जब भी माह-ए-रमज़ान की शुरुआत होती है, मुझे मरहूमा मां बेतरह याद आती है। वे मेरे बचपन के दिन थे जब मां के सुबह के सपनों में देवी-देवता बहुत आते थे। सुबह उठकर वह हमें अपने सपनों के बारे में बताती थी। उसकी सपनों की बातें अक्सर सच भी हो जाया करती थीं।
मां को इस्लाम के बारे में कुछ भी पता नहीं था, लेकिन एक बार ख़ुद अल्ला मियां उसके सपने में आकर उसे कुछ हिदायतें दे गए। तब से हर रमज़ान में वह पांच रोज़े रखने लगी। दिन भर भूखा-प्यासा रहने के बाद शाम को नहा-धोकर नमाज़ की जगह एक सौ आठ बार अल्लाह का नाम लेती थी।
इफ़्तार की उसकी सामग्री होती थी उबले हुए शकरकंद और कोई एक मौसमी फल। इससे ज्यादा की औकात थी नहीं। सहरी के वक़्त वह देवी-देवताओं के भजन गाकर कुछ हल्का खा लेती। ईद के पहले अपने बचाए पैसों से बच्चों के कुछ कपडे खरीद कर रखती जाती थी। हमारे कस्बे गोपालगंज में पीर बाबा का एक छोटा मज़ार है। ईद की सुबह सीधे उस मज़ार पर पहुंच जाती थी।
वहां मौजूद कुछ फटेहाल बच्चों को नए कपडे पहनाने के बाद मां की आंखों की चमक देखते बनती थी। शायद यही उसका ज़कात था। कई लोगों ने उसे चेतावनी दी कि बिना रमज़ान का क़ायदा जाने उसका रोज़ा करना जायज़ नहीं है। इससे उनके अल्ला मियां भी नाराज़ होंगे और अपने भगवान जी भी।
बावजूद इसके मां अपनी ज़िद पर अड़ी रही। आज पर्व-त्योहारों में आई मज़हबी कट्टरता और नफ़रत के माहौल को देखने के बाद लगता है कि मां सही थी। मैंने उस दौर में कई मुस्लिम महिलाओं को भी छठ के घाट पर आंचल फैलाकर दुआ मांगते देखा था। अब आस्थाओं का वैसा घालमेल देखने को नहीं मिलता। उस पीढ़ी के बाद पर्व-त्यौहारों का वह भोलापन जाता रहा।
लेखक – ध्रुव गुप्त ( पूर्व आईपीएस अधिकारी )
थोड़ा अलग-सा रमजान !
शेरशाह इंजीनियरिंग कॉलेज सासाराम के छात्रों ने लॉकडॉउन का सदुपयोग कर बनाया एप
Lकरोना संक्रमण ने लोगों को अपने घरों में बंद कर दिया है । इस समय का सही सदुपयोग सासाराम अनुमंडल के करगहर प्रखंड में बने शेरशाह इंजीनियरिंग कॉलेज के दो छात्रों ने किया है । फाइनल ईयर के छात्र चंदेश्वर शर्मा और थर्ड ईयर के छात्र अंकित कुमार ने साथ मिलकर ” एमआर ग्रोफर” ( MrGrofer) नामक एक मोबाइल एप बनाया है । बच्चों ने बताया कि ,उन्होंने इस काम को करने के लिए सच्चे दिल से दिन रात मेहनत किया है । इस एप से इनके प्रोफेसर और सहपाठी दोनों बहुत खुश हैं ।
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होगी ऑनलाइन डिलेवरी
बच्चों ने बताया कि,इस एप के माध्यम से ऑनलाइन ग्रोसरी ( किराना सामान ) मंगाया जा सकता है । एक घंटे के अंदर में शहर के किसी भी कोने में पहुंचाने कि व्यवस्था होगी । फिलहाल यह सेवा सिर्फ सासाराम शहर तक ही सीमित रहेगा । बच्चों ने बताया कि सामान का दाम बाज़ार से कम रहेगा ।
सुरक्षा के खास इंतजाम
करोना संक्रमण के बीच ऑनलाइन डिलेवरी ? हमारे इस सवाल का ज़बाब देते हुए बच्चों ने बताया कि , डिलेवरी से पहले सभी सामानों का अल्ट्रावायलेट किरणों द्वारा ट्रीटमेंट दिया जाएगा । यह एक सैनिटैजेशन प्रकिया ही है ।इससे करोना वायरस नष्ट हो जाते हैं ।
कहां मिलेगा एप ?
