Vidut Prakash Maurya : “सासाराम कि गलियां” के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य थें , हिंदुस्तान अख़बार नोएडा कार्यालय के चीफ सब एडिटर विद्युत प्रकाश मौर्या । सासाराम के गौरक्षणी मुहल्ला के निवासी थें और इनका गांव सासाराम का सोहवलिया था।
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पूर्व सांसद मीरा कुमार के करीबी
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पूर्व लोकसभा स्पीकर भारत, श्रीमती मीरा कुमार जी के बेहद करीबी लोगों में से एक थें , सासाराम के बौलिया रोड निवासी इनके बहनोई संतोष कुमार कुशवाहा पूर्व सांसद मीरा कुमार जी के पीए हैं ।
iimc से पत्रकारिता की डिग्री
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मीडिया की पढ़ाई के लिए देश के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी संस्थान iimc के 1995 -96 बैच के छात्र रहें है विद्युत प्रकाश मौर्या जी । इससे पहले उन्होंने BHU से भी पढ़ाई किया है । आपको बतातें चले की iimc से ही रविश कुमार,श्वेता सिंह,सौरभ द्विवेदी , अंजना ओम सहित अधिकांश बड़े पत्रकारों ने पढाई और डिग्री हाशिल किया है ।
गूगल पर कई वेबसाइट्स थें
गूगल पर इनके कई वेबसाइट्स थें , इनका “दाना पानी” ब्लॉग काफी मशहूर था ।
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सासाराम और रोहतास पर ज्ञान का भंडार
घूमने फिरने और लेखन के शौकीन विद्युत प्रकाश मौर्या जी आप तक कई शहरों के भ्रमण कर चुके थें । आज से 15 -17 वर्षों पहले जब लोग गूगल का नाम भी नहीं जानते थें, तब उन्होंने सासाराम और रोहतास से संबंधित जानकारियां का भंडार उपलब्ध करवाया था गूगल पर । 60% के करीब सासाराम और रोहतास पर लिखे गए लेख , खास कर पर्यटन पर विद्युत प्रकाश मौर्या भैया के ही थें ।
कोरोना पीड़ित थें Vidut Prakash Maurya
Vidut Prakash Maurya in Whatsapp Group
20 अप्रैल को कोरोना से दिल्ली में संक्रमित हुए थें । परेशानी बढ़ने पर परिवार के पास दिल्ली से पटना आ गए, आपको बताते चलें कि इनका पटना में भी निवास है । पटना के आगमकुंवा इलाके के एक निजी अस्पताल में इन्हे भर्ती कराया गया ,22 को इन्हे विंटिलेटर सपोर्ट पर डालना पड़ा । लेकिन मंगलवार को इनका निधन हो गया । हमने बुधवार को “सासाराम कि गलियां ” पर यह खबर शॉर्ट में डाला था ।
Rip : Vidut Prakash Maurya
वरिष्ठ पत्रकार विद्युत प्रकाश मौर्या के निधन पर पटना , दिल्ली सहित देश के कई जगहों के पत्रकारों ने दुख जताया । आईआईएमसी के एल्युमनी एसोसिएशन ने भी गहरा शोक प्रकट किया है ।
Oxygen Plant Sasaram : सासाराम के लिए ऑक्सीजन प्लांट की खुशखबरी आई है । उसको जानने से पहले पूरी खबर को हमारे साथ विस्तार से समझिए , तब खुशी का अलग मजा होगा ।
देश में कोरोना महामारी के दौरान सबसे बड़ी परेशानी अगर सामने आ रही है तो वो है ऑक्सीजन सिलिंडरों के कमी की । इनका महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्यूंकि, जिन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर के इलाज नहीं किया जा रहा है और वो अपने घरों पर ही इलाज करवा रहे हैं , उन्हें भी कई बार ऑक्सीजन सिलिंडरों कि आवश्यकता पड़ जा रही है ।
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दूसरे मरीजों के लिए भी जरूरी है ऑक्सीजन सिलिंडर
बिना कोरोना वाले सीरियस मरीजों को भी ऑक्सीजन सिलिंडरों की जरूरत पड़ती है, उन्हें भी ये नहीं मिल पा रहा है ।
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देश में ऑक्सीजन के किल्लत से जा चुकी है हज्जारों जानें
कोरोना काल में आप न्यूज तो देखे ही होंगे, कैसे अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण और घरों में भी मरीजों को ऑक्सीजन सिलिंडरों के नहीं मिलने के कारण लोग तड़प तड़प कर मृत्युलोक से विदा हो रहे थें ।
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अगर सरकारी आंकड़ों को नहीं माने और अस्पतालों के साथ घर पर इलाज करा रहे अनरजिस्टर्ड मरीजों को भी जोड़ लें तो यह संख्या लाखों में भी हो सकती है।
सदर अस्पताल सासाराम में ऑक्सीजन प्लांट लगेगा | Oxygen Plant Sasaram
डीआरडीए सभागार सासाराम बैठक
कोरोना महामारी की हर स्थिति से निबटने के लिए सासाराम के डीआरडीए सभागार में जिप अध्यक्ष नथुनी राम की अध्यक्षता में हाल ही में एक विशेष बैठक हुई । इस बैठक में सदर अस्पताल में सौ सिलेंडर क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट लगाने के अलावा अतिरिक्त सौ अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने के लिए राशि मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है।
