“किसी ने ठीक ही कहा है “तेरे हौसलों के वार से, रुकावट कि दीवार जरूर गिरेगी, तुम देख लेना सफलता जरूर मिलेगी “
GATE 2020 Sasaram : सासाराम के नरेंद्र ने अपने कड़ी मेहनत से इन पंक्तियों को चिर्तार्थ किया है । नरेंद्र ने GATE 2020 में ऑल इंडिया 27 वाँ रैंक प्राप्त किया है । नरेंद्र ने एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में यह सफलता हासिल किया है ।
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बाल विकास विद्यालय के छात्र
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सासाराम के बाल विकास विद्यालय के एल्यूमनाई रहे नरेंद्र ने मैट्रिक के बाद डीएवी बीएसईबी पटना से इंटर किया । डॉक्टर एनटीआर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से उन्होंने एग्रिकल्चर स्ट्रीम से बीटेक किया ।
करन सराय मुहल्ला के निवासी | GATE 2020 Sasaram
गेट परीक्षा में 27 रैंक हासिल करने वाले नरेंद्र सासाराम के करन सराय मुहल्ला के निवासी हैं ।
पिता जी डॉक्टर
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नरेंद्र जैसे होनहार सुपुत्र को जन्म देने वाले पिता नाम श्री रविन्द्र कुमार चौधरी और माता का नाम श्रीमती नीलम चौधरी है । इनके पिताजी पेसे से डॉक्टर हैं ,जबकि माता गृहणी हैं ।
माता पिता के साथ एक शिक्षक भी प्रिय
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नरेंद्र अपने सफलता का श्रेय अपने माता पिता को देते हैं और साथ में अपने शिक्षक श्री सागर खुराना के योगदान को सम्मान देना नहीं भूलते ।
“द बेस्ट इज येट टू कम”
नरेंद्र ने “सासाराम की गलियां” से एक खास बातचीत में बताया कि उनका सपना यूपीएससी क्रैक करने की है और वो अपने मंजिल को पाने के लिए लगातार कड़ी मेहनत कर रहे है ।
रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर विंध्य पर्वत श्रृंखला अन्तर्गत कैमूर पहाड़ी के शिखर पर स्थित है रोहतास गढ़ का किला। आपको बताते चलें कि रोहतास जिला का आदि काल में कारुष प्रदेश नाम था। जिसका वर्णन ब्रह्मांड पुराण में भी आया है। रोहतास गढ़ के नाम पर ही इस क्षेत्र का नामकरण रोहतास होता रहा है । कभी भारत के बादशाह शाहजहां भी इस रोहतास गढ़ किले में अपनी बेगम के साथ रहे हैं।
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सरंचना | Rohtas Fort Bihar
Rohtas Fort | Ashish kaushik
रोहतास गढ़ का किला आलीशान है। 28 मील तक किले का घेरा फैला हुआ है । इस किले के भीतर कुल 83 दरवाजे हैं, जिनमें मुख्य द्वार इस प्रकार हैं :- चारा घोड़ाघाट, राजघाट, कठौतिया घाट और मेढ़ा घाट प्रमुख है।
किले के प्रवेश द्वार पर निर्मित हाथी, दरवाजों के बुर्ज, दीवारों पर पेंटिंग अद्भुत है। रंगमहल, शीश महल, पंचमहल, खूंटा महल, आइना महल, रानी का झरोखा, मानसिंह की कचहरी आज भी किले में मौजूद हैं । परिसर में अनेकों इमारतें हैं जिनकी भव्यता देखते ही बनती है ।
बुकानन के दस्तावेजों में “खून टपकने की बात” सच या अंधविश्वास ?
Rohtas Fort | Pc : RamaShankar
दो हजार फीट की उंचाई पर स्थित इस किले के बारे में कहा जाता है कि कभी इस किले की दीवारों से खून टपकता था।अपने समय के विश्व भर में मशहूर अंग्रेजी इतिहासकार फ्रांसीसी बुकानन के रोहतास किले पर किए गए दावे आश्चर्य करने वाले हैं। फ्रांसीसी इतिहासकार बुकानन ने लगभग 200 साल पूर्व रोहतास क्षेत्र की यात्रा किया था, तब उन्होंने पत्थर से निकलने वाले खून की चर्चा एक दस्तावेज में की थी ।
उन्होंने अपने दस्तावेजों में कहा था कि इस किले की दीवारों से खून निकलता है। वहीं, आस-पास रहने वाले कुछ लोग भी इसे सच मानते हैं , जबकि कुछ अंधविश्वास । हमलोग अंधविश्वास ही मानते हैं , विज्ञान के युग में कहां भूत, आत्मा , स्वर्ग , नरक है ?