इस एप को चलाने के लिए आपके पास एंड्रॉयड स्मार्ट फ़ोन होना चाहिए । इंटरनेट का होना भी जरूरी है । गूगल प्ले स्टोर से यह मोबाइल एप डाउनलोड किया जा सकता है । डाउनलोड करने के बाद , इसका इस्तेमाल फ़्री में किया जा सकता है । इसी से बिल पेमेंट कि भी व्यवस्था की गई है ।
रोहतास के शहीद खुर्शीद खान की अंतिम बिदाई हुई – Sasaram Ki Galiyan
इसके बाद उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.इस दौरान खुर्शीद खान अमर रहे के नारे लगाए गये. लोगों ने भारत माता की जय, हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारों के साथ शहीद को विदाई दी.
कश्मीर में हुए थें शहीद
आपको बताते चलें कि जम्मू कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमले में सासाराम के (जिला के सेंस में) बिक्रमगंज के खुर्शीद खान शहीद हो गए थें. इस घटना के बाद शहीद के गाँव में मातमी सन्नाटा पसर गया है. 41 वर्षीय शहीद खुर्शीद खान बिक्रमगंज के घोसिया कला के निवासी थे. बताते चलें की सोमवार को जम्मू कश्मीर के बारामुला इलाके में आतंकियों ने एक नाका पर सीआरपीएफ के जवानों को निशाना बनाते हुए हमला कर दिया था, जिसमें जम्मू कश्मीर के एसपीओ मुजफ्फर अहमद सहित कुल तीन लोग शहीद हो गए थें.
शहीद हुए सीआरपीएफ के दोनों जवान बिहार के रहने वाले थे. जम्मू-कश्मीर पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल विजय कुमार ने बताया था कि आतंकी हमले में घायल हुए CRPF के दो जवानों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था, वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
शहीद जवान खुर्शीद खान मूल रूप से बिहार सासाराम के बिक्रमगंज के रहने वाले थे, जबकि शहीद लवकुश सुदर्शन शर्मा जिनकी उम्र महज 27 साल थी बिहार के जहानाबाद जिला के थे रहने वाले.
आतंकियों ने सोमवार को बारामुला के क्रेरी इलाके में नाका पार्टी को अपना निशाना बनाते हुए ये हमला किया. इसी हमले में बिहार के ये दोनों वीर सपूत शहीद हो गए.
कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद जवान खुर्शीद खान का पार्थिव शरीर बिक्रमगंज प्रखंड के घोसिया कला गांव में पहुंचा और उनकी अंतिम विदाई हुई ।
रोहतास के CRPF जवान खुर्शीद खान आतंकियों से मुठभेड़ में कश्मीर में शहीद – Sasaram Ki Galiyan
जम्मू कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमले में सासाराम के (जिला के सेंस में) बिक्रमगंज के खुर्शीद खान शहीद हो गए हैं. इस घटना के बाद शहीद के गाँव में मातमी सन्नाटा पसर गया है. 41 वर्षीय शहीद खुर्शीद खान बिक्रमगंज के घोसिया कला के निवासी थे. बताते चलें की आज जम्मू कश्मीर के बारामुला इलाके में आतंकियों ने एक नाका पर सीआरपीएफ के जवानों को निशाना बनाते हुए हमला कर दिया, जिसमें जम्मू कश्मीर के एसपीओ मुजफ्फर अहमद सहित कुल तीन लोग शहीद हो गए हैं.
