तस्वीर आरा सदर अस्पताल से रात के 1:50 बजे की है । कुर्सी पर बैठे-बैठे सो रहा यह शख्स अस्पताल का कोई कर्मचारी नही बल्की माले ( CPI-ML) का युवा विधायक कॉमरेड Manoj Manzil है !
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दूसरे विधायक मुसीबत में अंडरग्राउंड हो गए हैं
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महामारी संक्रमण के दौर में जबकि तमाम विधायक और सांसद अपने सेफ़ हाउस में बैठे हुए है ऐसे समय में सरकार में ना रहते हुए भी बिना किसी संसाधन के मनोज मंज़िल अपनी जान की परवाह किये बिना 24 घण्टे “आरा सदर अस्पताल” में डेरा जमाए हुए है।
लड़ लड़ कर सेवा कर रहें हैं MLA Comred Manoj Manzil
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विधायक कॉमरेड मनोज मंजिल सरकारी अधिकारियों से लड़-झगड़ कर अपने जान से प्यारी गरीब-गुरबा जनता को ऑक्सीजन, दवाई और एम्बुलेंस जैसी सुविधाएं उबलब्ध करा रहे है !
करोड़ों रूपए के विचार
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मनोज मंजिल का कहना है कि इस वैशिवक महामारी में अपनी सम्मानित जनता की सेवा करना ही मेरी पहली प्रथमिकता है ,मेरी पार्टी ने मुझे हमेशा गरीबों के हक के लिए लड़ना औऱ उनसे प्यार करना सिखया है । मैं अपनी जनता से असीम प्यार करता हूं इसलिए इस महामारी में उन्हें अकेला नही छोड़ सकता !
सबके लिए आदर्श
आज के जन प्रतिनिधियों, भाषणजीवी और सुविधाभोगी नेताओ को इनसे सिख लेनी चाहिए ! कॉमरेड मनोज हम उम्मीद करते हैं कि आप भी स्वस्थ रहेंगे और इसी तरह लोगो के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहेंगे ! लाल सलाम !!
सासाराम में तेजी से पांव पसार रहे कोरोना महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन ने कमर कसना शुरू कर दिया है ।बिहार सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइंस के आलोक में सार्वजनिक स्थलों पर लोगों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है।
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बन्द हुआ शेरशाह मकबरा | Shershah Tomb Closed Cov-19
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कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऐतिहासिक धरोहर शेरशाह सूरी मकबरा (Shershah suri Tomb) को 15 मई तक के लिए बंद कर दिया गया है।
Notice : ASI
पुरातत्व विभाग (ASI) की ओर से इस संबंध में मकबरा के मुख्य प्रवेश द्वार पर नोटिस चिपका कर आम लोगों को इसकी सूचना दी गई है।
शेरशाह सूरी मकबरा का प्रवेश द्वार रस्सियों से सिल
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बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए शेरशाह सूरी मकबरा के मुख्य प्रवेश गेट द्वार को पूरी तरह से रस्सियों से सील कर दिया गया है।
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ठेले खोमचे वालों में मायूसी
Shershah Tomb Closed
मकबरा बंद हो जाने से पर्यटकों पर निर्भर आसपास खोमचा लगाकर जीवन यापन करने वाले गरीबों में निराशा है । उनके अनुसार इसके अलावा उन लोगों के पास रोजी-रोटी का कोई दूसरा साधन नहीं है, प्रशासन को उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए , ताकि कुछ मदद हो सके ।
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आस पास है गंदगी का अंबार
Dirty Premises Of SherShah Tomb
शेरशाह सूरी मकबरा के आस पास गंदगी का अंबार लगा हुआ है । खास कर भा और रौजा रोड नंबर 1 मोड़ पर ।
इससे आस पास के बस्तियों में महामारी फैलने की आशंका है , दुर्गंध से इंसान तो दूर पशु पक्षी भी उधर से गुजरने में सोचते हैं।
Air Pollution in SherShah Tomb Premises
कोरोना संक्रमण के कारण अस्पतालों में पहले से भिड़ है , ऐसे में अगर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के लापरवाही से गंदगी के कारण अन्य महामारियां फैलती है तो स्थिति और भी गंभीर बन सकती है । स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को कोरोना के दौर में साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए ,ताकि अस्पताल पहुँचने वाले लोगों की संख्या घटाई जा सके और अस्पतालों पर अनावशयक दबाव कम हो |
सासाराम के लिए अच्छी खबर है । अगर इस बार सरकारी वादा पूरा हुआ तो , सासाराम वासियों को रोज़ रोज़ के सड़क जाम से थोड़ी राहत जरूर मिल जाएगी । हमने “इस बार” और “थोड़ी राहत” क्यूं कहा ? इसका जवाब नीचे मिलेगा । फिलहाल इस खबर को हमारे साथ विस्तार से जानिए ।
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7 करोड़ से ज्यादा की लागत से लगेंगे 6 जगहों पर लाइटें
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प्रभारी डीएम ओमप्रकाश पाल के मुताबिक पिछले वर्ष जिला मुख्यालय के 6 प्रमुख केंद्रो पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रैफिक लाइट (Traffic Signal Sasaram ) लगाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था । उस प्रस्ताव को गृह विभाग ने स्वीकृत भी कर लिया था। इस कार्य को पूरा करने के लिए गृह आरक्षी विभाग द्वारा सात करोड़ चार लाख इक्कीस हजार छह सौ चौहत्तर रुपये की स्वीकृति प्रदान किया गया है ।
कौन लगाएगा सिग्नल ?