आपको ज्ञात होगा कि “सासाराम कि गलियां” ने हमेशा से सासाराम में ऑक्सीजन प्लांट के लिए मांग उठाते आया है । जब भारत सरकार ने देश भर में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का घोषणा किया था और सासाराम को छोड़ दिया था ,तब भी हमने कड़ा विरोध जताया था , आप उसको यहां पढ़ सकते हैं ( मेरे ऊपर क्लिक कीजिए )।
जनप्रतिनिधियों को भी दिया था सलाह
“सासाराम कि गलियां” ने जनप्रतिनिधियों को काम करने का सलाह दिया था ,आप हमारे फेसबुक पेज के पुराने पोस्ट देख सकते हैं | सासाराम के विकास के लिए हमलोग स्थानीय विधायक,सांसद सहित कई समर्थवान अधिकारियों को “सासाराम कि गलियां” पेज पर हमलोग लाईव ला चुके हैं |
थर्ड वेब से पहले एम्बुलेंस का भी हुआ फैसला
जिले के सभी प्रखंडों के पीएचसी, रेफरल व सीएचसी व अनुमंडलीय अस्पतालों में एक-एक एुंबुलेंस भी दिया जाएगा । जिससे कोरोना के तीसरे लहर में और बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।
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स्वास्थ्य व्यवस्था में होगा सुधार
डीडीसी सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि कोरोना महामारी की स्थिति से निबटने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर करने का निर्णय जिला परिषद अध्यक्ष नथुनी राम की अध्यक्षता में बुलाई गई विशेष बैठक में लिया गया है।
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आपको बताते चलें कि 15 वें वित्त आयोग के तहत जिला रोहतास को 1.93 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। इस राशि को कोविड-19 को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत सुविधाओं को ठीक करने पर खर्च किया जाना है ।
ऑक्सीजन प्लांट के लिए पैसे देने के निर्देश जारी
Medical Oxygen Plant | Pic Mint
सदर अस्पताल सासाराम में ही सौ सिलेंडर क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए राशि मुहैया कराने का निर्देश दे दिया गया है। सासाराम में ऑक्सीजन प्लांट जल्द ही बनना शुरू हो जाएगा।
सदर अस्पताल सासाराम में 100 बेड बढ़ेंगे
आपको बताते चलें कि कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए सदर अस्पताल में सौ अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की जा रही है ।
जिला रोहतास के सभी लोगों को मिलेगा फायदा
Sadar Hospital Sasaram | Emergency Service
जिला मुख्यालय सासाराम में ऑक्सीजन प्लांट लगने से जिला रोहतास के सभी मरीजों को भी इलाज में सुविधा होगी। सज्जनों , खबर अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर किजिए , शेयर के लिए ऊपर और निचे सोशल मिडिया बटन लगे हुए हैं ।
इन योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा होने पर हम सब मिल कर गाना गाएंगे ” दुख के दिन गयो रे भईया, अब सुख आयो रे” !!
जिले की महिलाओं ने वैश्विक महामारी के इस भयावह दौर में कोरोना से बचाव का एक नया तरीका अपनाया है। सासाराम ( ** जिले के सेन्स में ) संझौली सहित बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र की महिलाओं ने एक मोबाइल चेन बनाते हुए व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए कोरोना से बचाव तथा चिकित्सकीय उपायों को एक दूसरे तक पहुंचाना शुरू किया है।
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संझौली प्रखंड की उप प्रमुख डा मधु उपाध्याय की पहल पर सबसे पहले संझौली की पांच महिलाओं ने एक समुह बनाया तथा अब इसे व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ कर जिले की सैकड़ों महिलाओं को लाभान्वित कर रही हैं।
विशेषज्ञ चिकित्सक ग्रुप से जुड़ी महिलाओं को बताते हैं कोरोना से बचाव के उपाय
कोविड-19 जैसी बीमारी की गंभीरता को कम करते हुए सभी जरूरी तथ्यों को एक दूसरे तक पहुंचाना तथा पीडित परिवार को चिकित्सकीय परामर्श पहुंचा पाने में यह समूह काफी हद तक सफल साबित हुआ है।
‘अपनी सुरक्षा अपने हाथ ‘नाम के इस ग्रुप की एडमिन तथा संझौली प्रखंड की उप प्रमुख डा मधु ने बताया कि इन्होंने ऐसा प्रयोग तब किया जब ऐसा लगा कि गांव की बहुत सी अशिक्षित तथा गरीब महिलाएं इस बीमारी का शुरुआती बचाव तथा चिकित्सकीय लाभ नहीं ले पाती हैं तथा वह आगे चलकर भयंकर रूप धारण कर लेता है।
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डा मधु ने बताया कि सेफरो स्वयंसेवी संस्था के अध्यक्ष डा प्रवीण के साथ कई विशेषज्ञ चिकित्सक लगातार कोरोना से बचाव के उपाय शेयर करते हैं। जिन्हें मैं इस ग्रुप के माध्यम से हजारों बहनों तक पहुंचा पाती हूं। अपनी सुरक्षा अपने हाथ- इस ग्रुप के महिलाओं का मूल स्लोगन है।