पौराणिक इतिहास
Raja-Harischandra-Movie
सोन नद के बहाव वाली दिशा में पहाड़ी पर स्थित इस प्राचीन किले का निर्माण त्रेता युग में अयोध्या के राजा त्रिशंकु के पौत्र व राजा सत्य हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने कराया था ।
मध्यकालीन इतिहास
जनजातीय और हिन्दू इतिहास
Temple : Rohtas Fort
परंपरागत रूप से यह किला कुशवाहा (Source : Serving Empire,Serving Nation : James Tod And Rajputs Of Rajasthan https://brill.com/view/title/15251) और खरवार जनजाति के अधीन रहा
इस्लामिक इतिहास
Rohtas Fort | Pc : RamaShankar
16 वीं सदी में रोहतास गढ़ किला मुसलमानों के अधिकार में चला गया और लंबे समय तक उनके अधीन रहा ।
शेरशाह के अधीन हुआ रोहतास किला
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1539 ई मे शेरशाह और हूँमायूँ मे यूध्द ठनने लगा तो शेरशाह ने रोहतास के खरवार राजा नृपती से निवेदन किया कि मै अभी मूसीबत मे हूँ अतः मेरे जनान खाने को कूछ दिनो के लिये रोहतास किला मे ठहरने दिया जाए ।
रोहतास के खरवार राजा नृपती ने पडोसी के मदद के ख्याल से प्रार्थना स्वीकार किया और केवल औरतो को भेज देने का संवाद प्रेसित किया । कई सौ डोलिया रोहतास दूर्ग के लिये रवाना हूई और पिछली डोली मे स्वयं शेरशाह चला । आगे कि डोलिया जब रोहतास दूर्ग पर पहूची उनकी तलासी होने लगी जीनमे कूछ बूढी औरते थी ।
Rohtas Fort | Pc : Arjun Mehta
ईसी बीच अन्य डोलीयो से सस्त्र सैनिक कूदकर बाहर नीकले पहरदार का कत्ल कर के दूर्ग मे प्रवेश कर गये शेरशाह भी तूरन्त पहूचा और अपने कुशल युद्धकौशल और प्लानिंग के दम पर किले पर कब्जा कर लिया । अपने ब्राह्मण मंत्री चूड़ामणि के मदद से शेरशाह सूरी इस किले पर कब्जा जमाने में कामयाब रहें । रोहतास किला खरवारों के हाथ से निकलकर बादशाह शेरशाह सूरी के अधीन हो गया ।
बहुत सारे इतिहासकार शेरशाह के इस कदम को धोखा मानते हैं , जबकि बहुत इतिहासकार कहते है कि गीता में श्री कृष्ण ने कहा था कि ” युद्ध में सब जायज़ है ” , चाणक्य ने भी कहा था कि ” राजा को ताकतवर होना चाहिए” उसके लिए दाम, साम, दंड,भेद सब अपनाना चाहिए । शेरशाह ने यही किया ।
भूत प्रेत के अफवाहों को इसी घटना से बल मिला आपको बताते चले की , इतने बड़े कत्लेआम के कारण ही लोग इसे डरावना और भूत प्रेत के आवाज, खून इत्यादि के अंधविश्वास से जोड़ते हैं ।
शेरशाह इस किले से बहुत प्रभावित था
Rohtas Fort | Pc : RamaShankar
शेरशाह सूरी इस किले से इतना प्रभावित हुआ कि, उसने रोहतास किला का फोटो कॉपी पाकिस्तान में झेलम नदी के किनारे बनाया । वो किला बिल्कुल इसी तरह का है । नाम भी एक ही है “रोहतास किला” ।
Rohtas Fort Of pakistan | via : TripAdvisor.com
वो विश्व धरोहर में शामिल है, लाखो पर्यटक जाते हैं , जबकि ये असली वाला रोहतास किला सरकारी उदासीना का शिकार है ।
भूत प्रेत की बाते अफवाह है
AAJ TAK NEWS CHANNEL ON ROHTAS FORT
शेरशाह के बाद कई और लोगों ने भी इस किले में राज किया है , जिनके बारे में आप नीचे पढ़ेंगे । अगर भूत ,प्रेत होते तो ये लोग राज कैसे कर पाते ? अभी भी कई ग्रामीण किले के उपर कभी कभार सोते हैं । जो भी लोग रात में किले के अंदर रात को रुके हैं , वो लोग बताते हैं कि भूत , प्रेत की बाते अफवाह है । किले की चारदीवारी का निर्माण शेरशाह सुरी ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से कराया था, ताकि कोई किले पर हमला न कर सके।
राजा मान सिंह के सूबेदारी में अकबर के अधीन रोहतास किला
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1587 ई. में सम्राट अकबर ने अपने परम प्रिय कछवाहा ( Kachwaha / Kushwaha ) राजा “राजा मान सिंह” (*Click Details)को बिहार व बंगाल का संयुक्त सूबेदार बनाकर रोहतास भेजा था। राजा मान सिंह ने उसी वर्ष रोहतास गढ़ को अपना प्रांतीय राजधानी घोषित कर दिया था ।
रोहतास सरकार में अहम था रोहतास किला
Rohtas Fort | Pc : RamaShankar
प्रसिद्ध पुस्तक शाहजहांनामा के अनुसार इखलास खां को रोहतास का किलेदार सन्न 1632-33 में नियुक्त किया गया था । अकबरपुर से सटे पहाड़ी के नीचे स्थित एक शिलालेख के अनुसार किलेदार नवाब इखलास खां को मकराइन परगना तथा चांद, सीरिस, कुटुम्बा से बनारस तक फौजदारी प्राप्त थी।
वह चैनपुर, मगसर, तिलौथू, अकबरपुर, बेलौंजा, विजयगढ़ व जपला का जागीरदार था। यानी उसके क्षेत्र में पुराना शाहाबाद, गया, पलामू और बनारस क्षेत्र शामिल था। जिसका शासन वह रोहतास से करता था। 25 फरवरी 1702 को वजीर खां के पुत्र अब्दुल कादिर को रोहतास का किलेदार नियुक्त किया गया। उसी समय रोहतास का किला अवांछित तत्वों के काम आने लगा।
