Thursday, October 23, 2025
Home Blog Page 5

ऐसा हुआ तो सासाराम स्वर्ग बन जाएगा ! शहर का एक नागरिक आईना दिखा रहा है | citizens can develop sasaram

0
citizens can develop sasaram
citizens can develop sasaram

“सासाराम कि गलियां” के YOUR STORY फैसिलिटी का उपयोग करके शहर के एक सशक्त नागरिक और बुद्धिजीवी विजय विष्ट जी हम सभी शहरवासियों को आईना दिखा रहे हैं । अगर सभी लोग नहीं, केवल कुछ लोग भी इसपर अमल कर लेंगे तो यकीन मानिए सासाराम शहर को अपने माथे से “सबसे गंदा शहर”, “बेकार शहर” होने का कलंक मिटाने में 1 वर्ष का भी समय नहीं लगेगा । पढ़िए, उन्होंने क्या लिखा है ।

Tomb of Hasan Shah Suri sasaram
हसन शाह सुरी मक़बरा | Tomb of Hasan Shah Suri | pc : gargi manish , Ashish Kaushik

सासाराम शहरवासियो को नमस्कार,
मैं आपके बीच का ही आदमी हूं और एक आम मतदाता के रूप मे आपसे कुछ कहना चाहता हूं। आप अवगत हैं कि नगर निगम चुनाव आने वाले दिनों मे संभावित है। सरकार के निर्णयानुसार इस चुनाव मे वार्ड पार्षद के साथ साथ, मेयर और डिप्टी मेयर का चयन भी जनता के प्रत्यक्ष मतदान से होगा ।

निर्वाचन प्रक्रिया लोकतांत्रिक प्रणाली की बुनियाद होती है । लोकतंत्र मे बहुमत का आदर होता है। पूरे पांच वर्षों मे मात्र कुछ ही दिन मतदाताओ की होती है जब उनके दरवाजे पर उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि अपने पक्ष मे मतदान करने के लिए दुराग्रह करते हैं। तब वे अपनापन दिखाते हैं और अपना संवेदनशीलता को भी प्रदर्शित करते हैं। अचानक स्थानीय समस्याओं से रूबरू होने मे दिलचस्पी बढ़ जाती हैं और वादा भी करते हैं कि निर्वाचित होने के बाद वे सभी समस्याओं से निजात दिला देंगे। विकास के योजनाएं प्रस्तुत करते हैं ।

गीता घाट आश्रम धरती पर स्वर्ग का अनुभव कराता है
गीता घाट आश्रम धरती पर स्वर्ग का अनुभव कराता है

बड़े बड़े पोस्टर लगाते हैं उसपर लोक लुभावने नारे भी लिखे जाते है , सुनहरे सपने दिखाए जाते  हैं और लोगों के उम्मीदों को जगाया जाता है। हम सभी मतदाताओ के पास उनसे सवाल करने का यही कुछ दिनों का वक्त होता है । बाकी के दिनों मे तो उनका आना तो दूर, वे लोगों से मिलने मे भी परहेज करते हैं। यह विडंबना है कि हमे नेतृत्व देने वालों मे से साफ सुथरा छवि वाले अत्यंत ही कम लोग ही होते हैं । ऐसे मे हमे जागरूक होना होगा और सवाल करना होगा।अब हम सभी मतदाताओं की जिम्मेवारी होती है कि हम अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए योग्य और इमानदार उम्मीदवार का ही चयन करें।

गीता घाट आश्रम शीर्ष से आप प्रकृति की खूबसूरती को बेहद करीब से देख सकते हैं और इसका आनंद ले सकते हैं
गीता घाट आश्रम शीर्ष से आप प्रकृति की खूबसूरती को बेहद करीब से देख सकते हैं और इसका आनंद ले सकते हैं

यह भी बिचारणीय है कि हमारे सामने हमारे लोकतंत्रिक मूल्यों को प्रभावित करने वाले अनेक कारक भी मौजुद होते है जिसमे सबसे बड़ा कारक तो जाति- धर्म के आधार पर गुटबंदी है। अन्य कारको मे कल्पनिक भय, नफरती उन्माद, भावनाओ को भड़काना, धन- बल का प्रयोग, विभिन्न तरह के लालच आदि को रखा जा सकता है। विगत पंचायत चुनाव मे हम देख चुके हैं कि किस तरह चुनाव मे पैसे को पानी की तरह बहाया गया। कितने जगहों पर शराबबंदी के बीच शराब की खेपें पकड़ी गई। लोगों को लालच देकर मत को खरीदा गया।

Rohtas Fort - HATHIYA POL
Rohtas Fort – HATHIYA POL | Pc : gargi manish

क्या यही निर्वाचन का मतलब है ? इस तरह का चुनाव भी कोई चुनाव है? क्या हमने यह जानने की कोशिश की कि यह पैसे कहां से आए और किस मकसद से इंवेस्ट हुए? ध्यान रहे कि इसी तरह से लोग जब चुनकर आते हैं तब हमें रोना पड़ता हैं क्योकि उनकी सोच चुनाव जीतने के साथ ही बदल जाती है। तब यही तथाकथित संवेदनशील व्यक्ति सामंती सोच के शिकार हो जाते हैं जिनकी सोच आम लोगों के भावनाओ, मजबूरियों और जरूरतों से मेल नहीं खाती ।

मां ताराचंडी धाम , सासाराम
मां ताराचंडी धाम , सासाराम

इसी तरह से निर्वाचित हमारे नेताओ को जन सरोकार संबंधित मुद्दों से कोई मतलब नहीं होता और वे सबसे पहले अपना वह धन पुनः ब्याज सहित प्राप्त करना चाहते हैं जो चुनाव के समय वे व्यय किए होते हैं। उन्हे अगले चुनाव को ध्यान में रखते हुए आवश्यक फंड भी बनानी होती है जिसका परिणाम भयावह होता है।संभवतः आपसभी अवगत होंगे कि हमारा ऐतिहासिक शहर सासाराम, हिंदुस्तान के सबसे गंदे शहरों की लिस्ट में टॉप पर है ।

Grit Mines Sasaram
Grit Mines Sasaram

जी हां, टॉप पर अर्थात इससे गंदा शहर पूरे भारतवर्ष मे और कोई नहीं। यह सत्य भी है। इसे सासाराम के लोग भली भांति रोज भोगते हैं और वर्षों से भोगते आ रहे हैं। नरकीय जिंदगी से प्रतिदिन दो- चार होना यहां के शाहरियों दैनिक जीवन का अंग हो गया है ।

