • बुखार में
  • सूजन में
  • हिचकी में
  • मुँह के छाले में फायदेमंद तेंदू
  • खाँसी में फायदेमंद तेंदू
  • आँख संबंधी रोगों में फायदेमंद तेंदू
  • कान के दर्द से दिलाये राहत तेंदू
  • लूज मोशन में
    • मूत्र मार्ग में अश्मरी या पथरी में
  • लकवा में
  • जले हुए घाव भरने में
  •  बीड़ी बनाने में

रामलला को लगेगा कैमूर के गोविंद भोग चावल का भोग, 7 साल से इसी से बन रहा प्रसाद | Ram temple ayodhya

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Ram temple ayodhya
Ram temple ayodhya

Ram temple ayodhya : कैमूर के भभुआ प्रखंड के मोकरी गांव का चावल राम लला के भोग के लिए 7 साल से भेजा जा रहा है। इसका नाम गोविंद भोग चावल है। जो काफी सुगंधित होता है। इसकी गुणवत्ता भी काफी अच्छी होती है। जनवरी महीने में हर साल चावल अयोध्या भेजा जाता है। 2 से 3 ट्रक चावल मोकरी से जाता है।

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किसानों को चावल की कीमत भी दी जाती है।किसानों के अनुसार गोविंद भोग चावल कहीं भी उगाया जा सकता है, लेकिन मोकरी के चावल की सुगंध सबसे अलग होती है।

राम लला को गोविंद भोग का भोग

Ram mandir ayodhya appeal
Ram mandir ayodhya appeal

मोकरी के किसानों में काफी खुशी है कि राम लला 22 जनवरी को अयोध्या में विराजमान होंगे और यही के चावल से उनका भोग लगेगा ।

सासाराम के ASI अधिकारी के नाकों तले शेरशाह मकबरा के आस पास के पेड़ो की होती है कटाई,कमाई , रात में आग लगा, और सुबह काट कर खल्लास कर दिया | tree cutting shershah tomb sasaram 2023

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tree cutting shershah tomb sasaram 2023
tree cutting shershah tomb sasaram 2023

tree cutting shershah tomb sasaram 2023 : दशकों से बंद पड़े शेरशाह मकबरा के सामने का पार्क हो या नगर निगम के द्वारा शेरशाह मकबरा के प्रभाकर मोड़ पर फेंके गए कूड़ा के पास , कूड़ा के आड़ में हरे भरे पेड़ो की कटाई कोई नई बात नही है ।

tree cutting shershah tomb sasaram 2023
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रात को आग लगा कर , सुबह अपने आप आग लगी हुई बता कर हरे भरे पेड़ो को गायब करने का पैटर्न पुराना है । कल भी यही हुआ, मोड़ पर एक पेड़ में जड़ के पास आग लगा हुआ था । सुबह में बेखौफ व्यक्तियों द्वारा पेड़ को काट कर ठेला पर लोड किया जा रहा था ।

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पूछने पर बताया की , हरे भरे पेड़ में अपने आप आग लग गई होगी , इसलिए काट कर ले जा रहे हैं । हमने पूछा की मकबरा के अधिकारी या गार्ड रोक टोक नही करते है ? उन्होंने बताया नही ।

नागरिकों को मकबरा से दूर करके , अधिकारी करते हैं मौज !

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पार्क बंदी के बाद शेरशाह मकबरा को स्थानीय लोगों के इमोशंस से दूर करने के बाद अधिकारियों की बल्ले बल्ले है । जब लोग सुबह शाम पार्क में टहलने जाते थें तब आस पास के वातावरण पर भी ध्यान देते थे और अंदर में एक भावना भी जगी रहती थी की यह जगह हमारा है । कुछ भी होता था तो लोग बात करते थें, कई बार शिकायत और निराकरण भी कराते थें ।

tree cutting shershah tomb sasaram 2023
tree cutting shershah tomb sasaram 2023

चूंकि इंसान का दिमाग फायदा घाटा के अनुसार काम करता है अब स्थानीय नागरिक भी शेरशाह मकबरा को लेकर बेखबर रहते हैं । उनके लिए किसी दूसरे राज्य के पर्यटक स्थल की तरह ही मकबरा हो गया है । अच्छा लगता है , देश का धरोहर है तो सम्मान है लेकिन आना जाना , जुड़ाव , फायदा घाटा नही है तो कोई विशेष लगाव भी नही है । जिसका नतीजा यह है की मकबरा के अंदर का पार्क हो या बाहर का पार्क ,दोनो खराब हो रहें है । बाहर वाले बंद पड़े पार्क में पत्थर सोलिंग भी उखड़ने लगा है । घांस भी बढ़े हुए हैं ।