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ट्रैफिक लाइट लगाने का काम “बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड” अर्थात बुडको के माध्यम से होगा ।
कहां कहां लगेंगे ट्रैफिक लाइटें ?
सासाराम के प्रमुख ट्रैफिक सेंटरों पर यह लाइटें लगाई जाएंगी । इन प्रमुख ट्रैफिक सेंटरों के नाम इस प्रकार हैं :-
धर्मशाला चौक
पोस्ट आफिस चौराहा
जगदेव मोड़ / बौलिया मोड़
करगहर रोड मोड़
रौजा रोड नंबर 1/ प्रभाकर रोड मोड़
सर्किट हाउस मोड़ / कालिस्थान
ट्रैफिक सिग्नल के साथ अन्य चीजें भी लगेंगी ?
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अब “सासाराम की गलियां” भी ट्रैफिक सिग्नल से गुलज़ार होंगी क्यूंकि जीटी रोड पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रैफिक सिग्नल के इशारे पर हमारे – आपके वाहन चलेंगे। इसके लिए स्मार्ट पोल भी लगाए जाएंगे । इसमें बीटीएस, वाइ-फाइ, सीसीटीवी, डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड, ट्रैफिक सिग्नल की भी व्यवस्था होगी।
कब तक लगेगा Traffic Lights Sasaram ?
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Traffic Lights Sasaram : सरकार के द्वारा 3 महीने में कार्य पूरा करने का निर्देश हैं ।
क्या कहती हैं सासाराम मुख्य पार्षद ?
मुख्य पार्षद, सासाराम नगर परिषद कंचन देवी ने कहा कि सासाराम में छह स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रैफिक लाइट लगाने के लिए गृह विभाग द्वारा राशि आवंटित किया गया है। कार्य एजेंसी बुडको को बनाया गया है। सात करोड़ से अधिक राशि खर्च कर शहर को जाम की समस्या से सरकार निजात दिलाएगी , यह शहर के लिए एक अच्छी खबर है ।
हमने इस खबर के शुरुआत में ट्रैफिक लाईटों के लगने से “थोड़ी राहत” मिलने कि बात क्यूं कही ?
“थोड़ी राहत” इसलिए , क्यूंकि सिर्फ ट्रैफिक सिग्नल से जाम ख़तम नहीं होता है, सुचारू और परमानेंट सिस्टम के लिए चौड़े रोड, फुटपाथ, रोड क्रॉस के लिए ब्रिज, ईमानदार ट्रैफिक कर्मियों की तैनाती और जन जागरूकता तथा तालमेल भी अहम होते हैं ।
पहले भी आई हैं इस तरह कि ख़बरें
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समय समय पर इस तरह की खबरें आती रही हैं , लेकिन अगर पिछले बार की बात करें तो पिछले वर्ष यानी 2020 के मार्च तक ही सासाराम में ट्रैफिक लाईटों को लगाना था । इस खबर ने खूब सुर्खियां बटोरी । लेकिन समय के साथ पिछले मार्च से 2021 का मार्च भी आ कर बित गया….सारे वादे हवा में उड़ गए ।
इस बार उम्मीद की किरण है
राशि आवंटन के कारण इस बार , कछुए कि चाल से चल रही प्रक्रिया को पूरा होने के आसार हैं । ईश्वर से प्रार्थना है कि यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो जाए, और हम शहरवासियों को राहत मिले ।
कहां आ सकती है दिक्कतें ?