बिहार के 2 जवान शहीद
शहीद हुए सीआरपीएफ के दोनों जवान बिहार के रहने वाले थे. सीआरपीएफ मुख्यालय के अधिकारियों ने इस मामले में बताया कि सुबह सीआरपीएफ के 119 वीं बटालियन के दो जवानों के उपर आतंकियों ने हमला किया था. जम्मू-कश्मीर पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल विजय कुमार ने बताया कि आतंकी हमले में घायल हुए CRPF के दो जवानों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है, वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे.शहीद जवान खुर्शीद खान मूल रूप से बिहार सासाराम के बिक्रमगंज के रहने वाले थे, जबकि शहीद लवकुश सुदर्शन शर्मा जिनकी उम्र महज 27 साल थी |
बिहार के जहानाबाद जिला के थे रहने वाले.आतंकियों ने आज सोमवार को बारामुला के क्रेरी इलाके में नाका पार्टी को अपना निशाना बनाते हुए ये हमला किया. इसी हमले में बिहार के ये दोनों वीर सपूत शहीद हो गए.इस खबर को सुनने के बाद जिला वासियों में शोक की लहर दौड़ रही है ,वहीं गांव में भी सन्नाटा पसरा हुआ है । गांव के हिन्दू और मुस्लिम समुदाय दोनों अपना एक लाडला खोया है । साधु संतो और शहीदों का कोई जाति या धर्म नहीं होता , ये लोग सबके होते हैं । इसलिए सभी दुखी हैं।
सासाराम के लाल दुबई में खेलेंगे IPL मैच, आज होंगे राजस्थान रॉयल्स टीम के साथ रवाना
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा प्रतिभा को सम्मान नहीं मिलने पर कोलकाता जाने का फैसला किए, वहां पर उनके प्रतिभा को उचित सम्मान मिला रणजी सहित कई प्रथम श्रेणी के क्रिकेट मैच में बेहतर प्रदर्शन किया. सासाराम के बड्डी गांव के रहने वाले आकाशदीप का चयन आईपीएल में हो गया है. वह राजस्थान रॉयल्स के तरफ से आईपीएल खेलेंगे. 145 किलोमीटर की स्पीड से बॉल फेंकने वाले तेज गेंदबाज आकाशदीप को राजस्थान रॉयल्स ने 15 लाख में खरीदा है.
आकाशदीप को तेज गेंदबाजी के लिए जाना जाता हैं
आपको मालूम होगा कि इस बार आईपीएल 19 सितंबर से दुबई में होने वाला है . इसके लिए आज यानी सोमवार को आकाशदीप अपनी टीम के साथ दुबई के लिए निकल जाएंगे. पिछले कई दिनों से वे नारायण मेडिकल कॉलेज कैंपस में बने क्रिकेट कोट पर प्रैक्टिस कर रहे हैं. उनका कहना है कि लगन और मेहनत से इस मुकाम तक पहुंचे हैं. अगर सबका सहयोग रहा तो उन्हें और बेहतर करने का अवसर मिलेगा | अपने चयन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए आकाशदीप ने बताया कि सीमित संसाधनों में क्रिकेट खेल कर वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं. आकाशदीप कहते हैं की ” सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता ” । गांव में भी जब क्रिकेट खेलते थें तब भी सच्चे दिल से खेलते थे . अभी भी को लगातार घंटो प्रैक्टिस करते हैं । आकाशदीप कहते हैं की “जितना कठिन परिश्रम होगा ,जीत उतनी शानदार होगी ” । उनके सच्चे मेहनत, परफॉर्मेंस और लगन को देख कर ही आईपीएल में उनका सलेक्शन किया गया है । आकाशदीप का सिलेक्शन सासाराम अनुमंडल के साथ रोहतास के लिए भी गर्व की बात है ।
करोना काल में सासाराम के जिला प्रशासन द्वारा मनाए गए 74 वें स्वतंत्रता दिवस के सभी फ़ोटो देखिए – Sasaram Ki Galiyan
74 स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिले के डीएम ऑफिस, एसडीएम ऑफिस, न्यू स्टेडियम फजलगंज सहित विभिन्न कार्यालयों में DM, SP, SDM, ASP सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा ध्वजारोहण किया गया, और परेड भी हुआ । करोना काल में जब लोग अपने घरों में कैद हैं तब “सासाराम की गलियां” ने उनके लिए खास व्यवस्था किया है । इस खास मौके की तस्वीरों को घर बैठे देखिए ।