औरंगजेब ने अकबर के रोहतास सरकार में किया बदलाव
अकबर के समय से चली आ रही रोहतास सरकार में औरंगजेब ने कई परिवर्तन किया । औरंगजेब ने सातों परगना को पुनगर्ठित किया ।
ब्रिटिश राज | मॉडर्न इतिहास
1764 ई. में मीर कासिम को बक्सर युद्ध में अंग्रेजों से पराजय के बाद यह क्षेत्र अंग्रेजों के हाथ आ गया। 1774 ई. में अंग्रेज कप्तान थामस गोडार्ड ने रोहतास गढ़ को अपने कब्जे में लिया और उसे तहस-नहस किया ।
फिर बना रोहतास जिला
शाहाबाद गजेटियर में पुन: 1784 में रोहतास जिला स्थापित होने का उल्लेख मिलता है। जिसमें रोहतास, सासाराम व चैनपुर परगनों को मिलाकर जिला बनाया गया है ।
शाहाबाद के अंदर चला गया रोहतास
ब्रिटिश बंदोबस्त में 1787 में जिला के रूप में शाहाबाद जिला का आधिकारिक रूप से स्थापना हुआ । विलियम ऑगस्टस ब्रुक साहब शाहाबाद के पहले कलक्टर बनें । अब रोहतास जिला के रूप में नहीं रहा । रोहतास जिला शाहाबाद के अंदर चला गया और रोहतासगढ़ किले का भी रूतबा कम हुआ ।
पहला स्वतंत्रता संग्राम
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स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई (1857) के समय कुंवर सिंह के भाई अमर सिंह ने यही से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का संचालन किया था।
आजादी के बाद
शाहाबाद से टूट कर फिर बना जिला रोहतास
10 नवंबर 1972 में पुन: रोहतास जिला का निर्माण हुआ और इसका मुख्यालय सासाराम किया गया ।
नक्सल आंदोलन का गवाह बना Rohtas Fort
ref : naxalites
आजादी के बाद , बंगाल के नक्सलबाड़ी से जमींदारों और सामंतवादी शोषण के खिलाफ शुरू हुए नक्सल आंदोलन का गवाह रोहतास किला भी बना । लंबे समय तक यह किला उत्तरप्रदेश,झारखंड और बिहार के सीमावर्ती नक्सलियों के लिए सेफ ज़ोन बना रहा । यह क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ बन चुका था ।
बाद में जब नक्सली अपने परंपरागत सिद्धांतो से भटक गए, सामाजिक न्याय से लूट मार के तरफ बढ़ने लगे तो यह किला नक्सलियों के क्रूरता और अपराध का भी अड्डा बना रहा । आम आदमी तो दूर, पुलिस भी यहां नहीं पहुंचती थी ।
आजादी के बाद पहली बार फहराया तिरंगा
pic : ankit
नक्सलियों के चुंगल से मुक्त करा कर तत्कालीन एसपी विकास वैभव ने 26 जनवरी ,2011 को फलीबर रोहतास किले पर तिरंगा फहराया था( डिटेल के लिए क्लिक कीजिए )
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन है किला
Rohtas Fort | Pc : RamaShankar
भारत सरकार द्वारा रोहतास किला को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर , उसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन किया गया है । लेकिन व्यवस्था,संसाधनों तथा पर्यटकों कि घोर कमी रहती है ।
Winni Cakes Sasaram : रेड वॉल्वेट केक, डोनट, पफ़ से लेकर हॉट डॉग, पिज़्ज़ा , बर्गर और पडिंग इत्यादि बेकरी आईटम्स के लिए महानगरों में मशहूर विन्नी ब्रांड ने अब सासाराम में भी धमाकेदार शुरुआत किया है ।
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क्या क्या मिलता है ?
Special Winni Cake
रेड वोलवेट केक , फ्रूट केक, क्रीम केक, ब्राउनी, डोनट, पड़िंग, पफ, पिज़्ज़ा, बर्गर, हॉट डॉग कैटेगरी के अंदर लगभग 15 से 30 आइटम उपलब्ध है ।
सासाराम में पहली बार रेड वॉल्वेट केक
Winni Cakes Sasaram
मौजूदा समय की वन ऑफ द ट्रेंडिंग केक यानी रेड वॉल्वेट केक , जिसका बेस भी रेड हो ( सिर्फ क्रीम नहीं ) सासाराम में पहलीबर सिर्फ विन्नी शोरूम में उपलब्ध है ।
100 % वेज़ हैं सभी आईटम्स
विन्नी केक्स शोरूम के अंदर सभी आइटम 100 % वेज़ हैं । यहां पर नॉन वेज नहीं मिलता है ।
ट्रांसपेरेंसी की यूनीक सुविधा
ग्राहक अपने संतुष्टि के लिए बुकिंग किए हुए आईटम को अगर बनते हुए देखना चाहते है तो , यह यूनीक सुविधा विन्नी केक्स के अंदर मौजूद है क्यूंकि इन्हे अपने क्वालिटी, सत्यता और स्टैंडर्ड पर 110% भरोसा है ।
सभी आइटमों का लाईव प्रोडक्शन
Winni Kitchen Sasaram
बेकरी का क्वालिटी और फ्रेशनेस का उच्चतम स्तर हासिल करने के लिए एक्सक्लूसिव शोरूम के सभी प्रोडक्टों को लोकल स्तर पर , यानी शोरूम के अंदर ही “लाईव विन्नी किचेन” में तैयार किया जाता है ।
कंपनी के इंटर्नल शेफ
बेकरी आईटम्स तैयार करने वाले सभी शेफ विनी ब्रैंड के इंटर्नल एम्पलॉइज हैं । उन्हें सासाराम के सेंटर पर भेजा गया है । उनकी खास ट्रेनिंग कंपनी ने खुद अपने स्तर पर कराई है ।
कहां है विन्नी केक्स एंड मोर ?