सासाराम में मुख्य सड़क यानी जीटी रोड का पूरी तरह से चौड़ीकरण नहीं हो पाया है । बीच बीच में कार्य अधूरा है । डिवाइडर भी टूट चुके हैं, नए बने नहीं । स्ट्रीट लाइटे गायब हैं ,ये जलते नहीं ,कुछ टूटे हुए हैं । सड़क किनारे से बिजली के खंभे भी पूर्ण रूप से हटे नहीं है । ऐसे में 3 महीने में ट्रैफिक लाईटों का पूर्ण रूप से लग कर चालू हो जाना किसी चमत्कार से कम नहीं होगा । और लग भी गया तो बिना उपर के समस्याओं पर काम किए सड़क जाम की समस्या का जड़ से समाप्त होने के सपने देखना बेईमानी होगी ।
पूरी खबर अच्छी, सच्ची और प्रैक्टिकल लगी तो , शेयर करना नहीं भूलें । आपका प्यार हमें इसी तरह से मेहनत करने और पूरी खबर को बारीकियों से लाने के लिए हिम्मत देगा ।
घर पर लंच भूल गए हैं ? या दोस्त को किताब देना है ? बोलिए ना, कपड़े आयरन करवाना है चच्चा ? घर बैठे सब हो जाएगा । सोफ़ा ,फ्रिज, ग्रोसरी, साड़ी,लहंगा , मोबाइल फोन …..यहां सब कुछ मिलता है । सासाराम जैसे छोटे शहरों में ये सब सुनने में थोड़ा अजीब लगता होगा , लेकिन इसे सच कर दिखाया है सासाराम के इंजीनियरों ने ।
OnDoorBazaar मोबाइल एप के जरिए , अब सासाराम शहर में उसी दिन प्रोडक्ट डिलीवरी के दावे के साथ कंपनी ने कई बेहतरीन सेवाओं कि शुरुआत की है ।
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पिकअप सर्विस
OnDoorBazaar Pickup
अगर आप ऑफिस या दुकानें जाते समय अपना लंच बॉक्स घर छोड़ आए हैं तो , अब मायुश होने के दिन लद गए है । OnDoorBazaar एप की मदद से आप अपने घर से अपना सामान कुछ ही समय में अपने पास मांगा सकते हैं ।
एक ही शहर में किताब , छोटे लगेज को भी घर बैठे शहर के इस कोने से उस कोने तक पहुंचाने का दावा कम्पनी कर रही है । इन्होंने बताया कि, वजन और दूरी के अनुसार चार्जेज का निर्धारण किया गया है ।
बड़े ई कॉमर्स कम्पनियों से कम समय में सेवा
अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी ई कॉमर्स कम्पनियां आपके सामान को पहुंचाने में जहां 2 से 10 दिनों तक का समय लेती है, वहीं OnDoorBazaar एप के मालिक , एक ही दिन में ,आसान भाषा में कहें तो उसी दिन सामान डिलीवर करने का दावा कर रहे हैं ।
फर्नीचर
OnDoorBazaar Furniture
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Furnitures
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सोफ़ा , टेबल ,कुर्सी ,गोदरेज, ड्रेसिंग टेबल इत्यादि जैसे फर्नीचर सामानों को घर बैठे उस समय के मौजूदा डिस्काउंट ऑफरों के साथ घर के चौखट तक पहुंचाने का जिम्मा OnDoorBazaar एप ले रहा है ।
ड्राई क्लीन सर्विस
OnDoorBazaar
घर बैठे बिना किसी दौड़ा दौड़ी और समय गवाएं ड्राई क्लीन की सुविधा भी इस एप पर उपलब्ध है । कई तरह के कपड़ों को ड्राई क्लीन करवाया का सकता है । इनका बन्दा खुद आपके घर आएगा , सामान लेगा और ड्राई क्लीन करके आपको आपके घर पहुंचा देगा ।
कपड़े भी मिल रहे हैं
लेडीज वियर, मेंस वियर और किड्स वियर कपड़ों की कई तरह की रेंज और वेरायटीयां एप पर मौजूद है ।
ग्रोसरी
करोना के समय में सड़क जाम से गुजर कर छोटे मोटे सामानों के लिए बाज़ार कौन जाना चाहता है ?OnDoorBazaar ने यह प्रॉब्लम भी सोल्व कर दिया है । इनके मोबाइल एप के जरिए ग्रोसरी आइटमों की होम डिलेवरी सुविधा उपलब्ध है ।
किराना यानी जेनरल स्टोर
General Store
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रोज मर्रा के जरूरतों के सामानों में किराना सामानों का स्थान टॉप पर होता है । इनके मोबाइल एप पर सासाराम शहर में जेनरल स्टोरों के सामान की भी होम डिलेवरी कराई जा रही है ।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी एप पर उपलब्ध हैं । मोबाइल फोन से लेकर फ्रिज, कूलर, एयर कंडीशनर, फंखा, आयरन इत्यादि जैसे अन्य उपकरणों का अच्छा खासा स्टॉक है ।
कंप्लेन और रिटर्न की भी सुविधा
कम्पनी ने अपनी सेवाओं में “चेक एंड बैलेंस” की नीति के तहत अपने सभी प्रोडक्टों पर रिटर्न और शिकायत सेवा का व्यवस्था किया है । रिटर्न करने के लिए अन्य बड़े ई कॉमर्स कंपनियों की तरह प्रोडक्ट के पास ही बटन मौजूद है ।
टेलीफोनिक शिकायत दर्ज करने के लिए कस्टमर इसके लिए इसी पोस्ट के अंदर इंक्वायरी वाले सेक्शन में फोन नंबर भी प्राप्त कर सकते हैं ।
इंक्वायरी
इसके लिए कम्पनी द्वारा 914 2966 796 फोन नंबर जारी किया गया है ।
सेवाओं का फायदा उठाने के लिए क्या करना होगा?