रोहतास के लाल को वीरता के लिए पुलिस पदक
रोहतास प्रखंड के अकबरपुर सीआरपीएफ के सहायक कमांडेट राकेश रमण को भारत सरकार द्वारा वीरता के लिए पुलिस पदक प्रदान किया गया है। यह जिले के लिए गौरव की बात है। अकबरपुर निवासी मिथिलेश्वर दास व इंदु बाला के पुत्र राकेश रमण जम्मू कश्मीर में लशकर ए तैयबा के तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को एक भीषण मुठभेड़ में मार गिराया था, जिसके लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया है।आतंकवादियों के विरुद्ध इस अभियान में राकेश गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनका इलाज जम्मू के ही सरकारी अस्पताल में कराया गया। पिता मिथिलेश्वर दास ने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा आदेश जारी कर पुलिस पदक प्रदान किया गया है, जो सिर्फ हमारे ही नहीं, बल्कि क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। रोहतास उच्च विद्यालय से आरंभिक शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत राकेश रमण ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री हासिल की और संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीआरपीएफ में बतौर सहायक कमांडेंट शामिल हुए। पदक मिलने की सूचना पर सुबह से ही बधाई देने वालों का उनके घर पर तांता लगा रहा। आपको बताते चलें कि, जिले के कई सामाजिक एवं राजनैतिक संगठनों द्वारा शुभकामनाएं दिए जा रहे हैं । राकेश जी को गृह मंत्रालय ,भारत सरकार के अनुशंसा पर इस सम्मान के लिए चयनित किया गया ।
सासाराम के सबसे बेहतरीन DM मनोज श्रीवास्तव का करोना से ऐम्स में निधन
90 के दशक में सदियों से बदहाल शेरशाह मक़बरा में नई जान फूंक कर जीर्णोद्धार कराने वाले और मंडल कमीसन , ओबीसी आरक्षण विरोध के दौरान बेकाबू हो चुके दंगो पर सख्ती से लगाम लगाने वाले तेज़ तरार और कड़क डीएम मनोज श्रीवास्तव जी का कल निधन हो गया । स्वर्गीय मनोज श्रीवास्तव जी करोना वायरस से बीमार थें और पटना के ऐम्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था । गुरुवार की सुबह उन्होंने हम सभी को अल्विदा कह दिया ।बुजुर्गो और शहर के बुद्धिजीवियों द्वारा यह अब तक के सबसे बेहतरीन जिलाधिकारी बताए जाते हैं ।
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शोक की लहर
इस समाचार को सून कर बिहार भर के बुद्धिजीवी दुखी हैं | कल आईएएस एसोसिएशन ने भी गहरी संवेदनाए प्रकट किये थें | व्यक्तिगत रूप से हमें बहुत ही दुख पहुंचा है । बिहार के एक संगठन के बैंगलोर में प्रोग्राम के दौरान इनसे हमारी छोटी मुलाकात हुई थी । सासाराम का नाम सुन कर काफी प्रशन्न हुए थें ।
शेरशाह रौज़ा के आधुनिक शिल्पकार
आप लोग जब शेरशाह मकबरे के पास से गुजरते होंगे तो ,मकबरे के चारो तरफ बिजली के खंभों पर लटकते हुए पुराने टूटे स्ट्रीट लाइटों को जरूर देखे होंगे , वो सब मनोज सर के प्रयासों से ही लगा था । शेरशाह मक़बरा में व्यवस्थित गार्डन , शेरशाह पार्क में झूले ( अब नहीं है ,पार्क भी 2 वर्षों से बन्द है) , बाउंड्री इत्यादि का पक्कीकरण भी मनोज सर ने ही करवाया था । मुगलों तथा अंग्रेजों के समय से बदहाल था शेरशाह मक़बरा । आजादी के बाद भी रख रखाव के अभाव और कुव्यवस्था के चलते मक़बरा उतना सुंदर नहीं दिखता था, जितना आज दिखता है । हर जगह पक्के सोलिंग नहीं थें , कई जगहों पर मिट्टी थी । बाहर बड़े बड़े घास बिना आकर के उगे हुए थे, शौचालय इत्यादि की कोई व्यवस्था नहीं थी । मनोज श्रीवस्तव जी जब सासाराम के( जिला के सेंस में) जिलाधिकारी बने तो इन्होंने बड़े ही ईमानदारी से इक्षाशक्ती दिखाते हुए शेरशाह मक़बरा को संवारने के साथ जिले में कई बड़े काम किए । इन्हीं के सानिध्य में शेरशाह वेलफेयर ट्रस्ट भी बना ।
