कल के हमारे रात वाले पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट में दुःख और लाचारी जाहिर किया था कि उन्हें जेनरल फिजिशियन नहीं मिल रहें हैं , अधिकांस क्लीनिक बंद हैं । ऐसे में हमने सोचा है कि परेशान लोगों तक सही जानकारी पहुंचाकर मदद किया जाए । उनके इस चिंता को दूर कीया जाए, की छोटे मोटे सिम्पटम्स को देखने वाला कोई नहीं है।
स्थानीय रौजा रोड स्थित मौर्या हॉस्पिटल में डॉक्टर आकाश अंबाष्ठा ( Dr. Akash Ambashtha ) अब तक कई लोगों का जान बचा चुके हैं । शुरुआती और माइल्ड करोना लक्षणों के इलाज के लिए डॉक्टर आकाश से कुछ जरूरी बातों को समझते हैं ।
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डॉक्टर आकाश कहते हैं
हर व्यक्ति को अपने शरीर में घटने वाली छोटी छोटी घटनाओं और परिवर्तनों पर पैनी नजर रखनी चाहिए । किसी भी रोग में अगर आप समय रहते, रोग आने से पहले ,शुरुआती लक्षणों को पकड़कर ही इलाज शुरू कर देते हैं तो अधिकतर केसों में सफलता प्राप्त होती है ।
बुखार को नहीं करें नजरंदाज
डॉक्टर आकाश कहते हैं कि, रोज सैकड़ों मरीजों को देखने से यही मालूम चलता है कि आज कल का बुखार बिना अच्छे दवाइयों के जानेवाला नहीं है ।
बुखार करोना के शुरुआती लक्षणों में से एक है । इसके लिए बुखार का तेज होना कोई जरूरी नहीं है । कई बार बुखार कम रह रहा है, आकर चला जा रहा है, कभी रिपीट भी हो रहा है ।
टॉयफायड भी हो सकता है बुखार
हर बुखार करोना ही नहीं होता, कई बार हराशमेंट के चलते भी बुखार आता है तो कई बार मौशम बदलने पर भी । आज कल टॉयफायड भी लोगो को हो रहा है । डॉक्टर सिम्पटम्स और टेस्ट के हिसाब से रोग पकड़ते हैं।
खुद से नहीं करें इलाज
अगर आप डॉक्टर नहीं है तो , थोड़े बहुत ज्ञान के आधार पर अपना इलाज स्वयं करने की गलती नहीं करें ।
वॉट्सएप हॉस्पिटल से दूर रहें
आज कल वॉट्सएप पर दवाइयों के नाम तेज़ी से फ़ैल रहे हैं , लोग उसे खरीद कर चना – भूंजा की तरह फांक रहे है । इससे कई बार रिएक्शन हो रहा है तो, कई बार कुछ समय बीतने के बाद साइट इफेक्ट सामने आ रहा है।
हर व्यक्ति का बनावट अलग अलग होता है, सबमें सब दवाई नहीं दिया जा सकता। डॉक्टर मरीज का हिस्ट्री और अन्य चीजों को देख कर दवाई देता है । इसलिए अपने मन से बिल्कुल दवाई नहीं लें ।
डॉक्टर आकाश उदाहरण देते हुए बताते हैं कि, वॉट्सएप हॉस्पिटल में सभी पर्चियों पर करोना के लिए मोंटेरा एलसी लिखा हुआ है, यह दवा मुख्यत सर्दी खांसी बदन दर्द की है । अगर किसी को सिर्फ बुखार है, सर्दी खांसी नहीं है तो वह ये दवा क्यूं लेगा ? अगर लेगा तो उसके शरीर पर क्या असर पड़ेगा ?
इलाज पहले दिन शुरू हो तो मरीज 6-7 दिन में ठीक हो रहे
अगर आपको बुखार आए, स्वाद चला जाए, गले में खराश हो, दस्त हो तो कतई नजरअंदाज नहीं करें, कोशिश करें कि पहले दिन ही डॉक्टर से संपर्क हो जाए । पहले दिन संपर्क करने से आप डॉक्टर के देख देख में रहेंगे, अगर स्थिति बिगड़ता है तो आपकी दवाएं चेंज होंगी या बढ़ाई जाएंगी ।
नॉर्मल एडमिट की व्यवस्था
डॉक्टर बताते हैं की उनके यहां नॉर्मल मरीजों ( करोना नहीं) के एडमिट की भी व्यवस्था है ।
करोना मरीज यहां एडमिट होंगे
आपको बताते चलें कि, करोना मरीज समर्पण अस्पताल लालगंज, सदर अस्पताल सासाराम, अर्श अस्पताल रौजा रोड, अपोलो अस्पताल साकेत नगर, पोस्टल कॉलोनी और नारायण मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं ।
हम भी करवा रहें इलाज
डॉक्टर आकाश के असिस्टेंस में हमने कल से बुखार कि दवाइयां शुरू किया है , परिवार के एक अन्य सदस्य भी दवाई ले रहें हैं । दोनों लोगो में 90% सुधार है । हमने पहले दिन ही इलाज शुरू किया है ,देरी नहीं किया ।
डिस्क्लेमर
यह पोस्ट सिर्फ जानकारी देने और जागरूकता के मकसद से लिखा गया है, यह कोई प्रोमोशनल या पेड एडवरटाइजमेंट नहीं है । हमने यहां कुछ लोगों का इलाज करवाया है और खुद भी करवा रहें है, लोगों के अनुभवों के आधार पर रिव्यू है हमारा ।
मरीज अपने रिस्क पर डॉक्टरों का चयन करें , हम किसी के बेस्ट होने या बुरा होने का दावा नहीं करते हैं । हमने अपना एक्सपीरिएंस शेयर किया है, कोई जरूरी नहीं है कि सबका अनुभव एक जैसा ही हो।
इलाज के लिए बहुत सारी चीजे मायने रखती है , दवा के साथ आपके शारीर का बनावट, इम्यूनिटी पॉवर,पारिवारिक और सामाजिक वातावरण इत्यादि ।