OnDoorBazaar एप द्वारा दिए जा रहे सर्विसेज का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले आपको अपने फोन में एप इंस्टाल करना होगा ।
कैसा होगा एप इंस्टाल
एप इंस्टाल करने के लिए अपने फोन के प्ले स्टोर में जा कर OnDoorBazaar सर्च करना होगा । उसके बाद इंस्टाल के बटन को दबा कर एप इंस्टाल किया जा सकता है ।
OnDoorBazaar के ANIKESH SINGH, SHASHI KANT SINGH, RAUNAK JEET, RAJU SINGH मालिक हैं। इनमे से दो लोग इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं । इन्होंने ही इस मोबाइल एप को जमीन पर उतारा है ।
नौकरियों कि भी सौगात
OnDoorBazaar अपने साथ नौकरियां भी लेकर आई है । कम्पनी को डिलेवरी ब्वॉयज की सख्त जरूरत है , इंटरेस्टेड पर्सन इस संदर्भ में इंक्वायरी वाले नम्बर पर ही फोन करके बात कर सकते हैं ।
भविष्य की सेवाएं
OnDoorBazaar कम्पनी के एक सदस्य ने Sasaram Ki Galiyan से एक खास बातचीत में बताया कि , जल्द ही सासाराम में ओला कि तरह टैक्सी और परिवहन सेवाएं भी शुरू करने की दिशा में वो लोग अग्रसर है ।
Tarachandi Temple Closed Cov 19 : बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए करोना गाइडलाइंस को देखते हुए आज मां ताराचण्डी धाम मन्दिर कमिटी का विशेष बैठक आयोजित हुआ । यह बैठक सासाराम के ताराचण्डी मन्दिर परिसर में ही संपन्न हुआ , बैठक में मंदिर प्रबंधन कमिटी के सदस्यों ने भाग लिया ।
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बैठक में लिया गया अहम फैसला | Tarachandi Temple Closed Cov 19
Meeting : Tarachandi Mandir Committee ,sasaram
आज के बैठक में उपस्थित सदस्यों ने बिहार सरकार के करोना गाइडलाइंस को भक्तों की सुरक्षा के मद्देनजर पूर्ण रूप से पालन करने का संकल्प लिया । बैठक में ही फैसला लिया गया कि , आज से मां ताराचण्डी मन्दिर पूर्ण रूप से बंद रहेगा । अगले आदेश तक यह नियम इसी तरह से बरकरार रहेगा ।
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आज के बैठक में पूर्व विधायक श्री जवाहर प्रसाद कुशवाहा, सोनू सिन्हा, महेंद्र साहू सहित अन्य कमिटी सदस्यों और मंदिर के पुजारियों ने भाग लिया ।
श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य और सुरक्षा है महत्वपूर्ण
बैठक में सदस्यों ने श्रद्धालुओं के सुरक्षा और सरकारी आदेश के प्रति सम्मान का भाव प्रकट किया ।
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कल से ही पूजा अर्चना बन्द किया गया था
Tarachandi Temple Closed due to Cov 19
मां ताराचण्डी मन्दिर कमिटी के महामंत्री श्री महेंद्र साहू जी ने 10.04.2021 से ही मंदिर में पूजा अर्चना करने पर रोक लगा दिया था । लेकिन आज के बैठक में मंदिर को पूर्ण रूप से बंद करने का फैसला किया गया ।
800 वर्षों में दूसरी बार बन्द हुआ मां ताराचण्डी धाम
Tarachandi Temple Closed Twice in 800 Years (Toaday’s Pic)
मंदिर के इतिहास में ऐसा अपवाद ही हुआ है जब किसी कारण से मंदिर बन्द हुआ हो । प्रधान पुजारी उदय गिरी एवं रामलायक गिरी ने बताया कि ताराचंडी मंदिर की स्थापना का इतिहास 12वीं शताब्दी का है । मन्दिर स्थापना का इतिहास 12वीं शताब्दी का है ,तब से पिछले वर्ष तक कभी भी मां का पट बंद नहीं हुआ।
Crowd in Navaratri Tarachandi
लेकिन पिछले वर्ष करोना महामारी को देखते हुए भक्तों की सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर के पट को अनिश्चितकालीन के लिए बंद करना पड़ा था ।
Tarachandi Temple Navaratri
इस बार फिर करोना का दूसरा वेब/लहर देश में फ़ैल रहा है और सरकारी गाइडलाइंस को पालन करते हुए भक्तों की सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर को बन्द करने का निर्णय लिया गया है ।
सासाराम में छात्रों का उग्र प्रदर्शन व तोड़ फोड़ के बाद देश प्रदेश में जिन लोगों की यह धारणा बनी होगी कि यहाँ के बच्चे उदंड हैं, तो उन्हें इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि बिहार के टॉपर भी यहीं से निकलते हैं।