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इस ग्रुप में प्रत्येक दिन कोरोना रूपी समस्या तथा समाधान से जुड़े सैकड़ों मैसेज का आदान-प्रदान किया जाता है जिससे लोगों को काफी राहत मिलती है। कोविड-19 लेकर जारी विभिन्न अफवाहों से भी लोगों को सजग किया जाता है।
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चांदी इंग्लिश ग्राम की रहने वाली लालसा कुमारी, उदयपुर ग्राम की रहने वाली लता देवी, तिलई की रेखा देवी तथा सासाराम की नीतू कुमारी ने बताया कि इस संक्रमण की भयावहता को देखते हुए इस व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से ही हम महिला बहनों को जागरूक कर पाएंगे या उनको चिकित्सकीय सहायता दे पाती हैं।
इसको संजीदगी से चलाने के लिए हम बहने ऑनलाइन बैठक कर एक-दूसरे तक अपने विचारों को साझा भी करती हैं।
सासाराम के करपुरवा गांव के रहने वाले रवि देवा इस बार फिर गरीबों को खाना खिला रहे हैं । रौजा रोड स्थित डॉक्टर गीता वर्मा कुशवाहा के अस्पताल के सामने झोपड़ी को रवि देवा ने अपना ठिकाना बनाया है ।
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किसानों के लिए फोन नंबर जारी Free Food Ravi Deva Cov – 19
रवि देवा ने अपना फोन नंबर जारी करके कहा है कि किसानों को कोई भी जरूरत पड़े या सहयोग चाहिए तो वो उनसे इस नम्बर पर संपर्क कर सकते हैं 70505 91890 / 95762 42521
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माता पिता और भाई का सपोर्ट
जिस माता पिता ने रवि देवा जैसे देवदूत को जन्म दिया उनका नाम श्री वीरेन्द्र सिंह कुशवाहा और विद्ययावती देवी है । रवि देवा कुल 3 भाई हैं विकाश कुमार, रवि देवा, अमन कुशवाहा ।
रवि देवा बताते हैं कि उनके इस नेक काम में परिवार के सभी सदस्यों का सहमति और सपोर्ट रहता है । घर में माता पिता और भाई कभी भी गरीबों की सेवा करने से नहीं रोकते हैं। बल्कि ये लोग इनका मनोबल बढ़ाते हैं ।
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कंटेनमेंट जोन में पुलिस वालो को भी खिलाते थे खाना
बता दें कि पिछले वर्ष जब कोरोना संक्रमण से लोगों में जब डर बना हुआ था उस समय रवि देवा के गांव में भी कुछ लोग कोरोना के चपेट में आ गए थे। इस कारण से उस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया था और भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
कंटेनमेंट जोन में तैनात लगभग दो दर्जन पुलिस कर्मियों के लिए रवि देवा दोपहर तथा रात के लिए भोजन बनाते थे और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों का पेट भरते थें ।
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रवि देवा नहीं लेते हैं डोनेशन या चंदा
रवि देवा बताते हैं कि वह सामाजिक कार्यों के लिए वे किसी से सहयोग नहीं लेते हैं। डोनेशन या चंदा देने वालों को साफ इंकार कर देते हैं ।
जमीन बेच कर घर बनाने के पैसों से खाना खिला दिया
पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान जमीन बेचकर घर बनाने के लिए पैसा रखा था परंतु घर बनवाने के बजाय उस पैसे से अनाज एवं सब्जियां खरीद कर गरीबों को खिला दिया था ।
अभी भी जज़्बा बरकरार है
रवि देवा कहते हैं कि गरीबों की सेवा करने में यदि जरूरत पड़ी तो वह फिर से जमीन बेच देंगे और उन पैसे से इस संकट की स्थिति में असहाय एवं भूखों की मदद करेंगे ।
Community Kitchen covid patients : जिला प्रशासन के सहयोग से सासाराम के ओझा टाउन हॉल में असहाय एवं निराश्रित लोगों के लिए निशुल्क सामुदायिक कीचेन चलाए जा रहे हैं। ईओ अभिषेक आनंद ने बताया कि वैसे जरूरतमंद जो आने में असमर्थ है, उन्हे उनके घर पर भी भोजन पहुंचाया जाएगा।
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सासाराम के 2 युवा, देवदूत की भूमिका में
पिछले कई दिनों से “सासाराम कि गलियां” के फेसबुक पेज पर सैनिटाइजेशन करते हमारे 2 एडमिनों को देखे होंगे । ये दोनों एडमिन , सरदार परमजीत सिंह और अंकुश सिंह अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन रात लोगों कि मदद कर रहे हैं , चाहे ऑक्सीजन सिलिंडर पहुंचाना हो , किसी को एम्बुलेंस दिलवाना हो, किसी को अस्पताल में भर्ती करवाना हो, ये दोनों एडमिन दिन रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं ।
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परमजीत और अंकुश पहुंचाएंगे आपको खाना
सामुदायिक कीचेन का खाना प्राप्त करने में यदि आप असमर्थ है तो सरदार परमजीत सिंह और अंकुश सिंह आपको इसमें भी अकेला नहीं छोड़ेंगे । ये लोग आपको खाना पहुंचाएंगे ।
1. जब तक कोविड नहीं हुआ- टीका नहीं लगवाया, दिन भर यहां वहां घूमा, कोविड तो है ही नहीं, सरकार और पूंजिपतियों का षड़यंत्र है, रिश्तेदारों में गए, शादी विवाह निपटाया….