सासाराम दंगा में मृतक के घर आंसू पोछने पहुंचे सम्राट चौधरी, किया मदद का वादा | Samrat consoled died victim family of sasaram riot 2023

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Samrat consoled died victim family of sasaram riot 2023
Samrat consoled died victim family of sasaram riot 2023

आज बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी सासाराम में महाधरना देने  पहुंचे थें । रामनवमी के बाद हुए हिंसा में 5 बार के विधायक रहे जवाहर प्रसाद की आधी रात को गिरफ्तारी, भाजपा कार्यकर्ताओ और अन्य लोगों की गिरफ्तारी को लेकर आज महाधरना देने पहुंचे थे सम्राट । उन्होंने इसे राजनैतिक द्वेष और तुष्टिकरण के लिए गिरफ्तारी बताया ।

मां का इलाज कराने आए राजा को दंगाइयों ने गोली मार दिया था

मां का इलाज कराने आए राजा को दंगाइयों ने गोली मार दिया था
मां का इलाज कराने आए राजा को दंगाइयों ने गोली मार दिया था

आज सासाराम आगमन के दौरान सासाराम हिंसा में दंगाइयों के गोली का शिकार बने निर्दोष राजा चौधरी के परिजनों से मिलकर मदद का भरोसा दिया । आपको बताते चलें की जिला रोहतास के अमियावार (नासरीगंज) का राजा चौधरी अपने मां के आंखो का इलाज करवाने सासाराम आया था । दंगाइयों ने उसकी गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी ।

सासाराम हिंसा में दंगाइयों के गोली का शिकार बने निर्दोष राजा चौधरी के परिजनों से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की मुलाकात
सासाराम हिंसा में दंगाइयों के गोली का शिकार बने निर्दोष राजा चौधरी के परिजनों से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की मुलाकात

इस कड़ी में सम्राट चौधरी ने कहा की सरकार तुष्टिकरण की राजनीति के कारण निर्दोषों को प्रताड़ित करने एवं दोषियों को बचाने का काम कर रही है। बिहार की जनता सब देख रही है और इस संवेदनहीन सरकार को सत्ता से उखाड़ कर फेकने का काम करेगी।

सासाराम महाधारना में खूब गरजे सम्राट चौधरी

सासाराम महाधारना में खूब गरजे सम्राट चौधरी
सासाराम महाधारना में खूब गरजे सम्राट चौधरी

साईकल चला कर 5 बार के विधायक रहे जवाहर प्रसाद से मिलने पहुंचे । गिरफ्तारी को बताया राज्य सरकार की तुष्टिकरण की साजिश । सासाराम हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए बीजेपी के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को लेकर पार्टी का कहना है कि राज्य सरकार ने साजिश के तहत फंसाया है।सम्राट चौधरी ने यह कहा है कि सासाराम में हिंसा के एक महीने बाद उपद्रव के खिलाफ आवाज उठाने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, इसका मतलब है कि नीतीश सरकार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम को रद्द करना चाहती थी।

सासाराम के बाद बिहारशरीफ भी जाएंगे

सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार को चैलेंज करते हुए कहा है कि तीन मई को सासाराम में धरना पर बैठेंगे तो पांच मई को बिहार शरीफ भी जाएंगे। अगर हिम्मत है तो रोक कर दिखाएं। सम्राट चौधरी लगातार बिहार सरकार और नीतीश कुमार पर हमलावर हैं।

शराब नीति पर नीतीश कुमार को घेरा, लगाए गंभीर आरोप

सम्राट चौधरी का बड़ा बयान, कहा-शराब माफिया के जरिए 10 हजार करोड़ रूपये नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के फंड में जा रही है । बिहार BJP के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने एक बार फिर नीतीश कुमार और उनकी पार्टी JDU पर बड़ा हमला बोला है। कहा है कि शराब माफिया के माध्यम से 10 हजार करोड़ रूपये नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू के फंड में जा रही है।