एक तरफ जब 6 अप्रैल को करोना गाइडलाइंस के खिलाफ सड़क रणभूमि बना हुआ था तो दूसरी तरफ इसी जिले का संदीप कुमार सिर्फ संदीप से बिहार टॉपर संदीप कुमार बनने का तैयारी कर रहा था ।
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4 अन्य भी हैं टॉपर्स की लिस्ट में
5 Bihar Toppers From Sasaram 2021
जब मुट्ठी भर शरारती तत्व देश के संपत्तियों को बर्बाद कर रहे थें तो जिले के 5 बच्चे टॉपर बन कर सासाराम का नाम ऊंचा करने की तैयारी कर रहे थें । संदीप कुमार के अलावे आकाश कुमार ,शिवानंद चौबे ,वीनू कुमारी और गुलाम कामिल भी टॉपर्स बने हैं ।
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हमारा जिला पहले भी दे चुका है टॉपर
Himanshu Raj | Bihar Topper 2020
पिछले वर्ष की बात करें तो , दिनारा प्रखंड के नटवार का सब्जी बेचने वाला हिमांशु भी बिहार टॉपर बन कर समाज में स्वर्णिम अक्षरों से अपना नाम दर्ज करवाया था । उनके बारे में डिटेल्स के लिए मेरे ऊपर क्लिक करें ।
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सासाराम के बच्चे हर परीक्षा में लहराते है परचम
देश की प्रतिष्ठित UPSC परीक्षा कि बात करें या इंजीनियरिंग की शीर्ष परिक्षा GATE की, आप इसी SasaramKiGaliyan.Com पोर्टल पर सर्च करके देख सकते हैं कि , हमारे यहां के बच्चे कितने मेहनती और प्रतिभावान होते है । सर्च करने पर आपको कई बच्चे, बच्चियां मिल जाएंगी जिनकी सकारात्मकताएं आपके मन में घर कर चुकी सासाराम के प्रति स्टरियोटाइप को तोड़ डालेंगी ।
सासाराम अनुमंडल के शेरशाह इंजीनियरिंग कॉलेज के अंकित और चंदेश्चर ने ऑनलाइन डिलीवरी का मोबाइल एप MrGrofer ( pronounciation mister grofer) तैयार किया है । इस एप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति सासाराम के चुनिंदा रेस्टोरेंट्स , केक शॉप्स और किराना स्टोरों से प्रोडक्ट्स का ऑर्डर कर सकते हैं , यह ऑर्डर उन्हें होम डिलीवरी के तहत एप के डिलेवरी ब्वॉयज द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा ।
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डेहरी में भी यह सुविधा
सासाराम के अलावा डेहरी ऑन सोन में भी इस एप द्वारा सर्विस दिए जा रहे हैं ।
15 से 30 मिनट में डिलीवरी
MrGrofer App
एप संचालक किसी भी ऑर्डर को नॉर्मली 15 से 30 मिनट में आपके घर तक डिलीवर करने का दावा करते हैं। उन्होंने बताया कि इनकी सेवाएं सासाराम के शहरी इलाकों में उपलब्ध है ।
क्या करना होगा ?
एप को उपयोग करने के लिए गूगल प्ले स्टोर पर MrGrofer Appसर्च करने से एप मिल जाएगा । उसके बाद इंस्टाल करना होगा । इंस्टाल करने के बाद एप का उपयोग किया का सकता है ।
कौन हैं एप बनाने वाले
अंकित और चंद्रेश्वर ने इस एप को अपने कड़ी मेहनत से तैयार किया है । अंकित कंप्यूटर साइंस ब्रांच के फाइनल ईयर के छात्र है जबकि चंद्रेश्वर ने EEE ब्रांच से बीटेक का डिग्री पिछले वर्ष पूरी कर चुके हैं । दोनों लोग शेरशाह इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र और पूर्व छात्र ( क्रमशः) हैं ।
Bihar Matric Topper 2021 : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) की 10वीं यानी मैट्रिक परीक्षा के रिजल्ट सोमवार को घोषित हो गए हैं । सासाराम ( जिला मुख्यालय होने के कारण जिला के सेंस में ) के दिनारा प्रखंड के संदीप कुमार ने एक बार फिर मां भलुनी भवानी की धरती को गौरवान्वित किया है।
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आपको बताते चलें कि पिछले साल भी इसी दीनारा के नटवार के धरती का लाल हिमांशु राज ( पिता : सुभाष सिंह कुशवाहा ) ने बिहार टॉपर का खिताब अपने माथे पर धारण किया था ।
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संदीप ने कितने अंक हासिल किए ?