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2. एक दिन बुखार महसूस हुआ- वायरल है यार, कोविड-वोविड कुछ नहीं, एक पैरासिटामोल ले लेता हूं।
3. बुखार के दूसरे दिन- मेडिकल स्टोर से एंटिबायोटिक्स ले लेता हूं, करोना टेस्ट की जरूरत नहीं है, जबरदस्ती पाज़ीटिव बता देंगे।
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4. बुखार के तीसरे दिन- बुखार नहीं उतर रहा तो सीटी स्कैन करा लेता हूं, आरटी- पीसीआर की रिपोर्ट तो चार दिन बाद आएगी ( सीटी का स्कोर पहले दो तीन दिन में 3-4 ही रहता है तो निश्चिंत हो गया कि मैं स्वस्थ हूं)
5. बुखार के चौथे दिन- आज भी बुखार है, चलो ब्लड टेस्ट करा लेता हूं ( ब्लड टेस्ट में क्रास रिएक्शन की वजह से फाल्स टायफाइड पाज़िटिव दिखता है ये इसे नहीं मालूम) ओ तेरी…, ये तो टायफाइड हो गया है।
6.बुखार के पांचवें दिन- अब टायफाइड का पता चल ही गया है तो मेडिकल स्टोर से एंटिबायोटिक्स ले लेता हूं, जबरन डाक्टर दो-चार सौ ले लेगा।
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7. बुखार के छठवें दिन- एंटिबायोटिक्स चल रही हैं, पर कमजोरी बहुत लग रही है।
8. बुखार के सातवें दिन- डाक्टर मित्र को फोन करके पूछा तो उसने कहा आरटीपीसीआर करवाओ, वहां पहुंचे तो बड़ी भीड़ थी बड़ी मुश्किल से टेस्ट हुआ, अब रिपोर्ट तीन दिन में आएगी।
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9.बुखार के आठवें दिन- अब तो उठने बैठने में सांस फूलने लगी, आक्सीजन लेवल चैक करवाया तो 85 निकला डाक्टर ने फौरन भर्ती हो कर आक्सीजन लगवाने को कहा, अब ना कहीं बेड मिल पा रहा और ना आक्सीजन ( सरकार को गरियाना शुरू, साला कोई व्यवस्था नहीं, कोई सुनवाई नहीं) जैसे तैसे बेड और आक्सीजन की व्यवस्था हुई |
10. कोई राहत नहीं (अस्पताल को गरियाना शुरू) आक्सीजन और कम हो गई।
11.आज डाक्टर ने कहा वेंटिलेटर लगाना पड़ेगा (डाक्टर को गरियाना शुरू) साले लूटते हैं।
12.कहानी खत्म…!! (परिजनों का अस्पताल में हंगामा, पत्रकारों को मसाला, डैड बाडी घर ले जाने दो, खोल कर दिखाओ)
13. इसी कोविड साइकिल का अगला मरीज लाईन में है….!!!
भाईयो, बुखार आते ही क्वालिफाइड डाक्टर से मिलें, उटपटांग सलाह और मनमर्जी से निर्णय नहीं लें, और जांच जरूर करवाएं। धन्यवाद
कल के हमारे रात वाले पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट में दुःख और लाचारी जाहिर किया था कि उन्हें जेनरल फिजिशियन नहीं मिल रहें हैं , अधिकांस क्लीनिक बंद हैं । ऐसे में हमने सोचा है कि परेशान लोगों तक सही जानकारी पहुंचाकर मदद किया जाए । उनके इस चिंता को दूर कीया जाए, की छोटे मोटे सिम्पटम्स को देखने वाला कोई नहीं है।
स्थानीय रौजा रोड स्थित मौर्या हॉस्पिटल में डॉक्टर आकाश अंबाष्ठा ( Dr. Akash Ambashtha ) अब तक कई लोगों का जान बचा चुके हैं । शुरुआती और माइल्ड करोना लक्षणों के इलाज के लिए डॉक्टर आकाश से कुछ जरूरी बातों को समझते हैं ।
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डॉक्टर आकाश कहते हैं
Dr. Akash Ambhashta
हर व्यक्ति को अपने शरीर में घटने वाली छोटी छोटी घटनाओं और परिवर्तनों पर पैनी नजर रखनी चाहिए । किसी भी रोग में अगर आप समय रहते, रोग आने से पहले ,शुरुआती लक्षणों को पकड़कर ही इलाज शुरू कर देते हैं तो अधिकतर केसों में सफलता प्राप्त होती है ।
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बुखार को नहीं करें नजरंदाज
डॉक्टर आकाश कहते हैं कि, रोज सैकड़ों मरीजों को देखने से यही मालूम चलता है कि आज कल का बुखार बिना अच्छे दवाइयों के जानेवाला नहीं है ।
बुखार करोना के शुरुआती लक्षणों में से एक है । इसके लिए बुखार का तेज होना कोई जरूरी नहीं है । कई बार बुखार कम रह रहा है, आकर चला जा रहा है, कभी रिपीट भी हो रहा है ।
टॉयफायड भी हो सकता है बुखार
हर बुखार करोना ही नहीं होता, कई बार हराशमेंट के चलते भी बुखार आता है तो कई बार मौशम बदलने पर भी । आज कल टॉयफायड भी लोगो को हो रहा है । डॉक्टर सिम्पटम्स और टेस्ट के हिसाब से रोग पकड़ते हैं।
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खुद से नहीं करें इलाज
अगर आप डॉक्टर नहीं है तो , थोड़े बहुत ज्ञान के आधार पर अपना इलाज स्वयं करने की गलती नहीं करें ।
वॉट्सएप हॉस्पिटल से दूर रहें