शहर बिन बरसात पानी मे सड़ रहा है,वर्षों से मच्छरों का आतंक है, आप शहर के किसी भी गली मुहल्ले मे जाओ, आपको कूड़ा कचरा पर भिन्नाती मक्खियां मिलेगी ही मिलेगी।नगर निगम का हाल ऐसा कि विगत चार वर्षों से एक भी मुख्य नाली तक नहीं बना सकी दैनिक सफाई तो दूर की बात है। ऐसे मे लोग अपने चुने हुए प्रतिनिधियों कोश रहें हैं लेकिन लाचार हैं, कुछ कर नही सकते।

हसन शाह मक़बरा
हसन शाह मक़बरा | Hasan Shah Suri Tomb |तस्वीर : सैयद ख़्वाजा

अब हमारे सामने बहुत ही महत्वपूर्ण नगर निगम का चुनाव है। यह चुनाव आने वाले वर्षों मे सासाराम शहर का भविष्य का निर्धारण करेगा। हमे अपने वार्ड का पार्षद, मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव  आने वाले पांच वर्षों के लिए करना है।

बीच मे हम अपना भूल सुधार नही कर सकते। हमे अपने और अपने भावी पीढ़ियों को ध्यान मे रखते हुए चुनाव मे भाग लेना है। योग्य उम्मीदवार का चयन ही हमारे शहर का कायाकल्प कर सकता है। हमसभी मतदाताओ को एक जागरूक और जिम्मेवार मतदाता के रूप मे उम्मीदवार का अच्छी तरह से जांच परख करके अपना मत देना होगा। मतदाताओ मे आपसी विमर्श होनी चाहिए ।

Sukha Rauza Sasaram
हसन शाह सुरी का मकबरा | Tomb of hasan shah | pc : ashish kaushik

चर्चा का विषय उम्मीदवार का जाति समुदाय नहीं अपितु उसका व्यक्तित्व, संवेदंशीलता का स्तर, ऊर्जा स्तर, व्यवहार, योग्यता, अनुभव, सामाजिक कार्यों मे योगदान, जबबदेही, ट्रैक रिकॉर्ड आदि मानवीय गुणों के आधार पर होनी चाहिए। यदि हम योग्य लोगों को नहीं चुनेंगे तो यकीन मानीय उनका स्थान पर एक अयोग्य आदमी आसीन हो जाएगा और उस अयोग्यता का परिणाम अपने समाज, शहर  के लोगों और उनके भावी पीढ़ियों को उठाना पड़ता ही है।

मीडिया को भी अपने  दायित्वों का निर्वाहन करना होगा। अक्सर देखा गया है कि मीडिया मे उम्मीदवार के जाति और उस क्षेत्र मे मतदाताओ के जाति का प्रतिशत का आंकड़े पर चर्चा शुरू हो जाती है। मीडिया को भी ऐसे चर्चा से बचना होगा ।

शंकर कॉलेज मैदान में जगह जगह कूड़ा का अंबार
शंकर कॉलेज मैदान में जगह जगह कूड़ा का अंबार

मीडिया को भी ध्यान रखना चाहिए कि बहस और विमर्श का मुद्दा जाति आधारित ना हो अन्यथा सामाजिक सरोकार और विकास से संबंधित मुद्दे गौण हो जाएंगे। कुछ ऐसा माहौल बने कि लोग खुलकर आपस मे योग्यता पर विमर्श करे।सार्थक तर्क करे, तुलना करे और जाति- धर्म से परे जाकर योग्य उम्मीदवार का चयन करें।

सासाराम
सासाराम

इन सभी बातों का एक ही मतलब है कि आइए अपने शहर के विकास, सौंदर्य, स्वच्छता, जल जमाव  और गंदगी से मुक्ति के लिए , और सबसे बड़ी बात अपना जीवन स्तर सुधारने के लिए जाति और समुदाय से परे हो कर  अच्छा और योग्य उम्मीदवार का ही चयन  करें।

आलेख
विजय वशिष्ठ

बाबू कुंवर सिंह जिसने 80 वर्ष की उम्र में उस साम्राज्य के नुमाइंदों से लोहा लिया जिसका सूरज कभी अस्त नहीं होता था | Babu Kunwar Singh

0
Babu Kunwar Singh
Babu Kunwar Singh

मचल ग़दर जब 57 के , भड़क उठल चिंगारी !                      लाज़ बचाव एह माटी के, मईया कहे पुकारी !! 

बिहार का तत्कालीन शाहाबाद जिला जो अब सासाराम(रोहतास),भोजपुर(आरा),कैमूर, बक्सर में विभाजित हो चुका है । उसी शहाबाद की धरती ने एक बड़े ही वीर मर्द को जन्म दिया था । उस बहादुर का जन्म वर्तमान भोजपुर जिला के जगदीशपुर गांव में हुआ था। बिहार के उस तेज और प्रतापी बालक का नाम था कुंवर सिंह । लोग इन्हे जवानी में प्यार, दुलार और आदर से बाबू कुंवर सिंह (Babu Kunwar Singh) बुलाते थें, जो की आगे चल कर बाबू वीर कुंवर सिंह नाम से मशहूर हुए ।

राजा भोज का वंश और बाबू कुंवर सिंह

खैर, कहानी के इस भाग में हम लोग बालक कुंवर पर फोकस कर रहे हैं यानी सिर्फ कुंवर सिंह नाम का एक जमींदार घराने का लड़का । इस लिए हमलोग कहानी के इस भाग में सिर्फ इसी नाम का उपयोग करेंगे ,जो उम्र और प्रारंभिक जीवन को चित्रित करता हो । कुंवर सिंह का जन्म 13 नवंबर 1777 ईसवी में प्रसिद्ध शासक भोज के वंशजों में हुआ था ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

बाबू कुंवर सिंह के माता पिता 

इनके पिता बाबू साहबजादा सिंह हिंदुस्तान के प्रसिद्ध राजा भोज के वंशज थे । बचपन में दादी ,नानी की जुबान से मालवा के राजा भोज की बहादुरी की कहानियां तो सबने सुनी ही होंगी, उसी राजा भोज के वंशज थें साहिबजादा सिंह । उनके पास एक बड़ी ज़मींदारी थी । बाबू कुंवर सिंह के मां का नाम पंचरत्न कुंवर थीं ।