Sandeep kumar Bihar Topper
Bihar Matric Topper 2021 संदीप ने 484 अंक यानि 96.8% मैट्रिक परीक्षा में हासिल किया है । आपको बताते चलें कि संदीप अकेला स्टेट टॉपर नहीं है , बल्कि इस बार 3 बिहार टॉपर हैं । जमुई के सिमुलतला स्कूल की पूजा कुमारी एवं शुभदर्शिनी को भी 484 अंक प्राप्त हुए हैं।
किस गांव का निवासी है Bihar Matric Topper 2021
संदीप दिनारा प्रखंड के कुसही गांव के निवासी हैं ।
किसान परिवार से आता है संदीप
संदीप कुमार के पिता जी का नाम महाराजा सिंह है और वो एक आम भारतीय किसान हैं ।
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फूफा जी का अहम योगदान
संदीप अपने सफला का श्रेय अपने फूफा जी को भी देता है , वह कहता है कि कोरोना महामारी के कारण 2020 में जब स्कूल तथा कोचिंग बंद थे तब उसने अपने फूफा के मार्गदर्शन में पढ़ाई किया । उसके फूफा जी का नाम जवाहर सिंह है तथा वह एक शिक्षक हैं।
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गांव में संसाधनों की कमी
संदीप बताता है कि उसके गांव में पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है । करोना के दौर में जब मैट्रिक परीक्षाएं सिर पर थी ,तब वह दिनारा स्थित अपने फूफा जी के घर चला गया । और वहां जा कर उनके देखरेख में अपना सिलेबस पूरा किया।
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कंप्यूटर इंजिनियर बनने का सपना
संदीप कहते है कि , उनके माता पिता का सपना उन्हें एक अच्छे कंप्यूटर इंजिनियर के रूप में देखना है । वह अपने माता पिता के सपनों को साकार करने के लिए पूरे दिल से पढ़ाई कर रहा है। संदीप का कहना है कि, अभी तो मैंने सफलता की पहली सीढ़ी पर कदम रखा है। मंजिल दूर सही, लेकिन पाकर ही दम लूंगा।
हमें जैसे ही मालूम चला कि, अपने मिट्टी के लाल ने कमाल कर दिया है , टीम के लोगों के चेहरे खिल उठे । “सासाराम की गलियां” के फेसबुक पेज पर कल दोपहर में ही संदीप के टॉपर बनने का खबर ब्रेक किया गया था ।
यूं तो,हर वर्ष विद्यार्थी परीक्षाएं देते हैं और उनमें से कोई न कोई टॉप भी करता है। लेकिन इस वर्ष टॉप करने वालों का महत्व इसलिए बढ़ गया है, क्योंकि 9 महीनों तक सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे । इस कठिन दौर में भी सफलता के झंडे गाड़ना अपने आप में एक अलग ही उपलब्धि है ।
आप क्या करें ?
संदीप के सफलता को सेलिब्रेट करें , उनके सम्मान में अधिक से अधिक इस पोस्ट को शेयर करें और बधाई दें ।
करोना के इस दौर में निराश समाज को सकारात्मक शक्तियों की विशेष जरूरत है ।
Nagar Nigam Sasaram water 2021 : गर्मियों के मौसम ने शहर में दस्तक दे दी है , इसके साथ ही वर्षों से चले आ रहे मीठा पानी यानी सप्लाई वॉटर ने भी लोगों को बूंद बूंद के लिए तरसाना शुरू कर दिया है । आज शहर में हर घर नल जल को लेकर नेताओं कि बैठक थी, लेकिन बैठक तू तू मैं मैं का शिकार हो गया । पूरी खबर को विस्तार से जानने के लिए ” सासाराम की गलियां” के साथ बने रहिए और अपने शहर को हमारे चस्मे से नजदीक से देखने और समझने का प्रयास कीजिए ।
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सासाराम में खारा पानी
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पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण सासाराम में ग्राउंड से जो वॉटर निकलता है वह पीने योग्य नहीं रहता । जमीन के अंदर से निकलने वाले पानी में खारापन रहता है । इसे लोकल भाषा में लोग खारा पानी कहते हैं ।
सबके घरों में आरओ कि सुविधा नहीं है
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हमारा देश विकाशिल देश है, उसमे भी बिहार पिछड़े राज्यों में गिना जाता है । ऐसे में सबकी आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं है कि वो अपने घरों में आरओ ( R.O ) सिस्टम लगवा सकें ।
पुराने शहर में जनसंख्या और गरीबी ज्यादा