Sai Utsav Mandap Mahavir Asthan sasaram
विन्नी केक्स सासाराम के महावीर स्थान गौरक्षणी स्थित साई उत्सव मंडप के अंदर ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद है । Enquiry No . 99730 90816
कब से कब खुलता है Winni Cakes Sasaram ?
Hot Dog
सुबह 8 बजे से लेकर ,रात्रि के 9 बजे तक विन्नी शोरूम ऑपरेशनल/खुला रहता है ।
20 मिनट में मन पसंद फ्रेश केक बनवाए
ग्राहक अपना नॉर्मल पसंदीदा विन्नी केक हाथो हाथ सिर्फ 20-30 मिनट में प्राप्त कर सकते है ,लेकिन अगर केक पर डिजाइन बहुत ज्यादा है तो उसके लिए आपको शोरूम के हिसाब से इंतेज़ार भी करना पड़ सकता है ।
सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा
विन्नी केक्स के सेंट्रल वेबसाइट पर जा कर, अपना आइटम और शहर का नाम चून कर , घर बैठे ऑनलाइन बुकिंग किया जा सकता है ।
मोबाईल एप भी बेहतर विकल्प
आप वेबसाइट के बदले विन्नी कंपनी के मोबाइल एप से भी अपना आइटम और शहर चुन कर ऑनलाइन बुकिंग एवं डिलीवरी सुविधा का आनंद उठा सकते हैं ।
ऑनलाइन डिलीवरी
सासाराम शहर के अंदर बड़े प्रोडक्ट फ़्री में डिलीवर होते हैं जबकि छोटे प्रोडक्ट पर ग्राहकों को डिलीवरी शुल्क का भुगतान करना पड़ता है । डिलेवरी समय सुबह 9 से रात 9 बजे तक है ।
बर्थडे एवं पार्टी सेलिब्रेशन
Namkeen & Snacks
बर्थडे एवं पार्टी सेलिब्रेशन के लिए साई उत्सव मंडप के अंदर भरपूर स्पेस अवेलेबल है ।
पॉकेट फ्रेंडली
बड़े ब्रांड के शोरूम का नाम सुनते ही , जेहन में आता है कि महंगा होगा ? लेकिन इस बार ऐसा नहीं है । क्वालिटी और स्टैंडर्ड के हिसाब से देखा जाए तो आइटमों का प्राइस बजट फ्रेंडली और जेनविन है । दूसरे शहरों से तुलना करने पर प्राइस का फ़र्क आसानी से महसूस किया जा सकता है ।
गौरव ने स्टेट लेवल बॉडी बिल्डिंग का खिताब जीत कर सासाराम का नाम ऊंचा किया है । पटना में आयोजित मिस्टर बिहार बॉडी बिल्डिंग एवं फिजिक चैंपियनशिप 2021 के 74 किलो वर्ग में गौरव ने यह उपलब्धि हासिल किया है ।
बीएमडब्लू जिम के तरफ से लिए थे हिस्सा | Mr Bihar BodyBuilding 2021
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गौरव ने सासाराम स्थित बीएमडब्लू जिम के तरफ से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था । उन्होंने यह खिताब जीत कर साबित कर दिया कि सिर्फ बड़े शहरों के जिम जाने वाले युवाओं का बॉडी बिल्डिंग पर एकाधिकार नहीं है । अगर पूरी लगन और उच्च स्तर के मार्गदर्शन में कोई भी तैयारी कि जाए तो सफलता बाहें फैलाए दौड़ी आती है ।
बीएमडब्लू जिम ट्रेनर ने क्या कहा ?
सासाराम के चौखंडी स्थित बीएमडब्लू जिम के ट्रेनर शिव मौर्या ने बताया कि गौरव राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी प्रतिभा दिखाने में सक्षम हैं । इन्होंने कहा कि हर तरह के नशे से मुक्त हो कर और नियमित व्यायाम करके युवा खुश रह सकते है , ऐसा करने से उन्हें हर सफलता भी मिलेगी ।
गौरव ने क्या कहा ?
