लॉकडॉउन के विषम परिस्थितियों के बीच ,सासाराम की दो बच्चियां समाज के लिए अपने रूप से योगदान दे रहीं हैं । शहर के नुरनगंज मुहल्ले के कमेश्चर सिंह और कुंती देवी की दोनो बेटियां अपराजिता हैं ,दोनों के हौसले बुलंद हैं । एक बेटी समाजसेवी है और वह शिक्षा का चिराग इंटरनेट के माध्यम से फैला रही है ,तो दूसरी बेटी कविताओं के माध्यम से समाज में जागरूकता फैला रही है । अपने मौलिक स्वरों से लोकसंवाद कर समाज में नई चेतना जगा रही हैं ।
यूट्यूब चैनल से बच्चों का मार्गदर्शन करती प्रतीक्षा
एक समाजसेवी है । रक्तदान, वृक्षारोपण ,शिक्षा समेत अन्य कार्यों के माध्यम से पहले भी समाज के लिए अपना फ़र्ज़ निभाते आई है । लॉकडॉउन में आम लोगों का जब आवागमन बन्द हो चुका है ,तो इन्होंने अंकवाद (marksism) नाम से यूट्यूब चैनल की शुरुआत किया है । चैनल का उद्देश्य बच्चे बच्चियों को शिक्षा में मदद करना, वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना,अनुशासन के महत्व पर चर्चे करना , प्रोडक्टिविटी के विषयों पर चर्चा कर उन्हे प्रेरणा देना और आत्मविश्वास जगाना है । इस चैनल के अधिकतर वीडियो हिन्दी में है, प्रतीक्षा का कहना है कि हिंदी भाषा के छात्रों को सही मार्गदर्शन करने वाले साधनों की कमी है । ये कहती हैं कि ,अंको का महत्व सिर्फ परीक्षा तक ही सीमित नहीं है, मनुष्य अपने निजी जीवन में भी 10 में 10 अंक प्राप्त करना चाहता है ।
प्रतीक्षा की छोटी बहन भी ऑनलाइन कविताओं के माध्यम से लोगों को जागरूक के रही हैं ।
प्रतिभा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग से हिंदी में स्नातक कर रही हैं । बचपन से कविता और साहित्य में रुचि रखने वाली प्रतिभा के साहित्यिक उपलब्धियां भी कम नहीं है । साहित्य समाज का आइना होती है । साहित्य के माध्यम से समाज में बदलाव लाने के लिए प्रयासरत है । प्रतिभा का कहना है कि , कोई भी समय अच्छा या बुरा नहीं होता । बस उसे बताने और गुजारने का सही हुनर होना चाहिए । हर इंसान खास है , उसके अंदर एक यूनीक हुनर है । बस उसे पहचानने और जागृत करने की देरी है । यह समय एक वरदान है अपने प्रितिभाओ को खोजने का । उसे निखारने का । किताबों की दुनिया में डूब जाने का । भविष्य का लक्ष्य तय कर उसपर कार्य करने का । हर कोई कवि है, बस अपने मन की सुने ।