बाबू कुंवर सिंह का ख़ानदान बिहार का मशहूर जमींदार था 

कुंवर सिंह के छोटे भाई अमर सिंह, दयालु सिंह और राजपति सिंह एवं इसी खानदान के बाबू उदवंत सिंह, उमराव सिंह तथा गजराज सिंह बिहार के मशहूर जागीरदार/जमींदार थें । मानवीय गुणों के धनी और लोकप्रिय कुंवर सिंह को उनके बटाईदार बहुत प्यार करते थे । वह अपने गांववासियों में लोकप्रिय थे ही, साथ में अंग्रेजी हुकूमत में भी उनकी अच्छी पैठ थी । कई ब्रिटिश अधिकारी उनके मित्र रह चुके थे लेकिन इस दोस्ती के कारण वह अंग्रेजनिष्ठ नहीं बने ।

अंग्रेज़ों की हड़प नीति और बाबू कुंवर सिंह

अंग्रेज़ों की हड़प नीति के चलते बाबू कुंवर सिंह की ज़मींदारी जाती रही । पूरे परिवार में अंग्रेज़ों के लिए वह वैमनस्य का भाव आ गया ।

“सासाराम कि गलियां” बताने जा रहा है बिहार के उस महान पुरुष की कहानी जिसने 80 वर्ष की उम्र में उस साम्राज्य के नुमाइंदों से लोहा लिया जिसका सूरज कभी अस्त नहीं होता था । आपके प्यार और सपोर्ट से ,आगे की कहानी भी बताएंगे ।

सासाराम में खुल गया ट्रैफिक ऑफिस,एसपी ने उद्घाटन किया , कोई भी समस्या होने पर इन्हे करें फोन | Traffic Office sasaram

0
Traffic office sasaram
Traffic office sasaram

Traffic Office sasaram :  सासाराम नगर थानान्तर्गत पोस्ट ऑफिस चौक के पास पुराना सासाराम मुफस्सिल थाना परिसर में यातायात नियंत्रण हेतु यातायात कार्यालय का उदघाटन किया गया है । एसपी आशीष भर्ती ने इसका विधिवत उद्घाटन किया ।

एसपी आशीष भारती ने बताया कि, सासाराम शहर में विभिन्‍न कारणों से यातायात को सुचारू रूप से रखने में समस्या उत्पन्न होने की सूचना प्राप्त होती थी। यातायात को सुचारू रूप से चलाने हेतु पूर्व में पुलिस पदाधिकारी तथा बल की प्रतिनियुक्ति किया गया था, परंतु कार्यालय की अनुपलब्धता तथा बल एवं अन्य सुविधाओं की कमी के कारण यातायात सुचारू रखने में समस्या उत्पन्न हो रही थी ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

अतः यातायात संबंधित समस्याओं के निराकरण हेतु यातायात कार्यालय खोला गया है। इस व्यवस्था से सासाराम शहर में लगने वाले जाम जिससे आम जनों को काफी असुविधा होती थी, उसका निराकरण करने में काफी सुविधा होगी।

इनके जिम्मे ट्रैफिक की जिम्मेदारी

वर्तमान में सासाराम यातायात प्रभारी के रूप में पुअ0नि0 धर्मेन्द्र कुमार राय सहित 04 पुलिस
पदाधिकारी एवं 20 सिपाही/हवलदार प्रतिनियुकत हैं ।

Advertisement**

ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाई जाएगी

एसपी आशीष भारती ने कहा कि जल्द ही समीक्षा कर के पुलिस पदाधिकारी एवं बल की संख्या बढ़ाई जायेगी तथा यातायात पुलिस को और सुविधा से लैस किया जायेगा ।

राहगीरों को होगा फायदा | ट्रैफिक ऑफिस सासाराम

इस व्यवस्था से दूसरे शहर से आये हुए आम जनों को जिला रोहतास के किसी भी स्थान के संबंध में आसानी से जानकारी मिल सकेगी और वे अपने गंतव्य जगह पर सुरक्षित जा सकेंगे ।

डेडीकेटेड ट्रैफिक थाना भी प्रक्रियाधीन

सासाराम में डेडीकेटेड ट्रैफिक थाना खोलने हेतु प्रस्ताव भेजा गया है ।  यह प्रस्ताव प्रकियाधीन है । इस व्यवस्था से आम जनों के द्वारा हर्ष व्यक्त किया जा रहा है ।

ट्रैफिक समस्याओं के लिए इन्हें करें फोन

Traffic office sasaram
Traffic office sasaram

सासाराम शहर में यातायात की समस्या होने पर यातायात प्रभारी सासाराम डीएसपी धर्मेन्द्र कुमार, मोबाईल नं . 9334217640 एवं थानाध्यक्ष सासाराम नगर मो. 9431822810 पर संपर्क किया जा सकता है ।

बिहार की पहली बुलेट ट्रेन सासाराम-गया से गुजरेगी :​​​​​​​हाई स्पीड रेलवे ट्रैक का शुरुआती सर्वे पूरा, वाराणसी-हावड़ा बुलेट ट्रेन | varanasi howrah bullet train via sasaram gaya

0
varanasi howrah bullet train via sasaram gaya
varanasi howrah bullet train via sasaram gaya

varanasi howrah bullet train via sasaram gaya : बिहार की पहली बुलेट ट्रेन बिहार की राजधानी पटना से नहीं, बल्कि गया-सासाराम से गुजरेगी । वाराणसी-हावड़ा के बीच बिहार-झारखंड होकर प्रस्तावित बुलेट ट्रेन के लिए हाईस्पीड रेलवे ट्रैक बिछाने और उस पर बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारियों का श्री गणेश हो गया है ।

रेल मंत्रालय,भारत सरकार ने पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में इस संदर्भ में पत्र भेज दिया है ,और पूर्व मध्य रेल मुख्यालय इस पत्र को प्राप्त भी कर चुका है । वाराणसी-हावड़ा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए प्रारंभिक सर्वे का काम पूरा हो चुका है। हाल ही में राज्यसभा में एक सवाल के जवाब देते हुए रेलमंत्री अश्विनी बैष्णव ने देश के 7 रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने की जानकारी दिया था ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