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उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार प्रशासन के जरीये बिहार के हरेक गांव में शराब माफिया पैदा कर रहे हैं और उसी के माध्यम से 10 हज़ार करोड़ की राशि जनता दल यूनाइटेड और नीतीश कुमार तक पहुंच रही है। जो अपने आप में बड़ा घोटाला हैं ,सासाराम समाहरणालय के समक्ष भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद के गिरफ्तारी के खिलाफ धरना पर बैठे सम्राट चौधरी ने यह बातें कही।

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सम्राट चौधरी यही नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार वालीबुड एक्टर आमिर खान की फिल्म ‘गजनी’ की तरह हो गए हैं। रह-रह कर उनकी मेमोरी लॉस हो जाती है। ऐसे में उन्हें कुर्सी पर बने रहने का अधिकार नहीं है।वह अपनी ही कही बातों को कई बार भूल जाते हैं और यही कारण है कि उनके गठबंधन के लोग उनके मेमोरी लॉस का फायदा उठाकर गुंडे, बदमाश और अपराधी को बढ़ावा दे रहे हैं। सम्राट चौधरी ने कहा कि आज बिहार में अपराधी छोड़े जा रहे हैं। साधु संत को जेल भेजा जा रहा है।

महाधरना में बड़ी संख्या में स्थानीय बड़े बीजेपी नेता मौजूद रहें

सासाराम महाधारना में खूब गरजे सम्राट चौधरी
सासाराम महाधारना में खूब गरजे सम्राट चौधरी

बता दें कि सासाराम में सांप्रदायिक हिंसा के बाद भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को गिरफ्तार किया था। पुलिस की इस कार्रवाई से गुस्साएं भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज समाहरणालय के समक्ष धरना दिया। धरना में भाजपा सांसद छेदी पासवान,विधान पार्षद निवेदिता सिंह, संतोष कुमार सिंह, जीवन कुमार सहित कई नेता तथा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

सासाराम हिंसा में कुर्की से पहले होने लगा सरेंडर । जमाल व श्याम ने किया था सरेंडर, अब 3 भाजपा नेताओं ने भी किया सरेंडर l Surender in sasaram riot before kurki !

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Surender in sasaram riot before kurki !
Surender in sasaram riot before kurki !

सासाराम में रामनवमी जुलूस में पत्थरबाजी और आगजनी मामले में ज्ञात हो की लगभग एक साप्ताह पहले शहर के दो मुहल्लों से फरार दो नामजद के घर जब पुलिस कुर्की जब्ती के लिए पहुंची तो घर में मौजूद परिजनों ने पुलिस से आधे घंटे की मोहलत मोहलत मांगी। मोहलत के आधे घंटे में ही दो अलग अलग थानों में अपराधियों ने सरेंडर कर दिया। जानकारी के अनुसार उनमें से एक आरोपी ने सासाराम जिले के शिवसागर थाना में तथा दूसरे ने औरंगाबाद जिले के अंबा थाना में सरेंडर किया था ।
जमाल कुरैसी जो कि सहजलाल पीर नामक मोहल्ले का वासी है, उसने शिवसागर थाना में सरेंडर किया है। जबकि श्याम किशोर दुबे, लस्करीगंज मुहल्ला निवासी ने अम्बा थाना में सरेंडर किया है। मामले को लेकर कुर्की जब्ती के लिए भारी पुलिस बल पहुंची थी। बल में मजिस्ट्रेट के साथ बीसैप के जवान एवं महिला पुलिस भी शामिल थी।पुलिस बल सासाराम के लश्करीगंज एवं सपुलहगंज में कुर्की-जब्ती को पहुंची थी ।

अब 3 भाजपा नेताओं ने किया सरेंडर

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मामले में नामजद आरोपियों पर आत्मसमर्पण के लिए पुलिस दबिश जारी है। पुलिस की दबिश के कारण को तीन नामजद आरोपियों ने जिले के शिवसागर थाना में सरेंडर कर दिया। तीनों नामजद भाजपा से जुड़े हैं। जिसमें दो पूर्व नगर अध्यक्ष हैं। राम जन्मोत्सव कमेटी के भी महत्वपूर्ण पदों पर हैं । सासाराम एसडीपीओ ने बताया कि रामनवमी जुलूस के बाद हुए हिंसा एवं पत्थबाजी मामले में तीन लोगों ने शिवसागर थाना में सरेंडर किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में डाॅ शिवनाथ चैधरी, सोनू सिंहा एवं राॅबिन केसरी शामिल हैं।