आज कल वॉट्सएप पर दवाइयों के नाम तेज़ी से फ़ैल रहे हैं , लोग उसे खरीद कर चना – भूंजा की तरह फांक रहे है । इससे कई बार रिएक्शन हो रहा है तो, कई बार कुछ समय बीतने के बाद साइट इफेक्ट सामने आ रहा है।
हर व्यक्ति का बनावट अलग अलग होता है, सबमें सब दवाई नहीं दिया जा सकता। डॉक्टर मरीज का हिस्ट्री और अन्य चीजों को देख कर दवाई देता है । इसलिए अपने मन से बिल्कुल दवाई नहीं लें ।
डॉक्टर आकाश उदाहरण देते हुए बताते हैं कि, वॉट्सएप हॉस्पिटल में सभी पर्चियों पर करोना के लिए मोंटेरा एलसी लिखा हुआ है, यह दवा मुख्यत सर्दी खांसी बदन दर्द की है । अगर किसी को सिर्फ बुखार है, सर्दी खांसी नहीं है तो वह ये दवा क्यूं लेगा ? अगर लेगा तो उसके शरीर पर क्या असर पड़ेगा ?
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इलाज पहले दिन शुरू हो तो मरीज 6-7 दिन में ठीक हो रहे
अगर आपको बुखार आए, स्वाद चला जाए, गले में खराश हो, दस्त हो तो कतई नजरअंदाज नहीं करें, कोशिश करें कि पहले दिन ही डॉक्टर से संपर्क हो जाए । पहले दिन संपर्क करने से आप डॉक्टर के देख देख में रहेंगे, अगर स्थिति बिगड़ता है तो आपकी दवाएं चेंज होंगी या बढ़ाई जाएंगी ।
नॉर्मल एडमिट की व्यवस्था
डॉक्टर बताते हैं की उनके यहां नॉर्मल मरीजों ( करोना नहीं) के एडमिट की भी व्यवस्था है ।
करोना मरीज यहां एडमिट होंगे
आपको बताते चलें कि, करोना मरीज समर्पण अस्पताल लालगंज, सदर अस्पताल सासाराम, अर्श अस्पताल रौजा रोड, अपोलो अस्पताल साकेत नगर, पोस्टल कॉलोनी और नारायण मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं ।
हम भी करवा रहें इलाज
डॉक्टर आकाश के असिस्टेंस में हमने कल से बुखार कि दवाइयां शुरू किया है , परिवार के एक अन्य सदस्य भी दवाई ले रहें हैं । दोनों लोगो में 90% सुधार है । हमने पहले दिन ही इलाज शुरू किया है ,देरी नहीं किया ।
डिस्क्लेमर
यह पोस्ट सिर्फ जानकारी देने और जागरूकता के मकसद से लिखा गया है, यह कोई प्रोमोशनल या पेड एडवरटाइजमेंट नहीं है । हमने यहां कुछ लोगों का इलाज करवाया है और खुद भी करवा रहें है, लोगों के अनुभवों के आधार पर रिव्यू है हमारा ।
मरीज अपने रिस्क पर डॉक्टरों का चयन करें , हम किसी के बेस्ट होने या बुरा होने का दावा नहीं करते हैं । हमने अपना एक्सपीरिएंस शेयर किया है, कोई जरूरी नहीं है कि सबका अनुभव एक जैसा ही हो।
इलाज के लिए बहुत सारी चीजे मायने रखती है , दवा के साथ आपके शारीर का बनावट, इम्यूनिटी पॉवर,पारिवारिक और सामाजिक वातावरण इत्यादि ।
Recruitment in sadar hospital : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 4 दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में जल्द ही स्वास्थ्य सेवाओं में रिक्तियों को भरने के लिए अस्थाई बहाली निकालने का घोषणा किया था । यह करोना काल के लिए था, हालंकि जरूरत के हिसाब से अवधि बढ़ाने की भी बात कही गई थी ।
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बढ़ते हुए करोना महामारी और संसाधनों की कमी को देखते हुए सासाराम सदर अस्पताल में अधिष्ठापित आईसीयू को चालू करने के लिए चार आईसीयू टेक्निशियन और तीन स्पेशलिस्ट डॉक्टर रखने का फैसला लिया गया है ।
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टेम्पररी रहेगी व्यवस्था
फिलहाल यह व्यवस्था अगले 3 महीनों के लिए ही की गई है । यह कॉन्ट्रैक्ट आधारित सेवा होगा । हालंकि जरूरत पड़ने पर अवधि बढ़ाई भी जा सकती है ।
क्या है बहाली की प्रोसेस
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दो तरह की नौकरियां हैं । पहला आईसीयू टेक्निशियन और दूसरा स्पेशलिस्ट डॉक्टर यानी मूर्छक है । इन दोनों के लिए वॉक-इन इंटरव्यू से अभ्यर्थियों का चयन होगा । एक एक करके दोनों को अच्छे से समझते हैं ।
1 . आईसीयू टेक्निशियन
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योग्यता
ईसीजी / आईसीयू टेक्निशियन के लिए शैक्षणिक योग्यता इस प्रकार है । अभ्यर्थी साइंस के बायोलॉजी स्ट्रीम यानी फिजिक्स, बायोलॉजी, केमेस्ट्री से इंटर चाहिए , और अंग्रेजी भी चाहिए और ईसीजी टेक्नीशियन या आईसीयू टेक्नीशियन से डिप्लोमा है ।
वेतन
चयनित उम्मीदवारों को 20 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी दी जाएगी.