इस रूट में वाराणसी से हावड़ा रूट भी शामिल है । पटना के साथ बक्सर, आरा, बिहारशरीफ और नवादा को जोड़ने वाली बुलेट ट्रेन का प्रस्ताव दूसरे फेज में आने की उम्मीद है ।

सासाराम में हाई स्पीड रेलवे पटरियां बिछेगी

वाराणसी-हावड़ा बुलेट ट्रेन के लिए सासाराम, गया, कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद के रास्ते हाई स्पीड रेलवे ट्रैक बिछाई जाएगी, जो की सिर्फ बुलेट ट्रेन के लिए डेडीकेटेड /समर्पित होंगी । इस रूट की बुलेट ट्रेन के लिए हाई लेवल बैठक में चर्चा हुई है। इसी के मद्देनजर गया जंक्शन को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन के रूप में डेवलप किया जा रहा है।

Sagar Arts Sasaram
Sagar Arts Sasaram

बाबा काशी विश्वनाथ को भगवान बुद्ध की नगरी से कनेक्ट करेगी बुलेट ट्रेन

भारतीय परंपरा में प्रमुख स्थान रखने वाले महादेव के एक स्वरूप की नगरी, अर्थात बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी मशहूर पर्यटन स्थल है । इसी तरह भारतीय परंपरा के प्रमुख देवता भगवान विष्णु की नगरी अर्थात भगवान विष्णु के ही एक रूप महात्मा बुद्ध की नगरी गया भी पर्यटन स्थल है, इसलिए इस प्रोजेक्ट में गया रेलवे स्टेशन होते हुए बुलेट ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है । गया रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन में शामिल करने की योजना के साथ इधर से बुलेट ट्रेन को गुजारने को लेकर विमर्श किया गया है।

Advertisement**

झारखंड में चल रहा है सर्वे | varanasi howrah bullet train via sasaram gaya

सर्वे के दौरान लोकेशन, भूखंड की उपलब्धता, प्रभावित होने वाले गांव और लाभान्वित होने वाले गांवों को चिह्नित करने के साथ झारखंड और बिहार के इलाके में भी सर्वे का काम चल रहा है। सर्वे रिपोर्ट सरकार को सौंपे जाने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। आपको बताते चलें कि गिरिडीह के बगोदर इलाके में सर्वे कार्य पूरा हो गया है और कोडरमा, धनबाद, हजारीबाग समेत ट्रेन के गुजरने वाले अन्य इलाके में सर्वे चल रहा है।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

देश के 7 रूटों पर बुलेट ट्रेन की तैयारी

दिल्ली-वाराणसी, मुंबई-नागपुर, दिल्ली-अहमदाबाद, मुंबई-हैदराबाद, चेन्नई-बेंगलुरु-मैसूर, वाराणसी-हावड़ा और दिल्ली-अमृतसर जैसे कुल 7 रूटों पर मोदी सरकार बुलेट ट्रेन चलाने की योजना बनाई है । सरकार के आदेश पर रेल मंत्रालय ने कुल सात हाई स्पीड रेल कॉरिडोर- के लिए सर्वेक्षण करने और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया है। भारत सरकार के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बुलेट ट्रेन के काम को लेकर अपडेट दिया है ।

दूसरे फेज में पटना को भी मिल सकता है बुलेट ट्रेन, सर्वे जारी

एक और योजना के तहत इसे राजधानी पटना से जोड़े जाने का प्रस्ताव है, इस रूट को अगर मंजूरी मिली तो बुलेट ट्रेन बिहार के बक्सर, आरा, पटना, बिहारशरीफ और नवादा से होकर गुजरेगी। वहीं, झारखंड में कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह और धनबाद से गुजरेगी। बिहार में जिस रूट के लिए सर्वे किया जा रहा है, उसमें बक्सर, आरा, पटना, बिहारशरीफ और नवादा में स्टेशन बनाए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि गया के बाद दूसरे फेज में पटना होकर भी बुलेट ट्रेन गुजरेगी ।

सासाराम के हनुमान जी का मुकुट उड़ा ले गए चोर , बंद मंदिर का छप्पड़ फ़ाड़ कर घटना को अंजाम दिया गया | Crown Of Sasaram’s Hanumanji Got Stolen

0
Crown Of Sasaram's Hanumanji Got Stolen
Crown Of Sasaram's Hanumanji Got Stolen

Crown Of Sasaram’s Hanumanji Got Stolen : सासाराम के धर्मशाला रोड के पास स्थित नयका गांव में महावीर मंदर में चोरों ने भगवान को भी नहीं छोड़ा है । बजरंग बली का मुकुट लेकर चोर गायब हो गए हैं । शनिवार की सुबह मंदिर का गेट खोल गया तो मुकुट गायब मिला ।

मंदिर के पुजारी ने “सासाराम कि गलियां” को बताया कि उन्होंने रोज की तरह ही मंदिर में ताला बंद किया था। लेकिन, चोर छप्पड़ तोड़ कर मुकुट चुरा लिया । सुबह में जब मंदिर का गेट खोला गया तो सभी दंग , हताश , निराश ,परेशान हो गए । दरअसल सुबह जब मन्दिर का दरवाजा खोला गया तो हनुमान जी का मुकुट गायब था । धर्मशाला रोड शहर का सबसे व्यस्त इलाका है ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

सासाराम में चोरों का आतंक

सासाराम शहर में कुछ महीनों से चोरों ने आतंक मचा रखा है । लोगों की आस्था और धरोहरों को भी नहीं छोड़ रहे हैं चोर ।

2 दिन पहले जिले का ऐतिहासिक धूप घड़ी का मेटल ब्लेड चोरी हुआ था

सासाराम/रोहतास जिले के डेहरी शहर से 2 दिन पहले चोरों ने अंग्रेजों द्वारा बनाई गई 150 वर्ष पुरानी धूप घड़ी का शंकु अर्थात मेटल ब्लेड चुरा लिया था । यह खबर पूरे देश भर में चला था । राष्ट्रिय स्तर पर इसकी आलोचना हुई थी, पुलिस पर जबरदस्त दबाव था ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

जिसके कारण मात्र 48 घंटो के भीतर ही पुलिस ने उस चोरी किए हुए मेटल ब्लेड को डेहरी के एक कबाड़खाना पर छापेमारी करके बरामद कर लिया । आप नहीं जानते है तो इसी www.SasaramKiGaliyan.Com के मेन मेन्यू में जा कर , रोहतास न्यूज पर क्लिक कीजिए आपको यह खबर डिटेल में मिल जाएगा ।

सासाराम शहर में रातों की नींद हराम है

आए दिन चोरों के आतंक से शहरवासियों की रात की नींद भी अब हराम हो गई है । कई लोगों ने बताया कि सासाराम में इन दिनों हर तरह के चोरों का आतंक है, जो की पहले सिर्फ बाइक चोरों तक सीमित रहता था । लोगों में इतना खौफ है की , कइयों ने कहा कि अब शादी विवाह के दिनों में भी मकान में छोड़ना मुश्किल हो गया है । उससे बड़ी बात है कि अब भगवान का मंदिर भी सुरक्षित नहीं है।

सासाराम पुलिस पर गंभीर सवाल खड़ा ?