कुर्की जब्ती एवं इश्तहार चिपकाने की चल रही कार्रवाई

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ज्ञात हो कि सासाराम में हिंसा एवं आगजनी में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। गत मंगलवार शाम को पुलिस शहर के दो मुहल्लों में फरार चल रहे दो नामजद के घर कुर्की-जब्ती को पहुंची थी। भारी पुलिस बल जिसमें बीसैप के जवान एवं महिला पुलिस भी शामिल थी। मजिस्ट्रेट के साथ सासाराम के लश्करीगंज एवं सपुलहगंज में कुर्की-जब्ती को पहुंची थी। जिसके बाद दोनों आरोपियों द्वारा सरेंडर कर दिया गया था। इसके बाद बम ब्लास्ट मामले में शेरगंज मुहल्ले से एक ही परिवार के चार लोगों के घर पर इश्तहार भी चिपकाया गया था ।

सासाराम में 1 सप्ताह में 7 करोना मरीज मिले । सिविल सर्जन केएन तिवारी ने सदर अस्पताल में पत्रकारों के रिपोर्टिंग पर रोक लगवाया था ,जो अभी भी कायम है | 7 new cov patients in 1 week in rohtas

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7 new cov patients in 1 week in rohtas
7 new cov patients in 1 week in rohtas

जिला में 1 सप्ताह में 7 करोना मरीज मिले । आज 2 मिले । कुल एक्टिव 4 हैं , 3 डिस्चार्ज हुए हैं। ज्वाइनिंग के बाद नए सिविल सर्जन केएन तिवारी ने सदर अस्पताल में पत्रकारों के रिपोर्टिंग पर रोक लगवाया था ,जो अभी भी कायम है ।

सासाराम के अस्पताल में वैक्सीन अवेलेवल है ? या नहीं है इसकी कोई जानकारी नहीं है । किस तरह से इलाज हो रहा है ,स्थिति बिगड़ने पर क्या तैयारी है इसकी भी कोई जानकारी नहीं है । अस्पताल में पत्रकारों पर रोक लगने के बाद आपको सरकारी जानकारी ही मिल पाएगी वो भी जब वो चाहे और जितना चाहें और जैसे चाहें , ऐसे में एक दम जमीनी हालत की जानकारी की उम्मीद आप किसी से नहीं कर सकते हैं ।

पैसे लेकर ब्रिज पर गाड़ी लगवाने की नही टूट रही परंपरा , भ्रष्ट पुलिस कर्मी जाम के जनक | Corrupt police of sasaram allows parking on bridge

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Corrupt police of sasaram allows parking on bridge
Corrupt police of sasaram allows parking on bridge

शहर के सबसे महत्वपूर्ण चौराहा यानी पोस्ट ऑफिस चौराहा पर जाम लगने से पुरा शहर प्रभावित हो जाता है । पूर्व एसपी के कार्यकाल में लायंस क्लब ऑफ सासाराम ने समाजसेवा में यहां पर यातायात नियंत्रण कक्ष भी बनवाया था ।

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लेकिन सिस्टम में बैठे भ्रष्ट कर्मचारियों की मिली भगत से सभी कोशिसो पर पानी फिरता दिख रहा है । पोस्ट ऑफिस चौराहा के आस पास अतिक्रमण करियों का कब्जा है ।

पैसे की लालच ने ओवर ब्रिज को भी नहीं छोड़ा

यातायत नियंत्रण कक्ष के ठीक सामने खड़ा करके सवारी बैठता टेम्पों
यातायत नियंत्रण कक्ष के ठीक सामने खड़ा करके सवारी बैठता टेम्पों | Corrupt police of sasaram allows parking on bridge

यातायत नियंत्रण कक्ष के ठीक सामने महज 20 मीटर की दूरी पर स्थित ओवर ब्रिज पर पैसे लेकर गाड़ी खड़ा करवाने का सिलसिला टूटने का नाम नहीं ले रहा है ।

भ्रष्ट पुलिस वालों ने एक साइड में ऑटो स्टैंड बनवा दिया तो दूसरी तरफ बसों का ठहराव होता है । ये लोग बीच पुल पर ही गाड़ी रोक कर सवारी उतारते चढ़ाते हैं जिसके कारण इनके आगे पीछे जाम लग जाता है ।

