अभिभावकों को प्रणाम और अनुजों को ढेर सारा प्यार,
कल शाम मां ताराचण्डी से आशिर्वाद प्राप्त करने के पश्चात् गरीब आदिवासी बस्ती में Sasaram ki Galiyan के द्वारा बच्चों, महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्गो में मिठाई का वितरण किया गया है । मैं मनीष मौर्या, सुधांशु भारद्वाज और राज कमल जी इस कार्यक्रम के लिए ताराचण्डी स्थित आदिवासी बस्ती में आए हुए हैं ।
हनुमान जयंती, रामनवमी के अवसर पर हम सभी लोगों ने अपने अपने घरों में खुशियां मनाई थी । लेकिन गरीबों के नसीब में पर्व त्योहार का रंग फीका ही रहता है । ऑफिस में बिजी होने के कारण उस दिन हमलोग कार्यक्रम नहीं कर पाए थें । लेकिन हमने निश्चय किया था की जल्द से जल्द जब भी समय मिलेगा गरीबों के साथ पर्व त्योहार सेलिब्रेट किया जाएगा ।
नर सेवा ही नारायण सेवा है । हम सभी लोगों को अपने समर्थानुसार यथासंभव समय और धन समाज के जरूरतमंद लोगों के लिए निकालना चाहिए । उनलोगो की खुशियों और दुखों में शामिल होना चाहिए ।
जिस बस्ती में हम लोगों ने मिठाइयों का वितरण किया है, वहां के लोगों ने बताया की सरकारी बिजली मिस्त्री सरकारी पानी टंकी / मोटर खराब होने पर हर घर से 150 रुपए अवैध रूप से लेता है । प्रथम दृष्टया वार्ड और मुखिया पर संदेह हो रहा है । शनिवार और रविवार को पुनः ऑफिस की छुट्टी होने पर इस मामले को लेकर अधिकारियों तथा स्थानीय जन प्रतिनिधियों से बात किया जाएगा ।
गरीब लोग हर बार इतने पैसे नहीं दे सकते हैं । और सरकार के तरफ से ऐसा कोई नियम भी नही है । जब शहर के संपन्न लोग सरकारी मोटर खराब होने पर पैसे नहीं देते हैं तो गरीब कैसे देंगे ?
“सासाराम कि गलियां” इस जनसमस्या को सुलझाने के लिए चिंतित तथा गंभीर है । अगर इनकी समस्या सुलझ गई तो इससे बड़ी सेवा कुछ भी नही हो सकती है । ताराचण्डी के आस पास रहने वाले गरीब असली जरूरतमंद है । उनका जीवन बहुत ही मुश्किलों भरा होता है । खास बात यह है की, यहां के लोग अच्छे भी होते हैं । असामाजिक कार्यों में संलिप्त नहीं होते है और कार्यक्रम के दौरान छीना झपटी, गाली गलौज ,झगड़ा इत्यादि नही करते है ।
👉 नोट : साथियों , इस कार्यक्रम में आपके द्वारा दिए गए पैसों में से एक भी रुपया उपयोग नहीं किया गया है । हमने अपने सैलरी से इस कार्यक्रम का आयोजन किया है । आपके पैसे सुरक्षित हैं । 13 नवंबर 2020 को हमने बताया था की आपके दिए हुए पैसों में से 4,511 रुपए बचे हुए हैं । वह अभी भी सुरक्षित ही है । अगर आपको याद नहीं है तो मेरे ऊपर क्लिक करके फिर से हिसाब पढ़ लीजिए