लगातार हो रही चोरी की घटनाएं सासाराम पुलिस पर गंभीर सवाल खड़ा कर रही हैं । इनके गश्ती पर भी प्रश्नचिन्ह उठ रहा है । सारा ताकत सिर्फ शराब पकड़ने में झोंकने का भी सवाल लाजमी है ।

सासाराम में हो रही चोरी की घटनाएं और 2 दिन पूर्व शहर के लखनुसराय मोहल्ला में गलत आदमी के घर में घुस कर मारपीट तथा महिलाओं से बदसलूकी  ( जिसका वीडियो हमने अपने फेसबुक पेज पर भी डाला था ) की घटना चीख चीख कर कह रहीं हैं की जिला में सबसे खराब प्रदर्शन सासाराम पुलिस का है । ये लोग ठीक से अपना काम नहीं कर रहे हैं ।

मात्र 48 घंटो में ऐतिहासिक धूप घड़ी का मेटल ब्लेड बरामद करने पर एसपी की चारो तरफ तारीफ | Lost sundial dehri gnomon found

0
Lost sundial dehri gnomon found
Lost sundial dehri gnomon found

Lost sundial dehri gnomon found : रोहतास पुलिस के द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए 48 घंटे के अंदर चोरी की गई एतिहासिक प्राचीन धूप घड़ी के शंकु (Gnomon) को बरामद करते हुए अभियुक्त को किया गिरफ्तार ।

पुलिस ने केस दर्ज किया था

डिहरी नगर थाना अन्तर्गत दिनांक-08/09.02.2022 की रात्रि में अज्ञात चोरों के द्वारा एनिकट स्थित एतिहासिक प्राचीन धूप घड़ी के शंकु (gnomon) को चोरी कर लिया गया। इस संबंध में डिहरी नगर थाना काण्ड स0-63 /22, दिनांक-09.02.2022, धारा-379 भा0द0वि0 दर्ज किया गया ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

एसपी ने व्यक्तिगत रूप से केस को देखा

श्री आशीष भारती, पुलिस अधीक्षक के द्वारा इस मामले को काफी गंभीरता से लिया गया तथा चोरी की गई एतिहासिक धूप घड़ी के शंकु (gnomon) की शीघ्र बरामदगी एवं अभियुक्त की त्वरित गिरफ्तारी हेतु स्वंय घटना स्थल पर पहुँच कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया ।

एसपी ने एसआईटी का गठन किया

अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, डिहरी के नेतृत्व में पु.नि-सह-थानाध्यक्ष, डिहरी नगर थाना एवं अन्य पुलिस पदाधिकारी / कर्मी का एक SIT टीम का गठन किया गया ।

यह भी पढ़ें : डेहरी में 150 साल पुराना धूप घड़ी का ब्लेड चोरी ! अंग्रेजो ने धूप से चलने वाली घड़ी को बनवाया था

ताबातोड़ छापेमारी शुरू

SIT टीम के द्वारा ठिकानो का पता लगाकर लगातार संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी किया जा रहा था । इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक, आशीष भारती को गुप्त सूचना मिली कि चोरी की गई प्राचीन धूप घड़ी के शंकु (gnomon) को स्थानीय किसी कबाड़ी गोदाम में बेचा गया है । इस सूचना का सत्यापन एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु SIT टीम को डिहरी नगर थाना क्षेत्र के विभिन्‍न कबाड़ी गोदाम में छापेमारी हेतु भेजा गया ।

कबाड़ी से मेटल ब्लेड / शंकु बरामद

Sundial dehri lost gnomon found
Sundial dehri lost gnomon found

छापेमारी के दौरान मोहन बिगहा स्थित कबाड़ी वाला मानिकचंद गुप्ता, पे०-स्व0 विश्वनाथ गुप्ता, सा-मोहन बिगहा, थाना-डिहरी नगर, जिला-रोहतास के घर से एतिहासिक धूप घड़ी के शंकु (gnomon) बरामद किया गया तथा अभियुक्त मानिकचंद को गिरफ्तार किया गया ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

अभियुक्त ने संलिप्तता स्वीकारा

गिरफ्तार अभियुक्त मानिकचंद ने अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए बताया कि उक्त धूप घड़ी के शंकु (gnomon) को एक अज्ञात कंगाली से 2000 रू में खरीदे है, जिसे ये उँचे दामो में बेचने के लिए घर में छुपा कर रखे हुए थे। उक्त अज्ञात कंगाली की पहचान कर उसके ठिकानो का पता लगाकर गिरफ्तारी हेतु लगातार छापेमारी किया जा रहा है । अभियुक्त का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है।

पुलिस को एसपी कर रहे हैं सम्मानित

Lost sundial dehri gnomon found
Lost sundial dehri gnomon found

छापेमारी दल में शामिल निम्नांकित पुलिस पदाधिकारियों / कर्मियों को पुरस्कृत किया जा रहा है:-

1. पुलिस निरीक्षक राजीव रंजन, थानाध्यक्ष, डिहरी नगर थाना।
2. पु.अ.नि. सुभाष कुमार, डिहरी नगर थाना।
3. परि.पु.अ.नि. विकाश रा डिहरी नगर थाना।
4. स.अ.नि धनराज सिंह, डिहरी नगर थाना ।
5. सि-1292 राजीव कुमार राय, डिहरी नगर थाना।
6. सि-525 राजकिशोर सिंह, डिहरी नगर थाना।
7. सि-517 उमेश कुमार शर्मा, डिहरी नगर थाना।
8. चा.सि-80 सर्वजीत कुमार, डिहरी नगर थाना।
9. चा.सि.-69 रौशन कुमार, डिहरी नगर थाना।