आयु : 60 वर्ष ।
2. मूर्छक अर्थात स्पेशलिस्ट डॉक्टर
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योग्यता
विशेषज्ञ डॉक्टर (मूर्छक) के लिए अनस्थीजिया में पोस्टग्रैजुएट योग्यता है ।
वेतन
एक लाख 20 हजार प्रतिमाह वेतन दी जाएगी.
आयु
अधिकतम 60 वर्ष है ।
कैसे होगा काम ?
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वेंटिलेटर टेक्निशियन एवं विशेषज्ञ चिकित्सक अर्थात मूर्छक को आईसीयू में रोस्टर के अनुसार काम करना होगा ।
कब होगा इंटरव्यू ?
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इसी महीने यानी मई में 6 तारीख को ।
कहां होगा इंटरव्यू ?
रोहतास जिला पदाधिकारी के कार्यालय में उपस्थित होना है ।
ये करना नहीं भूले ।
वाक इन इंटरव्यू में शामिल होने वालों को कोविड टेस्ट रिपोर्ट साथ लेकर जाना होगा ।
हमने कई बार स्टाफों की कमी का मुद्दा उठाया है ।
हमें पता है कि देश में शिक्षित बेरोजगारी के साथ सभी सरकारी विभागों में कर्मचारियों की घोर कमी है । एक व्यक्ति को कई लोगों के बराबर का काम करना होता है । इसके चलते समय पर कोई भी कार्य पूरा नहीं होता । जनता को समय पर सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं ।
जो कर्मचारी रहते है, वो भी तनाव में रहते हैं और काम के बोझ से थके रहते हैं । इसलिए अगर सिस्टम को दुरुस्त करना है तो सबसे पहले बहाली निकालना होगा, कर्मचारियों का वर्क एन्वायरमेंट ठीक करना होगा और सरकारी विभागों को बेचने के बदले , अधिक से अधिक सरकारी संपत्ति का विस्तार करने से समाज का कल्याण होगा ।
क्यूंकि आम आदमी का अपना संपत्ति सरकारी संपत्ति ही प होता है, कुव्यवस्था या हक के लिए विरोध और हड़ताल भी कर सकता है ।
सरकारी संपत्ति बढ़ेगा तो सरकार के पास ज्यादा धन आएगा, उस धन से ज्यादा योजनाएं चलेंगी , सरकार के पास धन रहेगा तो जनता के उपर फिजूल के टैक्स भी नहीं लादे जाएंगे और पेट्रोल,डीजल,गैस इत्यादि का दाम भी नहीं बढ़ाना पड़ेगा जिससे अंततः आम जनता को लाभ होगा…
हमने बार बार यह मुद्दा उठाया है,क्यूंकि हम पब्लिक के लिए काम करते हैं अधिकारियों या नेताओं को खुश करने के लिए नहीं । कई बार सकारात्मक दबाव बनाने का अपील किया गया । कई लोगों ने अपने स्तर से प्रयास भी किया ।
इंटरव्यू में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों को “सासाराम कि गलियां” की ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं ।
एक जबाने में संपूर्ण हिंदुस्तान यानी आज के पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत में सासाराम की तुंती बोला करती थी। यह वही सासाराम है जिसके मिट्टी में खेल कर भारत को मुगलों के चुंगल से मुक्त कराने वाला शेरशाह सूरी बड़ा हुआ था ।उसने जिंदगी भर देश को दिया , कभी किसी पर ज़ुल्म नहीं किया । शेरशाह सूरी का दिया हुआ पोस्टल सिस्टम , रुपए को पूरा भारत उपयोग करता है ।
सम्राट अशोक महान के कार्यकाल में जनकल्याण हेतु 8 चरणों में निर्मित मौर्यवंश की निशानी यानी उत्तरपथसड़क जो कि रख रखाव के अभाव में जर्जर हो चुकी थी, उसमें जान फूंक कर पुनः सड़क ए आजम अर्थात बादशाही सड़क ( अंग्रेजो का जीटी रोड) के नाम से भारतीय सड़क परिवाहन को लाईफ लाइन देने वाले शेरशाह सूरी के शहर को बार बार कैसे नजरअंदाज कर दिया गया ? भारत की सरकारें शेरशाह के उपकारों को कैसे भूलती रही..क्यूं हर बार नाइंसाफी हुई सासाराम के साथ ? इस पर सवाल तो बनता ही है ।
बिहार के 15 जिलों में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट, सासाराम बाहर
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कोरोना के दूसरी लहर में ऑक्सीजन सप्लाई के बढ़ते संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा किया है । केंद्र सरकार की घोषणा के अनुसार पूरे देश में 551 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे।
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इसमें बिहार के 15 जिले शामिल हैं । नए ऑक्सीजन प्लांटों के लगने से आस पास के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ा इजाफा होगा। नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने से स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन भी होगा ।
