Tuesday, May 20, 2025
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सासाराम के स्कूलों में करोना काल में सादगी से मनाया गया शिक्षक दिवस

गुरु-शिष्य परंपरा का भारतीय संस्कृति में पवित्र स्थान है । माता-पिता को जीवन का पहला गुरु माना जाता है । भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिष्य परंपरा चली आ रही है, जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। गुरु हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।


भारत में कब मनाया जाता है शिक्षक दिवस ?

भारत में प्रतिवर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहले उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। ‘गुरु’ का सबके जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा में बहुत विश्वास रखते थे। वे एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे। विवेकानंद से प्रभावित थें । उन्हें अध्यापन से गहरा प्रेम था। एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण उनके अंदर मौजूद थे। शिक्षक दिवस के अवसर भारत भर के चुनिंदा शिक्षकों को उनके कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा पुरस्कार देने की भी परंपरा है ।


क्या होता है शिक्षक दिवस के दिन ?

इस दिन सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई बंद रहती है। स्कूलों में प्रोग्राम, धन्यवाद और स्मरण की गतिविधियां होती हैं। बच्चे व शिक्षक दोनों ही सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं और दिन को खास बनाते हैं। स्कूल-कॉलेज सहित अलग-अलग संस्थाओं में शिक्षक दिवस पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। छात्र विभिन्न तरह से अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं, तो वहीं शिक्षक गुरु-शिष्य परंपरा को कायम रखने का संकल्प लेते हैं।


दुनिया के अन्य देशों में भी मनाया जाता है शिक्षक दिवस।

अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीखों पर शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा है । चीन : 10 सितम्बर, पाकिस्तान : 5 अक्टूबर, श्रीलंका : 5 अक्टूबर, बांग्लादेश : 5 अक्टूबर, भूटान :5 अक्टूबर, कैनेडा : 5 अक्टूबर, रोमानिया : 5 अक्टूबर ,सऊदी अरब : 5 अक्टूबर, ब्राजील : 15 अक्टूबर, ऑस्ट्रेलिया : अक्टूबर के अंतिम फ्राइडे को । इसके अलावे भी बाकी बचे दूसरे देशों में विभिन्न तारीखों पर मनाया जाता है शिक्षक दिवस।


करोना का क्या प्रभाव है शिक्षक दिवस पर ?

करोना काल में सभी स्कूल कॉलेज बंद हैं , बच्चे घरों में रह कर ही फोन, इमेल और सोशल मीडिया के माध्यमों से अपने शिक्षकों को नमन कर रहे हैं । जिन स्कूलों में शिक्षकों का जाना अर्थात उनकी हाजिरी जरूरी है ,वहां पर शिक्षक अपने तरीके से देश के पहले उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मोत्सव अर्थात शिक्षक दिवस मना रहे है ।

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