यह भी पढ़ें : 150 वर्ष पुराना धूप घड़ी डेहरी में , आज भी समय बताता है

अभियुक्त का नाम,/पताः- नाम / पताः-

मानिकचंद गुप्ता, पे0-स्व0 विश्वनाथ गुप्ता, सा0-मोहन बिगहा, थाना-डिहरी नगर,
जिला-रोहतास |

बरामद सामान

चोरी की गई एतिहासिक घूप घड़ी का शंकु (gnomon)

एसपी की हो रही है तारीफ

ऐतिहासिक धूप घड़ी का मेटल ब्लेड बरामद करने पर एसपी
ऐतिहासिक धूप घड़ी का मेटल ब्लेड बरामद करने पर एसपी

48 घंटो के भीतर ऐतिहासिक धूप घड़ी का मेटल ब्लेड अर्थात शंकु (gnomon) बरामद कर लेने पर आम जनता एसपी अशीष भारती की तारीफ कर रही है । चौक चौराहों और चाय की दुकानों पर आज एसपी की ही चर्चाएं हो रही हैं । लोगों में हर्ष है ।

शंकर कॉलेज मैदान सासाराम का अस्तित्व खतरे में , कुड़ा से लेकर जुआड़ियों, नशेड़ियों तक का कब्जा है | shankar college ground sasaram in danger

0
shankar college ground sasaram in danger
shankar college ground sasaram in danger

shankar college ground sasaram in danger : कभी जिला स्तरीय से लेकर राज्यस्तरीय खेलों का गवाह बन चूका रोहतास जिला मुख्यालय स्थित श्री शंकर हाई स्कूल तकिया का खेल मैदान अब धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोते हुए दिखाई दे रहा है । जिसका एकमात्र वजह है प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

बता दें कि तकिया का श्री शंकर कॉलेज खेल मैदान कभी बड़ी बड़ी राजनीतिक सभाओं के साथ-साथ राज्यस्तरीय खेल प्रतियोगिता के लिए जाना जाता था ,लेकिन आज प्रशासनिक उदासीनता की वजह से यह मैदान अपना अस्तित्व अस्तित्व खोता नजर आ रहा है ।

शंकर कॉलेज मैदान सासाराम में जगह जगह कूड़ा
शंकर कॉलेज मैदान सासाराम में जगह जगह कूड़ा

आज यह मैदान कूड़ा- कचरा फेंकने का स्थान बनता जा रहा है। एक ओर जहां जिला प्रशासन खेल को बढ़ावा देने के लिए नित्य नए खेलों का आयोजन कर रही है तो वही दूसरी ओर खिलाड़ियों को पैदा करने वाले इस मैदान पर जिला प्रशासन का ध्यान नहीं है ।

Sagar Arts Sasaram
Sagar Arts Sasaram

विधायक सांसद यहीं के फिर भी उदासीनता

यह जान कर आश्चर्य होता है कि वर्तमान विधायक और सांसद इसी तकिया मोहल्ला के निवासी हैं । दोनों लोगों का यहां घर है और परिवार भी रहता है । फिर भी इनलोगों ने इस फील्ड को संवारने का कोई कोशिश नहीं किया । दोनों लोगों में इक्षाशक्ति की कमी है ।

स्थानीय लोग प्रयास करते हैं, लेकिन इनके पास पॉवर नहीं है

शंकर कॉलेज मैदान जुआड़ियो और नशेड़ियों का पसंदीदा अड्डा
शंकर कॉलेज मैदान जुआड़ियो और नशेड़ियों का पसंदीदा अड्डा

हालांकि स्थानीय लोगों के साथ साथ मैदान के संबंधित लोगों ने जनप्रतिनिधियों के साथ साथ जिला  प्रशासन का भी ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है बावजूद इसके नतीजा कुछ नहीं निकला है ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि जब सासाराम के सांसद, एमएलसी व विधायक से लेकर कई जाने – माने नेता इसी वार्ड से संबंध रखते हैं बावजूद इसके खेल को बढ़ावा देने वाला एवं जिले में सैकड़ों बेहतरीन खिलाड़ियों को जन्म देने वाले इस मैदान के जीर्णोद्धार पर किसी की नजर नहीं है ।

खेल मैदान का बाउंड्री ध्वस्त हो गया है

रेलवे लाइन से सटा दीवाल भी पूरी तरह से ढह चुका है । इसके अलावा उत्तर दिशा की दीवारों की भी स्थिति जर्जर है।

मैदान में जगह जगह कूड़ा का अंबार

शंकर कॉलेज मैदान सासाराम में जगह जगह कूड़ा का अंबार
शंकर कॉलेज मैदान सासाराम में जगह जगह कूड़ा का अंबार

मैदान के चारों तरफ कूड़े कचरे का अंबार लगा हुआ हैं। जिसपर आज भी बच्चे खेल कर अपनी प्रतिभा को तराशने में लगे हुए हैं । कूड़े-कचड़े वाले मैदान पर खेल कर बच्चे कई बार बीमारियों की भी चपेट में आ जाते हैं लेकिन उनके क्षेत्र में एकमात्र खेल का मैदान होने की वजह से उसी में खेलने को मजबुर हैं ।

जुआड़ियों का अड्डा

शंकर कॉलेज मैदान सासाराम जुआड़ियो और नशेड़ियों का अड्डा
शंकर कॉलेज मैदान सासाराम जुआड़ियो और नशेड़ियों का अड्डा

दिन में यह मैदान जुआड़ियो और नशेड़ियों का अड्डा बना रहता है । गांजा, सिगरेट, गुटका ,शराब पीने वाले नशेड़ी हमेशा यहां पर जुआ खेलते हुए मिल जाते हैं ।

क्या कहते हैं खेल प्रेमी ?