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बिहार के इन जिलों में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट
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प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो की ओर से जारी सूचना के अनुसार बिहार के बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, गया, गोपालगंज, कटिहार, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पटना, पूर्णिया, सहरसा और वैशाली जिले में नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे।
लिस्ट से बाहर है सासाराम
हर बार की तरह सासाराम के साथ इस बार भी नाइंसाफी ही हुई है । बिहार के राजगीर में पर्यटन का विकास हुआ तो भागलपुर में एयरपोर्ट खुला, पटना में एम्स खुला तो औरंगाबाद में एनटीपीसी आया
लेकिन 7 विधायक , 3 सांसद ( लोकसभा + राज्यसभा) और 2 विधान पार्षद रखने वाले सासाराम ( **जिले के सेंस में) के नसीब में सड़क जाम, जल जालमाव, गंदगी, टूटी सड़कें, बाजारों में धूल और खराब हो चुकी स्ट्रीट लाइटों की अंधेरी रात के अलावा कुछ नहीं मिला ।
वोट लिया भर भर के…दिया बाबा जी का ठुल्लू
People Representatives of sasaram
अगर राजनीति और वोटों की बात करें तो सासाराम का स्थान देश और राज्य की राजनीति में अहम है । जिले से 7 विधायक , 3 सांसद ( लोकसभा + राज्यसभा) और 2 विधान पार्षद हैं । विजय मंडल, फतेह बहादुर कुशवाहा, अरुण सिंह कुशवाहा, राजेश गुप्ता, अनीता चौधरी, मुरारी गौतम और संतोष मिश्र विधायक हैं , जबकि महाबली सिंह कुशवाहा , छेदी पासवान लोकसभा सांसद हैं , वहीं गोपाल नारायण सिंह राज्यसभा सांसद हैं । यह लिस्ट यही ख़तम नहीं हुई बल्कि इस इलाके से संतोष सिंह और निवेदिता सिंह विधान पार्षद भी है ।
हमेशा दिया देश को, बदले में मिला कुछ नहीं
सासाराम ने जगजीवन राम के रूप में देश को पूर्व उप प्रधानमंत्री दिया है , प्रथम महिला लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार , बिहार विधान पार्षद सभापति अवधेश नारायण सिंह जैसे बड़े बड़े नेताओं को इसी मिट्टी ने कामयाब बनाया है । इन सभी लोगों ने भारत को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । इन सबके बावजूद भी सासाराम को कभी कुछ खास नसीब नहीं हुआ ।
औरंगाबाद में पहले से है ऑक्सीजन प्लांट
Reference : Oxygen tank
औरंगाबाद के बारुण में पुराना ऑक्सीजन प्लांट है , इसकी कैपेसिटी कम है । अभी तक इसी से सासाराम तक ऑक्सीजन पहुंचता था । लेकिन जब बिहार के 15 जिलों में नए ऑक्सीजन प्लांटों की घोषणा हुई , तो उसमे सासाराम का नाम नहीं होने से भविष्य में भी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए यहां के लोगो को दूसरे जिलों पर निर्भर रहना पड़ेगा ।
दाम महंगा होगा क्यूंकि ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट जुड़ेगा । रोजगार के अवसर कम होंगे ,क्यूंकि नए प्लांट लगते तो यहां के लोगों को रोजगार भी मिलता ।
उद्योगों और अस्पतालों पर भी असर पड़ेगा
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सुविधाएं एक दूसरे से जुड़ी होती है । माहौल से तय होती है विकास कि राहें । जहां पर ऑक्सीजन प्लांट होंगे वहां इंडस्ट्रीयल और मेडिकल गतिविधियां अपने आप बढ़ जाएंगी ।
अस्पतालों की स्थित जर्जर
इलाके में ढंग का एक भी सरकारी अस्पताल या सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है। सासाराम सदर अस्पताल के वेंटिलेटर बन्द पड़े है, उन्हें चलाने के लिए ऑपरेटर नहीं है ।
करोना काल में सदर अस्पताल से इस तरह की खबरें डरावनी है और स्थित को समझने के लिए काफी हैं ।
बनारस और गया के बीच सासाराम अहम शहर है
भारत के दोनों प्राचीन शहरों ( बनारस और गया) के बीच में एक और प्राचीन शहर है , उसका नाम है सासाराम । सासाराम के चंदन शहीद मजार के पास स्थित मौर्यवंशी सम्राट अशोक महान का लघु शिलालेख, शहर के प्राचीनता और इसके महात्ता का जीता जागता सबूत है ।
आप क्या करें ?