ब्रिज पर गाड़ी लगवाने की नही टूट रही परंपरा
ब्रिज पर गाड़ी लगवाने की नही टूट रही परंपरा | Corrupt police of sasaram allows parking on bridge

इस बीच में अगर कोई बड़ी गाड़ी भी आ जाए तो पलक झपकते ही यह जाम गौरक्षणी की तरफ फैलने लगता है तो दूसरी तरफ पूरा पोस्ट ऑफिस चौराहा वाला इलाका भी गाडियों से भर जाता है । ऐसी स्थिति बन जाती है की पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है ।

रोहतास के गोल्डन जुबली बर्थडे पर भी अंधकार में रहे धरोहर !! challenges during 50th rohtas sthapna divas

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challenges during 50th rohtas sthapna divas
challenges during 50th rohtas sthapna divas

शहर के बीचों बीच गुजरने वाली जीटी रोड के किनारे स्थित इमारतें रंग बिरंगी रौशनी से जगमगा रही थीं । जिला के इतिहास पर लोग गर्व कर रहे थें । लेकिन जिस इतिहास पर लोग छाती चौड़ी कर रहे थें उस इतिहास को अपने गर्भ में समेटे हुए विभिन्न इमारतें अंधकार में वीरान पड़े हुए थें ।

पर्यटन विकास फैशनेबल हॉट टॉपिक

रोहतास के 50 वें स्थापना दिवस पर रंग बिरंगा रौशनी में डूबा मल्टीपर्पस हॉल सासाराम

पर्यटन के विकास , समाज सेवा, देशभक्ति के नाम पर न जाने कितने लोग फोटो वीडियो बनाते बनाते खुद का अच्छा खासा बिजनेस बना लिए । ब्लॉगिंग और वीडियोग्राफी से लोग लाखों रुपए महीना कमा रहे हैं जो की अच्छी बात है लेकिन बुरी बात यह है की वो सिर्फ अपना प्रोडक्ट ( फोटो ,वीडियो) बेचने और मार्केटिंग करने तक सीमित हैं ,धरातल पर बदलाव लाने के प्रति उदासीन रवैया है ।

पर्यटन के विकास पर जिले के विभिन्न सराकारी तथा गैर सरकारी प्लेटफार्मो पर सालों भर चर्चाएं होती हैं । चर्चा करने वाले और करवाने वाले चर्चा करने के बाद मेडल, सेटीफिकेट, फोटो सोटो के बाद गहरी नींद में सो जाते हैं मानो ये सब एक रूटीन वर्क की फॉर्मेलिटी हो ।

रोहतास के 50 वें स्थापना दिवस पर शेरशाह मकबरा रोड पर व्याप्त अँधेरा
रोहतास के 50 वें स्थापना दिवस पर शेरशाह मकबरा रोड पर व्याप्त अँधेरा

सासाराम शहर में स्थित शेरशाह मकबरा सालो भर अंधेरा में डूबा रहता है । कभी कभी मुख्य गेट के पास थोड़ी दूरी तक 4- 5 लाइटें जला कर फॉर्मेलिटी निभा दिया जाता है । सासाराम शहर का पहचान शेर शाह सूरी का मकाबरा सिर्फ मकबरा नही है , बल्कि यह इस शहर का दिल है । इसके इर्द गिर्द घनी आबादी रहती है । एक समय में यह मकबरा का तलाब लोगो की प्यास बुझाता था ।

पैसा देने वाले पर्यटकों की किल्लत

हल्की बरसात में भी शेरशाह मकबरा की सड़को पर जल जलमाव | तस्वीर कारगिल दिवस के दिन की है ,जब शेरशाह मकबरा रंग बिरंगी रौशनी से सजाया गया था लेकिन बाहर जल जलमाव हुआ पड़ा था
हल्की बरसात में भी शेरशाह मकबरा की सड़को पर जल जलमाव | तस्वीर कारगिल दिवस के दिन की है ,जब शेरशाह मकबरा रंग बिरंगी रौशनी से सजाया गया था लेकिन बाहर जल जलमाव हुआ पड़ा था

