NIT Topper Gold Medalist Anand :जिला रोहतास के बिक्रमगंज अनुमंडल सह प्रखंड अंतर्गत पावड़ा गांव निवासी आनंद कुमार सिंह ने NIT अरुणाचल प्रदेश में टॉप किया है। अरुणाचल प्रदेश NIT के मैकेनिकल इंजीनियरिंग कॉलेज में टॉप होने पर कॉलेज प्रबंधन द्वारा आनंद को गोल्ड मेडल से नवाजा गया है ।
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आनंद का बचपन अरुणाचल प्रदेश में गुजरा है
आनंद कुमार सिंह की प्रारंभिक शिक्षा अरुणाचल प्रदेश के मेयांव में ग्रहण किया है । बिहार के सासाराम/रोहतास में इनका पैतृक निवास है ।
शिक्षित परिवार से ताल्लुक है आनंद का
आनंद के पिता उपेंद्र नारायण सिंह अरुणाचल प्रदेश के मेयांव एबीसी ऑफिस में सूचना अधिकारी हैं। माता रीना सिंह भी मेयांव के एक विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। आनंद की माता रीना सिंह ने बताया कि आनंद बचपन से ही किताबों का शौकीन था।
12वीं में मेयांव के सरकारी विद्यालय में आनंद ने किया था जिला टॉप
गोल्ड मेडलिस्ट आनंद ने 2014 में केंद्रीय विद्यालय मेयांव से मैट्रिक की परीक्षा पास किया थी। 2016 में मेयांव के सरकारी विद्यालय से 12वीं की परीक्षा में 87% अंक लाकर जिला टॉपर बना था।
कोटा में तैयारी किया आनंद ने
12वीं की परीक्षा में जिला टॉपर होने के बाद आनंद अपने जीवन के अगले पड़ाव की ओर चल पड़ा । 2016 में जेईई मेंस की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा चला गया।
2017 में NIT अरुणाचल प्रदेश के मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में उसका चयन हुआ। आनंद ने 2017 से 2021 बैच में अरुणाचल प्रदेश एनआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी किया और टॉपर भी बना ।
गोल्ड मेडल से नवाजा गया
9 दिसंबर 2021 को NIT अरुणाचल प्रदेश के मैकेनिकल इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रबंधन ने टॉपर बनने पर आनंद को गोल्ड मेडल से नवाजा।
वेदांता कंपनी में इंजीनियर हैं NIT Topper Gold Medalist Anand
टॉप करने के बाद अनेकों कंपनियां कैंपस सिलेक्शन के माध्यम से ऑफर दिया लेकिन आनंद ने 22 जुलाई 2021 को वेदांता कंपनी को ज्वाइन कर लिया था और वेदांता के प्रति निष्ठा और वफादारी है , इसलिए वो वेदांता में ही बने हुए हैं ।
आनंद की निगाहें अब UPSC टॉपर बनने पर
आनंद कुमार सिंह की माता रीना सिंह कहती हैं कि उनके बेटा का लक्ष्य यूपीएससी में टॉप करना है। आनंद सिविल सर्विसेज की तैयारी में अभी से ही लग गया है। और जॉब के साथ-साथ वह यूपीएससी की तैयारी कर रहा है उसका लक्ष्य है कि वह सिविल सर्विसेज की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर अपने माता पिता के साथ बिहार एवं बिक्रमगंज स्थित अपने गांव का नाम रोशन कर सकें।