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अगर सासाराम की बात करें तो शहर का बिचिला भाग अति प्राचीन है। प्राचीन होने के साथ इस इलाके में जनसंख्या अधिक है , इसी के साथ इन कस्बों में गरीबी भी बहुत ज्यादा है।
अधिकतर लोग सप्लाई वॉटर पर निर्भर
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पुराने शहर के ज्यादातर लोग गरीबी के कारण सप्लाई वॉटर पर निर्भर हैं। घरों में आने वाले मीठा पानी से दाल, चावल ,सब्जी तो बनता ही है, बल्कि पीने के लिए भी यही पानी उपयोग में आता है। अन्य दैनिक क्रियाकलापो के लिए भी यह पानी जरूरी होता है ।
पानी के लिए हाहाकार | Nagar Nigam Sasaram water 2021
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इस वर्ष 2021 के शुरुआत में ही पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो गया है। कारण स्पष्ट है, गर्मियों के आने से पहले ही पानी का सप्लाई रुक गया है । पहले यह समस्या बीच गर्मी यानी जून जुलाई में हुआ करता था , लेकिन इस बार तो मार्च के अंत से ही अधिकारियों और नेताओं के लापरवाही से समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है ।
आज जनप्रतिनिधियों का नल जल पर बैठक
आज 3 अप्रैल ,शनिवार को नगर निगम सासाराम में मुख्यमंत्री नल जल परियोजना और शहर भर कि पानी की समस्या को लेकर बैठक हुआ जिसमें पर्षदो ने हिस्सा लिया । इस बैठक में विधायक राजेश गुप्ता भी मौजूद थे ।
नेता आपस में ही भीड़ गए
आज का बैठक हंगामे के भेट चढ़ गया , आपस में जनप्रतिनिधि उलझ बैठे। हाथा पाई की नौबत आते आते रह गई । हालांकि हाथा पाई तो नहीं हुआ ,लेकिन इसको छोड़ कर बाकी कोई क्रिया कलाप भी नहीं बचा ..। जनप्रतिनिधियों ने मर्यादा की सभी सीमाएं लांघ दिए ।
क्यूं हुआ विवाद और हंगामा ?
नगर निगम के बैठक में स्थानीय विधायक राजेश गुप्ता और अन्य पार्षदों को नल जल परियोजना पर बैठक करना था । बैठक का एजेंडा नल जल था । लेकिन स्थानीय पार्षदों ने अपने वार्डो के अन्य स्थानीय समस्याएं भी डिस्कस करना चाहते थे । वो अपने वार्डो में फैली गंदगी, जल जलमाव जैसी भीषण समस्याएं भी उठाने लगे । वहीं दूसरी तरफ, कई लोग नल जल को छोड़ कर कोई अन्य मुद्दे डिस्कस नहीं करना चाहते थें । इसी बात को लेकर विवाद बढ़ने लगा , और हालात खराब हो गए ।
जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा, जो चल रहा है उसके पाँव में ज़रूर छाला होगा, बिना संघर्ष के चमक नहीं मिलती, जो जल रहा है तिल-तिल, उसी दीए में उजाला होगा !!
देश प्रगति कर रहा है। लड़कियों की शिक्षा के प्रति अभिभावक सचेत भी हुए हैं, लेकिन समाज में आज भी बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो बेटों को अधिक महत्व देते हैं, यह खबर उन्हें जरूर पढ़ना चाहिए और अपनी सोंच बदलनी चाहिए ।
अगर बेटा की तरह बेटियों को भी समान शिक्षा और समान अवसर दिया जाए, तो बेटियां सफलता का परचम लहरा सकती हैं, इस कथन को सत्य साबित किया है सासाराम की श्रेया और प्रियंका ने ।
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आइए ” सासाराम की गलियां” के साथ बारी बारी से दोनों बेटियों के सफलताओं और जीवन के अन्य पहलुओं पर प्रकाश डाल कर कुछ सीखने और मोटिवेट होने का प्रयास करते हैं । इस कड़ी की शुरुआत हमलोग श्रेया से करते हैं ।
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श्रेया सुमन | Gate Girls
Result Of Shreya
इन्होने “ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनिरिंग” अर्थात गेट परीक्षा में ऑल इंडिया 35 वा रैंक हासिल किया है ।
डीएवी सासाराम की छात्रा
श्रेया सुमन ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा स्थानीय डीएवी पब्लिक स्कूल सासाराम से पूरा किया है ,जबकि इंटर नोटरी डेम पब्लिक स्कूल पटना से किया है ।
एनआईटी पटना से इंजीनियरिंग
Shreya Suman
एनआईटी पटना से इंजीनियरिंग करना अपने आप में एक उपलब्धि है, आपको शुरुआती समय से ही बुद्धिमान होने का सर्टिफिकेट देता है। श्रेया ने एनआईटी पटना से बीटेक किया है ।
कंपनी सराय मुहल्ले की निवासी