  • अनंत कुमार

तकिया निवासी खेल प्रेमी अनंत कुमार बताते हैं कि इस मैदान पर कई बड़े खेल का आयोजन किया जा चुका है परंतु आज या मैदान पूरी तरह से बर्बाद होता दिखाई दे रहा है उन्होंने कहा कि आज सासाराम मैं कहीं भी खेलने का वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है जिस कारण खेल को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है ।

  • अजीत कुमार

इसी मैदान पर खेल कर बड़े हुए अजीत कुमार बताते हैं कि सासाराम का यह एक इकलौता मैदान था जहां पर राज्यस्तरीय क्रिकेट, फुटबॉल हॉकी मैच का भी आयोजन किया गया है परंतु आज जब मैदान पूरी तरह से बेकार हो चुका है। उन्होंने कहा कि हमारे सांसद, एमएलसी और विधायक इसी क्षेत्र से संबंध रखते हैं बावजूद यह मैदान आज अस्तित्व खोता दिखाई दे रहा है।

सासाराम के लाल ने अंग्रेजों को भी पढ़ाया था कानून,103 वर्षीय हरि नारायण पंचतत्व में विलीन हो गए | Scholar hari narayan singh passed away at 103 years

0
Scholar hari narayan singh passed away at 103 years
Scholar hari narayan singh passed away at 103 years

Scholar hari narayan sigh passed away at 103 years : बुधवार को सासाराम के एक ऐसा व्यक्तित्व पंचतत्व में विलीन हो गये, जो आजादी से पूर्व अंग्रेजों को भी पढ़ाए थे और बिहार के इतिहास का शायद वह पहला और अंतिम व्यक्ति भी होंगे जो 75 वर्षों तक लगातार कानून की रखवाली करते रहे ।

प्रकृतिक जीवनशैली के दम पर 4 पीढ़ियों को इकट्ठा रखा 

प्रकृति के साथ जीवन जीने की कला के साथ हीं इस आधुनिकता के दौर में बिखरते परिवार की परम्परा के बीच चार पीढियों को मरते दम तक एक सूत्र में बांधकर रखने में भी सफल रहे हैं ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

जीवन चक्र 

जी हाँ, वर्ष 1918 में तत्कालीन शाहाबाद जिले के तिलईं गांव ( अब जिला रोहतास के सासाराम अनुमंडल में ) निवासी सम्पन्न किसान डोमन सिंह के पुत्र हरि नरायण सिंह ने अपनी आरंभिक शिक्षा तिलौथू तथा माध्यमिक उच्चतर शिक्षा आरा से ग्रहण करने के बाद उच्च शिक्षा कोलकता में हासिल की थी। और वहीं से जिन्दगी में सकारात्मक सोच के साथ रचनात्मक भूमिका निभाना आरंभ किये।

अंग्रेजों को भी पढ़ाया 

स्वर्गीय हरि नारायण सिंह ,सासाराम ,रोहतास
स्वर्गीय हरि नारायण सिंह ,सासाराम ,रोहतास

कानून की पढाई पुरी करने के बाद 1946 से वहीं कानून के प्राध्यापक भी बन गये तब भारत में ब्रिटिश हुकूमत थी और अंग्रेजों के बच्चे भी वहां अध्ययनरत थे, जिन्हें हरि नरायण सिह ने पढ़ाया था ।

सासाराम शहर में आ गए 

बाद में वे सासाराम आ गये और यही 1952 से अनुमंडलीय न्यायालय में  वकालत करने लगे। 1952 से 2021 तक यानि करीब 69 वर्षों तक कानून की रखवाली करते रहे। यह अपने आप में एक मिसाल है।

Sagar Arts Sasaram
Sagar Arts Sasaram

103 वर्षीय हरि नारायण सिंह 

2019 में इसका 100 वां जन्मदिन मनाया गया था इसके बाद भी अप्रैल 2021 तक वो न्यायालय जाते रहे। 2021 में जब कोरोना संक्रमण चरम पर था तो ये संक्रमित हुए, लेकिन 102 वर्ष के आयु में भी हरि नरायण सिह कोरोना को “धूल चटा कर” अस्पताल से घर लौट आए थे ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

सफल बिजनेस मैन और एमएलसी बने सुपुत्र 

अपने दृश्य इच्छाशक्ति तथा आदर्शपूर्ण जीवनशैली के कारण न केवल स्वस्थ व लम्बी उम्र तक जीवित रहे, बल्कि एक संस्कारी तथा संगठित परिवार को भी मजबूती प्रदान की। पूर्व विधान परिषद् सदस्य कृष्ण कुमार सिंह सहित इनके चार पुत्र हैं ।

चार पीढ़ियां एक साथ जॉइंट फॅमिली में रहती हैं 

हरि नारायण सिंह कि अंतिम यात्रा , तिलई ,सासाराम ,रोहतास
हरि नारायण सिंह कि अंतिम यात्रा , तिलई ,सासाराम ,रोहतास

आज भी इनके परिवार के चार पीढियों के करीब चार दर्जन सदस्य एकसाथ रह रहे हैं, जो आज के दौर में अपने-आप में एक मिशाल है। परिवार के सदस्य बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों में अपना नौकरी पेशा तो करते हैं, लेकिन सबका नियंत्रण तथा निगरानी मरते दम तक हरि नरायण बाबु के हाथों में हीं रहा ।

पंच तत्वों में विलीन होते हरि नारायण सिंह ,सासाराम
पंच तत्वों में विलीन होते हरि नारायण सिंह ,सासाराम

मरते दम तक किसी की हिम्मत नहीं हुई कि  परिवार का कोई सदस्य उनका बात काट दे । 8 फरवरी 2022 को बुधवार के दिन उन्होंने 103 वर्ष कि आयु में अंतिम सांस ली तथा आज अपने पैतृक गांव तिलईं में पंचतत्व में विलीन हो गये। ईश्वर इस कर्मयोगी के आत्मा को शांति प्रदान करें ।

डेहरी में 150 साल पुराना धूप घड़ी का ब्लेड चोरी ! अंग्रेजो ने धूप से चलने वाली घड़ी को बनवाया था | Dhoop Ghadi Dehri Blade Stolen

0
Dhoop Ghadi Dehri Blade Stolen
Dhoop Ghadi Dehri Blade Stolen

Dhoop Ghadi Dehri Blade Stolen : बिहार के जिला रोहतास (सासाराम) अंतर्गत डेहरी शहर के एनीकट क्षेत्र से चोरों ने ऐतिहासिक धूप घड़ी को क्षतिग्रस्त कर उसके धातु का महत्वपूर्ण ब्लेड चुरा लिया । इस घड़ी को अंग्रेजो ने सिंचाई विभाग के कैंपस में एक चबूतरे पर बनवाया था  । यह घड़ी सूर्य की रोशनी के हिसाब से संचालित होती थी ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