कड़क मिजाज के थें डीएम मनोज श्रीवास्तव
मनोज जी का नाम कड़क अधिकारियों में लिया जाता था । हालांकि अच्छे लोगों के लिए, दिल से कोमल, समझदार और भावुक व्यक्ति भी बताए जाते हैं ।
आईएएस से उपर के चीज थें ,मनोज श्रीवास्तव जी
प्रायः लोग अधिकारी बनने के बाद , जमीन से कट जाते हैं । उनका उठना बैठना और वातावरण बदल जाता है ।लेकिन मनोज श्रीवास्तव जी , इस स्टरोटाइप को तोड़ने में सफल रहे थे । वो एक मिलनसार और जमीन से जुड़े हुए, आम आदमी का सुख दुख समझने वाले व्यक्ति थे । कई लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार उन्हे बुद्धिजीवी भी बताते हैं ।
कैरियर और प्रारंभिक जीवन
दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय के स्कॉलर रहे मनोज जी 1979 में पहली बार , IPS बनें । लेकिन अगले ही वर्ष यानी 1980 में सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया तीसरा स्थान प्राप्त करके ,बिहार कैडर के IAS बनें | उन्होंने इंटरनेशनल डेवलपमेन्ट में कॉर्नील यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री हासिल किया था और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर भी थें । MIT के प्रतिष्ठित SPURS फेलोशिप में भी उनका चयन हुआ था । 1980 बैच के आईएएस अफसर थें मनोज श्रीवास्तव जी । बिहार के ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव भी रहे थें । मनोज जी साल 1996 में बिहार पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक भी थे। रांची में DDC रहने के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्लानिंग कमीसन इंडिया के तत्कालीन डिप्टी चेयरमैन डॉक्टर मनमोहन सिंह से सराहना प्राप्त हुआ था । स्वर्गीय आईएएस मनोज श्रीवास्तव जी बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग में भी अमूल्य योगदान दे चुके हैं ।
सासाराम में बनेगा 6 .5 अरब का रेलवे फ्लाईओवर, हावड़ा-सासाराम-आरा जाने में सहूलियत होगा – Sasaram Ki Galiyan
आरा-सासाराम रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन में सहूलियत के लिए 3 वर्ष पूर्व स्वीकृत फ्लाईओवर निर्माण के लिए हुए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया रेलवे द्वारा पूरी कर ली गई है। अधिग्रहित भूमि पर संबंधित भूमि स्वामियों से 1 महीने के अंदर आपत्ति की मांग की गई है, जिसका निराकरण करने के उपरांत मुआवजा भुगतान का कार्य पूरा किया जाएगा। लगभग साढ़े छह अरब की लागत से बनने वाले फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लिमिटेड कपंनी (डीएफसीसएल) द्वारा किया जाएगा । इसके बन जाने के बाद हावड़ा-सासाराम रेलखंड के रास्ते आरा तक ट्रेनों के परिचालन करने में विभाग को सहूलियत होगा । रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फ्लाई ओवर ब्रिज के लिए मदैनी ,अहरांव, शुंभा, धुआं व करमडिहरी मौजा से जुड़ी भूमि को अधिग्रहित किया गया है। जिस पर संबंधित भूमि के मालिक से एक माह के अंदर जिला भू-अर्जन कार्यालय में आपत्ति दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। जिसका निराकरण के बाद मुआवजा भुगतान व निर्माण कार्य का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।