गौरव ने ” सासाराम की गलियां” से खास बातचीत में बताया कि सैकड़ों प्रतिभागियों के बीच विनर का खिताब जीत कर काफी अच्छा महसूस हो रहा है । इससे उन्हें अपने फील्ड में और भी बड़े स्तरों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने का साहस और मोटीवेशन मिल रहा है । उनका अगला लक्ष्य नेशनल चैंपियनशिप में जीत हासिल करना है , इसके लिए वो अभी से लग गए हैं और लगातार एक या दो वर्षों तक जी तोड़ मेहनत करने के लिए रेडी हैं ।
स्कूलों के निजीकरण के बाद पिछले कई दशकों से पढ़ाई लिखाई का दाम आसमान छूते चला गया । देश के स्कूल शिक्षा के मंदिर से कमाई का उद्योग बनते चले गए । एक तो महंगाई उपर से एडमिशन और यूनिफॉर्म के दाम…. यह हर मिडिल क्लास की बेवसी है ।
लेकिन इन सबके बीच अगर कोई आपके जख्मों पर मरहम लगाने वाला मिल जाए तो फिर क्या कहना ! जी , सासाराम के बचपन प्ले स्कूल जो सुविधाएं दे रहा है वह किसी मरहम से कम नहीं है । ऐसा क्यूं बोला जा रहा, पूरी खबर पढ़ कर आपको खुद समझ आ जाएगा ।
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फ़्री एडमिशन
bachpan play school sasaram
करोना और लॉकडाउन की वजह से उत्पन आर्थिक समस्याओं से अभिवावकों को राहत देने के उद्देश्य से बचपन प्ले स्कूल ( bachpan play school sasaram )में इस बार फ़्री एडमिशन हो रहा है।
फ़्री यूनिफॉर्म
इस वर्ष ऑफर के तहत एडमिशन लेने वाले सभी बच्चों को 2 सेट फ़्री यूनिफॉर्म स्कूल प्रबंधन के तरफ से बिल्कुल फ्री दिया जा रहा है ।
फीस देने के लिए ईएमआई की सुविधा
फीस के लिए अभिभावकों के जिगर के टुकड़े को मेंटली टॉर्चर करना किस धर्म का सर्वशक्तिमान माफ करेगा ? इसका उत्तर है कोई भी नहीं । अभिभावकों के आर्थिक स्थिति में उतार चढ़ाव को समझते हुए, बचपन स्कूल ने ईएमआई सुविधा लॉन्च किया है । इसके तहत अभिभावक थोड़े थोड़े इंस्टालमेंट में फीस भर सकते है ।
सीबीएसई पैटर्न पर आधारित पढ़ाई | bachpan play school sasaram
बचपन स्कूल में सीबीएसई पैटर्न को फॉलो किया जाता है ।
मोबाइल से दूरी, बच्चों के लिए जरूरी
बच्चों को मोबाइल जैसे सबसे बड़े डिस्ट्रैक्शन से दूर रखने के लिए, स्कूल ने स्पेशल इंतेज़ाम किया है । बच्चो को मोबाइल के बदले टैबलेट के माध्यम से जरूरी पढ़ाई कराई जाति है । इस टैबलेट में प्री इंस्टॉल्ड सॉफ्टवेयर होते हैं , जिसके वजह से बच्चा पढ़ाई लिखाई पर ही फोकस कर पाता है।
अभिभावकों के लिए ऑनलाइन ट्रैकिंग की सुविधा
अभिभावक घर बैठे अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रख सकते है । इसके लिए उन्हें बार बार अपना कीमती समय बर्बाद करके स्कूल का चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे । एक खास मोबाइल सॉफ्टवेयर के माध्यम से अभिभावक अपने बच्चों के रिजल्ट, परफॉर्मेंस, अटेंडेंस ,इत्यादि चीजों को घर बैठे , कभी भी देख सकते हैं । और उसके अनुसार बच्चे पर मेहनत कर सकते है।
इंग्लिश मीडियम से ग्लोबल बराबरी
डॉक्टर अम्बेडकर ने कहा था कि ” अंग्रेजी उस शेरनी का दूध है, जिसे जो पिएगा वो दहाड़ेंगा” । आज के ग्लोबलाइजेशन के दौर में बच्चों को इस तरह से तैयार किया जाता है कि वो बड़े हो कर प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य बच्चों के साथ कंपिट कर सके । उन्हें अंग्रेजी के चलते दिक्कतों का सामना नहीं पड़े ।
भारतीय भाषाओं को भी सम्मान
बच्चों को राष्ट्रभाषा हिन्दी के साथ उर्दू इत्यादि भाषाओं की भी जानकारी दी जाती है । इसके लिए विषय बनाए गए हैं ।
छोटे क्लास , उच्च क्वालिटी
बच्चों के बेहतर परवरिश के लिए छोटे छोटे क्लासरूम हैं । इनमे सिमित संख्यां में बच्चे होते है ताकि शिक्षक छात्र अनुपात बना रहे और उच्च क्वालिटी का वातावरण मिले ।
सासाराम में दूसरा ब्रांच भी मौजूद
बच्चों के सुविधा को देखते हुए ,स्कूल ने अपना दूसरा ब्रांच स्थानीय जक्की शहीद मुहल्ला के मस्जिद के पास खोला है । इससे अभिभावकों का ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बचेगा ।
बर्थडे सेलिब्रेसन से खुलता है खुनशियों का द्वार
Birthday Celebration bachpan play school sasaram
जीवन का अहमियत समझाकर कर बच्चे के अंदर सकारात्मक साइकोलॉजिकल ऊर्जा का संचार करने के लिए हर बच्चे का जन्मदिन स्कूल परिवार के तरफ से मनाया जाता है ।
एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी
बच्चों को किताबी तोता बनाने के बजाए , उनके ऑल राउंड डेवलपमेंट के लिए तरह तरह के एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी कराए जाते हैं ।
वृक्षारोपण प्रोग्राम
Tree Plantation
इसके तहत बच्चों को पेड़ पौधों की जानकारी दी जाती है और पेड़ लगाने की विधियां बताई जाती है।
खेल कूद प्रोग्राम
kites Competition
खेल कूद के माध्यम से बच्चो को शारीरिक रूप से दुरुस्त रखने पर बल दिया जाता है ।
पेंटिंग प्रोग्राम
Painting Competition
प्राचीन भारतीय ग्रंथों में कहा गया है कि,हर बच्चा खास होता है, सबके अंदर कुछ न कुछ जन्मजात प्रतिभाएं होती है और सच्चे गुरु वही होते हैं जो अपने शिष्यों के प्रतिभाओं को पहचान कर उसे निखारने में योगदान दे। इन्हीं विचारों के साथ बच्चों के प्रतिभाओं का विकास किया जाता है।
पूछताछ / कन्फ्यूजन
अधिक जानकारी के लिए इन नंबरों पर सपर्क कर सकते है
98358 19888 / 96088 10002 ( WhatsApp) [ डायरेक्टर तौकीर आलम : 97083 72101 कॉर्डिनेटर : कुन्दन जायसवाल 87973 00200 ]
Email : bachpan1354@gmail.com
ऐडमिशन कैसे होगा ?