देश विदेश से यहां पर्यटक घूमने नहीं आते है । कभी भूले भटके आ जाते हैं तो वह खबर बन जाता है । इस मकबरा को अंग्रेजो ने ताज महल से तुलना किया था । लेकिन आज इसकी हालत ऐसी है की देश विदेश तो छोड़ दीजिए बिहार के लोग भी स्पेशल प्लान बनाकर घूमने नहीं आते हैं । कोई सासाराम में किसी काम से आता है तो घूम लेता है ।

दीपक तले अंधेरा

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शेरशाह मकबरा के चारो तरफ की सड़कें शहर के बड़े हिस्से को एक दूसरे से जोड़ती हैं । लश्करिगंज,बांध, कंपनी सराय, करपुरवा, भारतीगंज इत्यादि मुहल्लों के लोग इसे मुख्य मार्ग के रूप में उपयोग करते हैं । इन अंधेरी सड़को पर छीनतई, अपहरण ,सड़क दुर्घटना का अपना इतिहास रहा है । इसके बावजूद इस सड़क पर प्रकाश की व्यवस्ता के लिए स्थानीय नेताओं कोई ठोस पहल नहीं किया है ।

स्थापना दिवस पर छाया रहा अंधेरा

रोहतास का 50 वा स्थापना दिवस समारोह एक सफल कार्यक्रम रहा । इस तरह के कार्यक्रमों का अपना महत्व है । इससे स्थानीय माहौल में बदलाव भी आ रहा है । लेकिन स्थानीय धरोहरों के आस पास प्रकाश और अन्य बेसिक सुविधाओं की व्यवस्था हो जानें पर इस तरह के कार्यक्रमों की सार्थकता और भी बढ़ जाएगी ।

अशोक शिलालेख अतिक्रमण का शिकार

जिले के 50 वर्ष पूरा होने के बाद भी राष्ट्रीय धरोहर बिहार का इकलौता लघु अशोक शिलालेख बंद कमरे में कैद है ।

सुखा रौजा जुआडियों का अड्डा

सुखा रौजा जुआडियों का अड्डा
सुखा रौजा जुआडियों का अड्डा

शेरशाह सूरी के पिता हसन शाह सूरी का मकबरा जुआड़ियों और हिरोंचियों का पसंदीदा हब के रूप में स्थापित हो गया है । पर्यटक तो छोड़िए , नेगेटिविटी के कारण स्थानीय सभ्य व्यक्ति भी यहां जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है ।

शेरशाह मकबरा पार्क

यह पार्क पिछले 8-10 वर्षो से ताला चाभी से बंद है । इसके रख रखाव और विकास का फंड कहां जाता है ? क्या होता है इसका भगवान ही मालिक है । स्थानीय विधायक ,सांसद ने कभी इस मुद्दे को लेकर प्रतिक्रिया नहीं दिया है ।

गंदगी

शेरशाह मकबरा के पास सरकारी गाडिओं से  से कूड़ा डंपिंग
शेरशाह मकबरा के पास सरकारी गाडिओं से से कूड़ा डंपिंग

शहर के अधिकांस मुहल्लों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है । समय पर उठाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण दुर्गंध के साथ बीमारियां भी फैल रही हैं ।

पानी

शहर के मुख्य बाजार वाले हिस्से में गर्मियों में पानी की किल्लत होती है तो बरसात में जल निकासी की समस्या प्रायः सभी मोहल्लों में बना रहता है ।

स्ट्रीट लाइटें भी दगा बाज निकली

सासाराम के जीटी रोड पर लगा स्ट्रीट लाइट

पथ निर्माण विभाग द्वारा हाल ही में बनाई गई जीटी रोड और उसपर लगी स्ट्रीट लाइटें बस सोभा की वस्तु बन कर रह गई है । कभी जलती है तो कभी दगाबाजी कर देती हैं । शहर के पूर्वी और पश्चिमी छोरो पर एक साथ अगर ये लाइटें जल जाए तो वह दिन चर्चा का विषय बन जाता है ।

सवाल जिसपर सबको मंथन करने की आवश्यकता है

क्या पर्यटन स्थलों पर बिना साफ सफाई , शौचालय, प्रकाशकी व्यव्स्था किये सिर्फ पर्यटन पर चर्चा , प्रोग्राम करने से पर्यटन का विकास संभव है ?

क्या अतीत के गौरव गान से वर्तमान और भविष्य समृद्ध हो सकता है ?