श्रेया और उनका परिवार कम्पनी सराय मुहल्ले में हंसी खुशी से रहते हैं।
ऑनलाइन स्टडी से सफलता
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तकनीक के इस युग में अगर आप अपने लक्ष्यों के प्रति गंभीर हैं तो सफलता आपके द्वार पर माला लिए खड़ी है । श्रेया ने तकनीक और इंटरनेट का सदुपयोग करके घर रहते हुए ही सेल्फ स्टडी और ऑनलाइन स्टडी मेटेरियल की मदद से गेट परीक्षा के भारी भरकम दीवारों को अपने मेहनत के बदौलत ध्वस्त कर दिया है ।
माता पिता की विशेष भूमिका
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श्रेया के सफलता में उनके माता पिता की विशेष भूमिका रही है, क्यूंकि उन्होंने अपनी बेटी को शिक्षा का समान अधिकार और अनुकूल वातावरण प्रदान किया है ।
पिता रिटायर्ड बैंक मैनेजर
श्रेया के पिता जी का नाम श्री प्रमोद कुमार गुप्ता हैं जो पंजाब नेशनल बैंक से सीनियर मैनेजर मैनेजर के पद से रिटायर हुए हैं । माता का नाम अनीता गुप्ता है जो कि गृहणी हैं ।
श्रेया की अन्य दोनों बहने भी सफल है
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श्रेया की एक बड़ी बहन डॉक्टर स्वाति सुमन , मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं जबकि दूसरी बड़ी बहन डॉक्टर स्वेता सुमन दरभंगा मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट हैं ।
अब बारी आती है , मां ताराचण्डी की दूसरी बेटी का । इनका नाम प्रियंका है, प्रियंका की मेहनत भी किसी मायने में अन्य छात्र छात्राओं से कम नहीं है ।
प्रियंका कुमारी | Gate Girls
Result Of Priyanka
प्रियंका ने विपरीत परिस्थितियों में अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत देश के प्रतिष्ठित गेट परीक्षा में 41 वा रैंक प्राप्त किया है ।
पिता मनोज मेहता का भरोसा , रंग लाया
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प्रियंका के पिता का नाम श्री मनोज मेहता है , जो कि बिजनेस मैन है। पिता ने बड़ी मेहनत से अपनी बेटी का एक अच्छे वातावरण में परवरिश किया । अपनी बेटी कि काबिलियत पर पूर्ण भरोसा किया । उन्हें पढ़ाई का समान अवसर दिया , और आज बेटी के सफलता ने उनके सीने की चौड़ा कर दिया ।
माँ का भी योगदान
प्रियंका की मां का नाम मंजू देवी है , जो कि गृहणी है । प्रियंका की सफलता में मां का भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है , क्यूंकि घर का वातावरण और दिशा तो महिलाएं ही तय करती है ।
गौरक्षणी मुहल्ले की निवासी
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कोई रिज़ल्ट आया हो और उसमें सासाराम के बच्चे हों , लेकिन उसमें कहीं गौरक्षणी के बच्चे नहीं हो !! शायद ही कभी हुआ हो !! प्रियंका और उनका खुशहाल परिवार भी सासाराम के इसी गौरक्षणी मुहल्ले के निवासी हैं ।
राजेन्द्र विद्यालय की छात्रा
Priyanka Kumari
सासाराम के पुराने और अच्छे स्कूलों में से एक गौरक्षणी स्थित राजेन्द्र विद्यालय से प्रियंका ने अपनी स्कूलिंग किया है ।
शेरशाह कॉलेज से इंटर
प्रियंका की इंटर स्थानीय शेरशाह कॉलेज से हुई है ।
पूसा का एग्रिकल्चर कॉलेज तो ब्रांड है
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बिहार के समस्तीपुर जिले में स्थित एग्रिकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज, पूसा को कौन नहीं जानता ? अपनी प्रियंका ने भी यहीं से बीटेक किया है ।
सेल्फ स्टडी से सफलता
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सबसे खास बात यह है कि, प्रियंका ने रोजाना 8-9 घंटो की सेल्फ स्टडी के बदौलत यह मुकाम हासिल किया है ।
अब आप क्या करें ?
आपको भी अगर हमारी तरह यानी “सासाराम की गलियां” की तरह सासाराम की इन दोनों बेटियों की सफलता पर गर्व हुआ हो, मोटीवेशन मिल हो, महिला शिक्षा के पक्षधर हो या समाज को कुछ अच्छा मेसेज देना चाहते हों…तो दोनों बेटियों के स्टोरी को अधिक से अधिक शेयर करें , ताकि समाज में बेटियों के शिक्षा के प्रति जागरूकता आए , समाज में बदलाव आए ।