एडमिशन के लिए इस एड्रेस पर संपर्क कर सकते हैं :- बचपन प्ले स्कूल ,आशिकपुर, नियर चंद्तन शहीद पीर रोड सासाराम ।
बचपन प्ले स्कूल सासाराम का शॉर्ट डिस्क्रिप्शन
सासाराम स्थित बचपन प्ले स्कूल , नई दिल्ली के बचपन ग्रुप ऑफ स्कूल्स का ब्रांच है । भारत के विभिन्न शहरों में इस ग्रुप अनेकों स्कूल चलते है । नई दिल्ली स्थित बचपन प्ले स्कूल का हेड ऑफिस का वेबसाइट यह है www.BachpanGlobal.Com
Sher Shah Tomb LED Light : DM बदलने के लगभग डेढ़ माह बाद शहर का अंदाज बदलने लगा है। नए डीएम ने सबसे पहले जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए कमर कसा है। इसके बाद अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
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सड़क जाम से पर्यटन तक पर एक्शन
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सासाराम में पदस्थापित हुए डीएम धर्मेंद्र कुमार ने सबसे पहले कोढ़ में खाज की समस्या बनी शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने के के बाद अब शहर को पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित करने की पहल शुरू कर दी है।
Sher Shah Tomb LED Light
ऐतिहासिक धरोहर व सुर वंश के बादशाह शेरशाह के मकबरे को रौशन करने की पहल भी की है। रौजा के चारों तरफ एलईडी लाइट लग चुका है ।
टेढ़ी अंगुली से , नगर परिषद आया हरकत में
पदस्थापन के कुछ ही दिन बाद डीएम ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिषेक आनंद को मकबरा के चारों तरफ लाइट लगा उसका सौंदर्यीकरण का निर्देश दिया था। इसके पीछे उद्देश्य था कि रात में मकबरा के तरफ रहने वाला अंधकार खत्म हो जाए।
sher shah tomb in Night
ताकि रात के समय शहर के लोग भी मकबरे की तरफ से जाने वाली सड़क से होकर निर्भीक रूप से आ जा सके। नगर परिषद की ओर से मकबरा के चारों तरफ के रोड में लगे लाइट से मकबरा का हिस्सा भी अब रात में जगमग दिख रहा है।
याद आने लगे डीएम मनोज श्रीवस्तव
डीएम धर्मेन्द्र कुमार के इस पहल ने एक बार फिर लोगों के मन में स्वर्गीय डीएम मनोज श्रीवास्तव की यादें ताज़ा हो गई है । मनोज जी ने 90 के दशक में खंडहर के रूप धारण करते शेरशाह रौजा को नई जिंदगी दिया था ।
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पार्क से लेकर रौजा का चारो तरफ से बाउंड्री तक सब इन्हीं के मेहनत का नतीजा है । आपको बताते चलें कि ,उस समय भी शेरशाह रौजा के चारो तरफ स्ट्रीट लाइट लगे थें , जिसके अवशेष आज भी कुछ बिजली खंभो पर मौजूद है । वो लाइटें रखरखाव के अभाव में खराब हो गई थी । बाद में कोई स्वर्गीय मनोज श्रीवास्तव जैसा जिलाधिकारी भी सासाराम को नसीब नहीं हुआ । मनोज श्रीवास्तव अभी तक के सबसे अच्छे जिलाधिकारी के रूप में जाने जाते हैं । डीएम मनोज श्रीवास्तव के बारे में अधिक जानने के लिए ( मेरे ऊपर क्लिक कीजिए )
Miss India Queen 2021 : RIO प्रोडक्शन टीम के बैनर तले महिला सशक्तिकरण के लिए बंगलोर में आयोजित मिसेज इंडिया क्वीन 2021-22 में बिहार के सासाराम शहर कि प्रियंका सिंह ने मिसेज इंडिया क्वीन 2021-22 का ताज जीत लिया है। पॉलिटिकल साइंस में स्नातकोत्तर, लॉ ग्रेजुएट और स्कूल प्रिंसिपल पिछले 12 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में सेवा देने वाली प्रियंका सिंह ने दक्षिण भारत में यह खिताब जीत कर मां ताराचण्डी की धरती सासाराम का मान बढ़ाया है ।
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प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के मेंबर रियो के श्री शंकर (सीईओ) ने कहा कि वे प्रियंका सिंह से पूछे गए सवालों के उत्तरों से बहुत प्रभावित हुए। रियो की नेशनल डाइरेक्टर रंजनी जी ने कहती हैं कि प्रियंका के लिए यह यात्रा मुश्किलों भरी थी, क्योंकि वह प्रिंसिपल हैं, लेकिन उन्होंने सफलता हासिल कर दुनिया को दिखाया कि “जहां चाह है ,वहां राह है” ।
आपको बताते चंले की प्रियंका ने सौंदर्य प्रतियोगिता में भाग लिया और एक विजेता के रूप में Miss India Queen 2021-22 south बनीं। यह प्रतियोगिता बैंगलोर में आयोजित किया गया।