50th sthapna divas rohtas
50th sthapna divas rohtas

शहर की समस्याओं के लिए समाजसेवियों और कुछ प्लेटफार्मो के भरोसे बैठे रहने से समाधान निकल जाएगा ? गिने चुने लोग अकेले क्या और कैसे करेंगे ?

देश के चौथे बड़े शिव का सासाराम में उद्घाटन , बाबा रामदेव से लेकर कई वीआईपी बने साक्षी | india’s 4th tallest shivlinga inauguration pilot baba sasaram

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india's 4th tallest shivlinga inauguration pilot baba sasaram
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जिला मुख्यालय सासाराम के पूर्वी छोर पर स्थित पायलट बाबा धाम में निर्मित पूर्वी भारत सोमनाथ मंदिर में स्थपित स्फटिक के शिवलिंग एवं 111 फीट ऊंची प्रतिमा का सोमवार को लाकार्पण किया गया है । इस मौके पर कई सियासी दिग्गज भी पहुंचे ।

रामदेव के आग्रह पर पायलट बाबा बोले

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बाबा रामदेव के आग्रह पर पायलट बाबा ने भी दो शब्द बोले। पयालट बाबा ने कहा कि अब पायलट बाबा धाम अब जनता के लिए है ।

pilot baba temple sasaram pictures
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अब आम भक्तों के लिए यह धाम है। कार्यक्रम में संतों के अलावा राजनीतिकों की भी भागीदारी रही।

वीआईपी रहें मौजूद

वीआईपी रहें मौजूद,देश के चौथे बड़े शिवलिंग का सासाराम में उद्घाटन , बाबा रामदेव से लेकर कई वीआईपी बने साक्षी
वीआईपी रहें मौजूद,देश के चौथे बड़े शिवलिंग का सासाराम में उद्घाटन , बाबा रामदेव से लेकर कई वीआईपी बने साक्षी

केंद्र सरकार के रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्‌ठ, भाजपा सांसद मनोज तिवारी, सासाराम के सांसद छेदी पासवान, यूपी सरकार में मंत्री बेबी रानी मौर्य, बिहार सरकार के पंचायती राज्य मंत्री मंत्री मुरारी गौतम, भाजपा विधान पार्षद संतोष कुमार सिंह,

pilot baba temple sasaram pictures
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निवेदिता सिंह व भाजपा नेता रामेश्वर चौरसिया, पूर्व मंत्री महाराष्ट्र सरकार कृपा शंकर सिंह, विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांड, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय नेता कमलेश जी भी मौके पर मौजूद थे।

लोकार्पण समारोह में बाबा रामदेव के अलावा निरंजनी अखाड़ा के कैलाशानंद गिरी, किन्नर अखाड़ा के लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, जूना अखाड़ा के अरूण अवधूत महाराज, स्वामी चिदानंद सरस्वती, पंचायती अखाड़ा के कैलाशानंद गिरी, वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पूरी जी ने संयुक्त रूप से लोकार्पण किया।
लोकार्पण समारोह में बाबा रामदेव के अलावा निरंजनी अखाड़ा के कैलाशानंद गिरी, किन्नर अखाड़ा के लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, जूना अखाड़ा के अरूण अवधूत महाराज, स्वामी चिदानंद सरस्वती, पंचायती अखाड़ा के कैलाशानंद गिरी, वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पूरी जी ने संयुक्त रूप से लोकार्पण किया।

कैलाशानंद गिरी, किन्नर अखाड़ा के लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, जूना अखाड़ा के अरूण अवधूत महाराज, स्वामी चिदानंद सरस्वती, पंचायती अखाड़ा के कैलाशानंद गिरी, वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पूरी जी ने सुयुक्त रूप से लोकार्पण किया।

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बाबा रामदेव ने कहा

लोकार्पण समारोह में बाबा रामदेव के अलावा निरंजनी अखाड़ा के कैलाशानंद गिरी, किन्नर अखाड़ा के लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, जूना अखाड़ा के अरूण अवधूत महाराज, स्वामी चिदानंद सरस्वती, पंचायती अखाड़ा के कैलाशानंद गिरी, वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पूरी जी ने संयुक्त रूप से लोकार्पण किया।
लोकार्पण समारोह में बाबा रामदेव के अलावा निरंजनी अखाड़ा के कैलाशानंद गिरी, किन्नर अखाड़ा के लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, जूना अखाड़ा के अरूण अवधूत महाराज, स्वामी चिदानंद सरस्वती, पंचायती अखाड़ा के कैलाशानंद गिरी, वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पूरी जी ने संयुक्त रूप से लोकार्पण किया।