अंग्रेजों ने इसका निर्माण ब्रिटिश काल में 1871 ई में कराया गया था । तब से ये संरक्षित था ।लोग इस ऐतिहासिक धूप घड़ी को देखने के लिए दूर दूर से आते थे । रखरखाव और सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने के कारण चोरों ने धूप घड़ी पर हाथ साफ कर दिया ।

आपको बताते चलें की यह इलाका ज्यादातर पुलिस अधिकारियों के आवासीय क्षेत्र है । डीआईजी, एसपी, एएसपी सहित तमाम आला पुलिस अधिकारियों के कार्यालय और आवास इसी क्षेत्र में है । इसके बावजूद चोरों की हिम्मत देखिए की धूप घड़ी को ही क्षतिग्रस्त कर उसे चुरा लिया ।

बता दें कि “धूप घड़ी” का कैंपस भी पहले से टूटा हुआ है । स्थानीय प्रशासन और नगर पालिका ने इसका रखरखाव नहीं किया । जिसका नतीजा यह हुआ कि चोरों ने इस धूप घड़ी को चुराकर डेहरी की एक पहचान को खत्म कर दिया । इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में दुख और आक्रोश व्याप्त है । मौके पर पुलिस पहुंच गई है और मामले की जांच कर रही है ।

सासाराम को मिलेगा नया वाराणसी रांची कोलकता एक्सप्रेसवे । भारतमाला प्रोजेक्ट से 42 गांवों को लाभ |  New Varanasi Kolkata Expressway From Sasaram

0
New Varanasi Kolkata Expressway From Sasaram
New Varanasi Kolkata Expressway From Sasaram

New Varanasi Kolkata Expressway From Sasaram : नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा भारत माला परियोजना फेज दो के तहत वाराणसी-रांची-कोलकता एक्सप्रेसवे का निर्माण के लिए विधिवत प्रारूप सफलतापूर्वक तैयार कर लिया गया है । केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क निर्माण की कार्ययोजना पर काम भी शुरू कर दिया है ।

पिछड़े गांव लाभान्वित होंगे

इस प्रोजेक्ट से सासाराम के चार प्रखंडों के 42 गांव लाभान्वित होंगे। आपको बताते चलें की जहां से एक्सप्रेस गुजरेगा, उन इलाकों के अधिकांश गांव यातायात व अन्य दृष्टि से काफी पिछड़े हुए हैं । सड़क निर्माण से इन गांवों की तस्वीर बदल जाएगी ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

परियोजना के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से भू-अर्जन के लिए राजस्व ग्राम, रैयत, उनकी दखल कब्जा, लगान रसीद, चक या सर्वे खतियान से संबंधित सत्यापित रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

जीटी रोड से अलग होगा यह एक्सप्रेसवे

सासाराम शहर से भारत की सबसे लंबी सड़क गुजरती है, यानी सम्राट अशोक महान द्वारा निर्मित उत्तरपथ अर्थात शेरशाह सूरी का जारनैली सड़क अर्थात अंग्रेजों का ग्रैंड ट्रंक रोड जिसे हम जीटी रोड के नाम से भी जानते है सासाराम शहर से होकर गुजरती है । समय के साथ इसके मार्गों में परिवर्तन होता रहा है ।

कभी यह बादशाही पुल से हो कर गुजरती थी, तो कुछ वर्षो पहले तक शहर के बीचों बीच गुजरा करती थी, अब यह सड़क मां ताराचण्डी मंदिर के पास से गुजरती है । पुराना जीटी रोड अब स्टेट कि प्रॉपर्टी है । लोगों में वाराणसी-रांची-कोलकता एक्सप्रेसवे को लेकर कन्फ्यूजन है की यह जीटी रोड से अलग होगा या उसी का नाम बदला जाएगा , जैसे दिल्ली के बाद एनएच 1 कहा जाता है ।

Sagar Arts Sasaram
Sagar Arts Sasaram

यहां पर हम आपको साफ करदे की यह एनएच दो के ही सवरूप का होगा लेकिन उससे बिलकुल अलग होगा । हाइवे अथॉरिटी के अधिकारियों ने “सासाराम कि गलियां” को बताया की दोनो सड़के बिल्कुल अलग अलग हैं , किसी कन्फ्यूजन में नहीं रहना है ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

क्या है भारतमाला प्रोजेक्ट ?

प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट भारतमाला योजना की शुरुआत 2015 में शुरू की गई थी । इस प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग, अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े प्रदेशों, पर्यटन स्थल एवं धार्मिक स्थल समेत ग्रामीण इलाके जो पिछड़े हुए हैं उन्हें राष्ट्रीय राजमार्गों से कनेक्ट करना है ।

भारत माला परियोजना के तहत बन रहा वाराणसी-रांची- कोलकाता एक्सप्रेसवे चार राज्यों से होकर गुजरने वाला लगभग 575 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे है ।

  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
  • Advertisement**
    Advertisement**
  • Advertisement**
  • **Advertisement

सासाराम के चार प्रखंडों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे | New Varanasi Kolkata Expressway From Sasaram

वाराणसी-रांची-कोलकता एक्सप्रेसवे फेज 2 उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शुरू होगा और कैमूर होते हुए सासाराम के चेनारी, शिवसागर, सासाराम व तिलौथू होते हुए झारखंड के रास्ते पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ख़त्म होगा ।

सासाराम के 42 गांवों को लाभ

इस वाराणसी-रांची-कोलकता एक्सप्रेसवे परियोजना से जुड़ने वाले गांवों में चेनारी प्रखंड का निसिजा पहला गांव है ।  इसके बाद लांजी, बीरनगर, चरही, हाता, नारायणपुर, केनारकला, सेमरी, सहंसि, बेंसिल, रघुनाथपुर, सरेन होते हुए कुल 19 गांवों, शिवसागर प्रखंड के केनार खुर्द, सिकरौर, मझुईं, खुढ़नु, चोर, चेनारी, करमा, कोनकी, दरिगांव, टेकारी, तेंदुआ, मुरही होते हुए 15 गांवों,

सासाराम प्रखंड के कौरिया, घरबैर, पालनगढ, गोरिया व महुआ डिहरा समेत पांच गांव तथा तिलौथू के बेलवई, शिवपुर कैथी के रास्ते झारखंड में प्रवेश करेगा । इस प्रोजेक्ट के लिए बिहार में वन विभाग की जमीन को छोड़ कर करीब 1757 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा ।

error: Content is protected !!