प्रियंका सिंह का जन्म सासाराम के श्री पारस नाथ राय (अब सेवानिवृत्त न्यायाधीश सासाराम) और पुष्पा राय की पहली संतान के रूप में बनारस शहर में हुआ था। प्रियंका ने बताया कि उनके पति ही सबसे बड़े सहयोगी है ,सकारात्मक सोच रखते हैं। स्वतंत्रता और अविभाज्य विकास के महत्व को समझते हैं।
उनके पति श्री अभिषेक सिंह एरिक्सन कंपनी में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं । प्रियंका सिंह ने कहा कि भविष्य में वह गरीब बच्चों को ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना चाहती है । लेकिन सबसे पहले वह महिला शिक्षा और सशक्तिकरण पर काम करेंगी ।
Mohit 17th rank UPSC : “खुदी को कर बुलंद इतना के हर तकदीर से पहले खुदा बन्दे से खुद पूछे के बता तेरी रज़ा क्या है” | डीएवी पब्लिक स्कूल सासाराम के पूर्व छात्र रहे मोहित सुमन ने इन पंक्तियों को चिर्तार्थ किया है । दरअसल, मोहित ने देश की प्रतिष्ठित यूपीएससी की सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज परीक्षा में 17 वां रैंक हासिल करके , अपने माता पिता के साथ सासाराम का भी नाम रौशन किया है ।
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फजलगंज मुहल्ले में ख़ुशी कि लहर
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स्थानीय फजलगंज मुहल्ले के निवासी मोहित की सफलता की खबर जैसे ही मुहल्लेवासियों तक पहुंची सभी श्रोताओं के चेहरे पर मुस्कान आ गई । सभी का कहना है कि मोहित ने सेना में आसिस्टेंट कमांडेंट बन कर सबका नाम रौशन किया है ।
माता पिता का आशीर्वाद
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मोहित अपने सफलता का श्रेय अपने माता पिता को देते हैं । इनके पिता जी का नाम अशोक कुमार तिवारी जी है , और वो पेशे से सरकारी शिक्षक है । बेटे के सफलता पर घर में पर्व सा माहौल है ।
एजुकेशन
मोहित ने प्रारम्भिक शिक्षा स्थानीय डीएवी पब्लिक स्कूल सासाराम से हासिल किया । उसके बाद इन्होंने कोटा के बंसल क्लासेज से जेईई का तैयारी किया । बिहार इंजीनियरिंग के अन्तर्गत इन्होंने भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस से बीटेक का डिग्री हासिल किया । उसके बाद upsc की तैयारियां करने लगे |
हमें क्यूं है स्पेशल खुशी
Mohit 17th rank UPSC
स्कूलिंग के दौरान डीएवी सासाराम में मोहित हमारा क्लासमेट और दोस्त रहा है । कोटा में भी मिलना जुलना होता रहा , वो बंसल में था और में एलेन में । कोई भी व्यक्ति जब कुछ अच्छा करता है तो , जाहिर सी बात है कि उससे जुड़े दोस्त, परिवार, रिश्तेदार, मुहल्लेवासी सभी को खुशी होती है । मोहित के इस सफलता के लिए ” सासाराम की गलियां” संगठन की ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं ।
Origin Classes Sasaram : शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से पैर पसार रहे रौजा रोड सासाराम में रोहतास अल्ट्रासाउंड के उपर स्थित ओरिजिन क्लासेज ने इस बार टियर 1 शहरों के तर्ज पर कस्टमाइज्ड एजुकेशन का शुरुआत किया है । इसके तहत अलग अलग उम्र के बच्चों के हिसाब से अलग अलग कोर्स एवं बैचों के साथ अलग शिक्षा पद्धति को लॉन्च किया है । IIT ,NEET की भी तैयारियां कराई जा रही है ।
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अंकुर बैच
सीबीएसई एवं आईसीएसई बोर्ड के बच्चों के लिए ।
प्री फाउंडेशन बैच
9 वी व 10 वी के छात्रों के जरूरत के हिसाब से बनाया गया यह बैच दो भागो में डीवाइड होता है ।
बोर्ड : इसके तहत छात्रों को सिर्फ बोर्ड की तैयारी कराई जाति है । इनके शिक्षा का लेवेल मिडियम होता है ।
फाइटर बैच : फाइटर बैच के छात्र छात्राएं कॉम्पटीशन के हिसाब से तैयार लिए जाते हैं । उन्हें एडवांस लेवल की ट्रेनिंग मिलती है, जो उन्हें भविष्य के प्रतियोगिताओं की जटिलाओं से लड़ने में मदद करती है ।
फाउंडेशन बैच
11 वीं और 12 वीं के बच्चों के लिए फाउंडेशन बैच डेडीकेटेड है ।
टारगेट बैच
यह बैच इंटर पास कर चुके बच्चों के लिए है ।
संस्था प्रबंधक शशि जी का दावा है कि, जो बच्चा उनके पास अंकुर बैच से अपने कैरियर की शुरुआत करेगा उसे 12 क्लास तक पहुंचते पहुंचते ,अपने घर परिवार को छोड़ कर कहीं बाहर पलायन कर के कोचिंग करने की जरूरत नहीं पड़ेगी । क्यूंकि वह बच्चा शुरुआत से ही अच्छे वातावरण और मार्गदर्शन में रहने के कारण हर तरह से निपुण हो जाएगा ।
क्रैश कोर्स Origin Classes Sasaram