बाबा रामदेव ने कहा कि भारत फिर से विश्वगुरु बनेगा, 21वीं सदी सनातन संस्कृति की होगी। उन्होंने कहा कि जब उन्हें कोई नहीं जानता था, तब पायलट बाबा महायोगी थे। पायलट बाबा ने अपनी जन्मभूमि को तीर्थ बना दिया।

pilot baba temple sasaram pictures
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सैकड़ों देश से लोग यहां आकर इस मिट्टी को स्पर्श करेंगे और अपने को पवित्र करेंगे। उन्होंने बाबा के सम्मान में गीत भी गाया। बाबा रामदेव ने लगभग 15 मिनट का भाषण दिया। इसी दौरान उन्होंने ये बातें कही।

बाबा रामदेव बोले-अब गजवा-ए-हिंद नहीं चलेगा:सासाराम में कहा-सर तन से जुदा करने वालों के लिए मोदी-शाह ही काफी

बाबा रामदेव बोले-अब गजवा-ए-हिंद नहीं चलेगा:सासाराम में कहा-सर तन से जुदा करने वालों के लिए मोदी-शाह ही काफी
बाबा रामदेव बोले-अब गजवा-ए-हिंद नहीं चलेगा:सासाराम में कहा-सर तन से जुदा करने वालों के लिए मोदी-शाह ही काफी

बाबा रामदेव ने कहा कि कई लोग मुझसे मिलते हैं और पूछते हैं कि गजवा-ए-हिंद वाले और सर तन से जुदा वाले कहते हैं कि जो इस्लाम कबूल नहीं करेगा हम उसको मिट्टी में मिला देंगे। मैं उनसे कहता हूं, इसमें क्या बात है।

india's 4th tallest shivlinga inauguration pilot baba sasaram
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अब गजवा-ए-हिंद चलने वाला नहीं है। सर तन से जुदा चलने वाला नहीं है। इनको संभालने के लिए मोदी जी और अमित शाह ही बहुत हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब ना गजवा-ए-हिंद चलेगा ना सर तन से जुदा चलेगा, बल्कि पूरी दुनिया में योग का जादू चलेगा।

चार्टर प्लेन से पहुंचे बाबा रामदेव

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इसके पूर्व बाबा रामदेव वाराणसी चार्टर प्लेन से पहुंचे। वहां से हेलिकॉप्टर से सीधे एसपी जैन कॉलेज के हैलीपैड पर पहुंचे।

pilot baba temple sasaram pictures
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वहां से सीधे कार से पायलट बाबा धाम पहुंचे। कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद वे सीधे हैलीपैड के लिए रवाना हो गए।

कई अखाड़ों से साधु-संत पहुंचे थे

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लोकार्पण समारोह में बाबा रामदेव के अलावा निरंजनी अखाड़ा के कैलाशानंद गिरी, किन्नर अखाड़ा के लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, जूना अखाड़ा के अरूण अवधूत महाराज, स्वामी चिदानंद सरस्वती, पंचायती अखाड़ा के कैलाशानंद गिरी, वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पूरी जी ने संयुक्त रूप से लोकार्पण किया।

सीएम ने किया था भगवान बुद्ध की मूर्ति का अनावरण

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भगवान शिव की जिस प्रतिमा का लोकार्पण किया गया उसमें उनका त्रिशूल मूर्ति से भी ऊंचा है। इस पर तड़ित चालक लगाया गया है, ताकि आकाशीय बिजली से इस ऊंची प्रतिमा को कोई क्षति नहीं पहुंचे।

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बताते हैं कि प्रतिमा का आधार इतना ठोस है कि भूकंप में भी यह सुरक्षित रहेगी। प्रतिमा के सामने नंदी की ऊंची मूर्ति है। प्रतिमा के चारों तरफ शिवलिंग है।

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पायलट बाबा धाम में बिहार की दूसरी सबसे ऊंची बुद्ध प्रतिमा भी मौजूद है, जिसकी ऊंचाई 80 फीट है। इस बुद्ध प्रतिमा का लोकार्पण फरवरी 2018 में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। अब भगवान शिव की ऊंची प्रतिमा श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हो गई हैं।

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