6 वर्ष पूर्व भेजा गया था प्रस्ताव
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसीसी) निर्माण से आरा-सासाराम रेलखंड पर प्रभावित होने वाले ट्रेन परिचालन को निर्बाध रूप से जारी रखने के उद्देश्य से डीएफसीसी ने रेलवे को अलग से फ्लाई ओवर बनाने का प्रस्ताव दिया था। फ्लाई ओवर को मोकर गांव से मदैनी रेलवे गुमटी होते हुए दक्षिणी किनारा से सासाराम स्टेशन तक बनाने की बात हुई थी, ताकि पुल के उपर से रेल लाइन बिछा परिचालन को यथावत रखा जा सके। आपको बताते चलें कि, इसके बाद विभाग ने वृहद प्रस्ताव बना अग्रतर कार्रवाई के लिए मंत्रालय को भेजा था। जिस पर मंत्रालय ने मुहर लगाते हुए योजना पर कार्य कराने के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 की आम बजट में शामिल किया था। बजट में फ्लाई ओवर के सर्वे कार्य पर लगभग दस लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया था। सर्वे का कार्य अक्टूबर 2019 में पूरा किया गया था।
करगहर प्रखंड में 110 करोड़ के इंजिनियरिंग कॉलेज सहित जिले में अन्य योजनाओं का मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन – Sasaram Ki Galiyan
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई विकास योजनाओं का उद्घाटन किया । वहीं डीएम पंकज दीक्षित द्वारा समाहरणालय में मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत 14 लोगों को ऑटो की चाबी भी दी गई । जिन योजनाओं का उद्घाटन रिमोट के माध्यम से किया गया, उसमें करगहर प्रखंड के खरारी गांव के पास बने शेरशाह इंजीनियरिग कॉलेज भवन मुख्य रूप से शामिल था ।
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शेरशाह इंजीनियरिग कॉलेज |
इसके अलावा आइटीआइ भेलारी, महिला आइटीआइ सासाराम, वीवीपैट भंडार गृह, सदभावना मंडप सासाराम, खाद्य आपूर्ति चेन प्रबंधन केंद्र, जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय, आइटी सेंटर बिक्रमगंज, प्रखंड कार्यालय सह आवास रोहतास, नोखा के बरांव विशुनपुरा व नौहट्टा के रेहल में बने फुटबॉल स्टेडियम है।
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शेरशाह इंजीनियरिग कॉलेज |
डेहरी के राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान में 32.50 करोड़ से बनने वाले छात्र-छात्रा का अलग छात्रावास समेत अन्य योजनाओं का भी शिलान्यास किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास में सरकार धन की कमी नहीं होने देगी। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर रोजगार व अन्य का। यहां के लड़के- लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर न रहना पड़े, इसके लिए बड़े स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
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शेरशाह इंजीनियरिग कॉलेज |
सभी जिलों में इंजीनियरिग, पॉलिटेक्निक, आइटीआइ, जीएनएम, पारा मेडिकल जैसे शिक्षण संस्थान की स्थापना कर शिक्षा दी जा रही है, जिससे कि छात्रों को रोजगार मिल सके। करगहर के खरारी गांव के पास 110 करोड़ की लागत से बने शेरशाह इंजीनियरिग कॉलेज भवन के उदघाटन समारोह पर विधायक वशिष्ठ सिंह, प्राचार्य डॉ.अनिल कुमार, मुखिया अरविद कुमार सिंह, युवा जदयू के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी उर्फ पप्पु पटेल, मुखिया संघ जिलाध्यक्ष गुप्तेश्वर सिंह, प्रखंड अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।