करोना में सब कुछ अस्त व्यस्त हो जाने के कारण, पढ़ाई।में पीछे रह गए या रिवीजन के लिए उत्सुक क्लास 10 वीं के बच्चों के लिए क्रैश कोर्स लॉन्च किया गया है । कम समय में अच्छे अंक प्राप्त करने में यह कोर्स लाभकारी सिद्ध होगा अधिक जानकारी के लिए 773 984 8024 पर छात्र छात्राएं संपर्क कर सकते हैं ।
नौकरी ढूंढने वालों के लिए सुनहरा अवसर
ओरिजिन क्लासेज शिक्षको का रिक्रूटमेंट कर रहा है । योग्यता के अनुसार पर सैलरी पैकेज है ।
विभिन्न बैचों और विषयों के लिए रिक्वायरमेंट ,इस प्रकार है
Pre Foundation Batch ( class 9-10)
Physics, Chemistry , Biology, Math, English, Social Science
Foundation Batch ( class 11-12 Persuing )
Physics, Chemistry, Math, Biology
मिनिमम क्वालिफिकेशन का बैरियर नहीं है । टैलेंट को प्रमुखता दिया जाएगा । इक्षुक व्यक्ति 773 984 8024 पर संपर्क करके अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और इंटरव्यू का प्रोसेस शुरू करा सकते है ।
कोविड टीकाकरण का दूसरा चरण : कोविड टीका को लेकर लोगों के मन में बैठे भ्रम को दूर करने के लिए जिले के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े वरीय अधिकारियों ने स्वयं टीकाकरण करवा कर लोगों का भ्रम तोड़ने का प्रयास किया है।
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जिले में शुरू हुआ कोविड टीकाकरण का दूसरा चरण
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शनिवार को शुरू हुए कोविड वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में रोहतास जिला अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने स्वयं टीकाकरण करवाया और लोगों को संदेश दिया।
कई वरीय अधिकारियों ने भी लिया कोविड का टीका
जिलाधिकारी के साथ-साथ सीनियर डिप्टी कलेक्टर अन्नू पांडे, रश्मि कुमारी, प्रवीण चंद्र, अनिल कुमार पांडेय, अमरेंद्र कुमार, भूअर्जन पदाधिकारी राजेश कुमार ने भी टीकाकरण करवाया। वहीं सभी अधिकारियों ने लोगों को कोविड का टीका लेने को प्रेरित किया और कहा कि टीका पूरी तरह से सुरक्षित है।
टीका लेने से लोगों का टूटेगा भ्रम
कोविड का टीका लेने के बाद जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है और हमें इसे लेने के लिए आगे आना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान मैंने भी आज टीका लिया ताकि लोगों के अंदर जो कुछ भी थोड़ा बहुत भ्रम फैला है वह पूरी तरह से समाप्त हो जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि दूसरे चरण में लोग आगे आयें आए और जिन जिन लोगों को दूसरे चरण में टीका लगना है वे लोग टीका जरूर करवाएं।
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साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रथम चरण के दौरान जो स्वास्थ्य कर्मी और आईसीडीएस की सेविका/ सहायिकायों ने टीका नहीं लिया वे लोग भी इसी चरण में टीका लेंगी।
आधा घण्टा तक जिलाधिकारी को रखा गया ऑब्जर्वेशन में
बता दे के टीका लेने सदर अस्पताल पहुंचे जिलाधिकारी ने कोविड के मानकों को ख्याल रखते हुए उन्होंने सबसे पहले अपने हाथों को सेनेटाइज किया। उसके बाद अपना टोकन लेकर वैक्सीनेशन रूम में पहुँचे जहां मौजूद प्रशिक्षित महिला स्वास्थ्य कर्मी ने जिलाधिकारी को कोविड का इंजेक्शन दिया। उसके बाद जिलाधिकारी को आधा घंटा के लिए ऑब्जरवेशन में रखा गया।
प्रथम चरण में 9717 लोगों गो ने लिया टीका
रोहतास जिले में प्रथम चरण कोविड टीकाकरण अभियान में कुल 9717 लोगों ने टीकाकरण करवाया। इसकी जानकारी देते हुए डीआईओ डॉ.क्टर आरकेपी साहू ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा आईसीडीएस के कर्मियों ने इस टीकाकरण अभियान में भाग लिया। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में उम्मीद से कम लोगों ने टीका लिया।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में जिन जिन लोगों ने अपना अपना पंजीकरण करवाया उसमे से आधे लोगों गो ने ही टीकाकारण करवाया है। कहा कि उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में बचे हुए सभी कर्मियों को जागरूक मोबलाइज़ किया गया है वे सभी कर्मी दूसरे चरण में टीकाकरण करवाएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि दूसरे चरण के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।