अगर आप विधायक,सांसद या विधान पार्षद हैं
आप सरकार के विभिन्न प्लेटफार्मो पर अपने लोगों के सवालों को जोरदार तरीके से रखें। अपने लोगों को ऐसी चीज दें, जिससे आपका नाम अमर हो जाए । लोग जब यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, उद्योग, पर्यटक स्थलों पर जाएं तो याद करें कि फलाने नेता ने बनवाया था ।
जिले के एक दो बिजनेसमैन जो अपने स्वार्थ और साम्राज्य को बनाए रखने के लालच में यहां कुछ भी होने नहीं देते, उनसे दूर रहें । क्यूंकि ये सभी सेट लोग है , पैसे के लिए बिजनेस है तो पॉवर के लिए पिछले दरवाजे से राजनीति । ये लोग जनता से वोट नहीं लेते, पिछले दरवाजे से पद हासिल कर लेते हैं। लेकिन आपका केस इनसे अलग है, आपको वोट लेना है।
सरकार या पार्टी से डरें नहीं, क्यूंकि जब आप जनता के लिए लड़ेंगे और आपकी ईमानदार लड़ाई जनता को दिखाई देगी तो आप निर्दलीय भी जीत जाएंगे ।
अगर आप आम जनता है ,तो ये करें !
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हमारे अपील को देख कर सोनू पांडेय ने दिया मरीज को खून । इस भीषण काल में जब आपके विधायक, सांसद और सरकार हाथ खड़े कर चुके हैं , तो सासाराम के कई युवा इस महामारी के दौरान मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं।
Appeal : This screenshot was used as appeal by Sasaram Ki Galiyan
हमने इसी सप्ताह एक मरीज के लिए ब्लड रिक्वायरमेंट के लिए अपील किया था। अगर आप हमसे हमारे वॉट्सएप नंबर से जुड़े हैं या सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्मो से जुड़े हैं तो आपने हमारा स्टेटस देखा होगा । सासाराम अनुमंडल के कुदरा में एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन ने इमरजेंसी जरूरत के लिए हमें पिंग किया था ।
उस खबर को हमने अपने सभी जानने वालों तक पहुंचाया , उस देख कर, इस करोना काल में जहां कुछ लोग आपदा में अवसर ढूंढ़ते हुए तमाम संसाधनों की कालाबाजारी कर रहें है , ऐसे समय में सासाराम के समर्डिहा गांव के युवक राधेश्याम पांडेय उर्फ सोनू पांडेय जी मानवता के ध्वजा को झुकने से बचाने के लिए स्वयं आगे आए ।
Confirmation by radheshyam pandey after help
उन्होंने कुदरा के मरीज से संपर्क किया, उन्हें सासाराम ले आए और खून की जरूरतों को पूरा किया । उन्हें यह भी भरोसा दिलाया कि भविष्य में कोई भी जरूरत पड़े , निसंकोच संपर्क करें ।
राधेश्याम “हिन्दू जागरण मंच” के सक्रिय सदस्य
Hindu Jagran Manch ,Sasaram
देवदूत की तरह सहयोग के लिए हाथ बढ़ाने वाले राधेश्याम जी रोहतास जिले में चलने वाले “हिन्दू जागरण मंच” के सक्रिय सदस्य हैं । ये लोग दिन रात एक करके करोना पीड़ितो की मदद कर रहे हैं । ऑक्सीजन से लेकर दवाई और बेड तक की व्यवस्था कर रहे हैं। इनका संगठन सभी लोगों के लिए कार्य कर रहा है, मदद के समय जाति या धर्म की दीवारें गतिरोध नहीं बन रही हैं।
हमने क्यूं लगाया यह खबर ?
कहा गया है कि “सेवा ऐसी होने चाहिए कि दाएं हाथ से दीजिए ,तो बाएं को पता भी नहीं लगे” । लेकिन, सामाजिक कार्यों में यह कभी कभी निरर्थक हो जाता है, खास कर तब जब आपके चारो तरफ मतलबी दुनिया है ,लेकिन आप अधिक से अधिक लोगों तक मदद पहुंचाने की सोच रखते हैं और आप सिस्टम के पार्ट नहीं है ।
क्यूंकि आज के समाज में जहां हर तरफ नकारात्मकता, असमाजिकता, मतलबीपन और राक्षसी प्रवृति का बोल बाला है , ऐसे में मुट्ठी भर नेकी करने वालों की खबरे दिखाना सबसे महत्वपूर्ण कार्य है । क्यूंकि इससे समाज के अन्य लोगों को मोटीवेशन मिलता है , सकारत्मक शक्तियों का संचार होता है जिससे अन्य लोग भी अपने अपने स्तर से मदद करने के लिए आगे आते हैं ।
दूसरा पहलू यह भी है कि, जब आपके कार्यों को अधिक से अधिक लोग जानते है तो समय पड़ने पर वो भी आपसे मदद मांगते है, और इस तरह से अधिक से अधिक लोगों तक मदद पहुंच पाती है ।