जिला मुख्यालय सासाराम में ट्रक व अन्य मालवाहक बड़े वाहनों की इंट्री के लिए जिला प्रशासन के आदेश पर पर नियम बने हैं। रात 8 बजे के बाद ही ट्रकों को शहर में प्रवेश करना है ।
सरकारी आदेश को रौंद कर दिन भर सासाराम शहर में ट्रक दौड़ रहे हैं । ज्यादातर ट्रक धर्मशाला रोड , पोस्ट ऑफिस चौराहा होते हुए तकिया की ओर जाते हैं ।
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शाम को लगता है जाम
शाम 5 बजे के बाद मुख्य शहर में सैकड़ों की संख्या में ट्रक आते हैं । एक बार में 5-10 ट्रक लाईन लगाकर चलते हैं । इसमें कई हेवी लोडेड ट्रक होते हैं तो कई खाली । जैसे जैसे ये ट्रक सड़को पर निकलते है, इनके पीछे जाम लगता चला जाता है । पोस्टऑफिस और धर्मशाला रोड मोड़ के पास स्थित भयावह रहती है ।
तेज रफ्तार
नो एंट्री में घुसने वाले ट्रकों का रफ्तार तेज होता है । सड़क पर चलने वाले यात्रियों और छोटे वाहनों को अक्सर खतरा बना रहता है । बाईक सवार और ऑटो चालक प्रायः दुर्घटना का शिकार बनते हैं ।
वायु प्रदूषण
सासाराम शहर वायु प्रदूषण के मामले में बिहार के टॉप शहरो में शामिल है । पीछले महीने आई एयर क्वालिटी इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार बिहार के स्वार्धिक प्रदूषित शहर इस प्रकार हैं :- बक्सर : 456, मुंगेर : 444, छपरा : 412, सिवान : 401, मुजफ्फरपुर : 401, सासाराम : 395, गया : 383 ,दरभंगा : 363 ,राजगीर : 355 , पटना : 351, बिहारशरीफ : 340 ,मोतिहारी : 318 ,बेतिया : 310 और आरा शहर : 302 एयर क्वालिटी इंडेक्स ।
ट्रक भारी वाहन है ,यह ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करता है , इसलिए वायु प्रदुषण भी ज्यादा होता है । दिन भर ट्रकों के आवागमन से शहर का हवा जहर बन जाता है । इस प्रदूषित हवा में सांस लेने पर फेफड़ों की गंभीर बीमारियां होती है । सासाराम शहर में वायु प्रदुषण इतना अधिक है की अगर आप नहा धोकर घर से बाहर निकलेंगे तो आपका बाल और चेहरा धूल सटने से मिट्टी मिट्टी हो जाएगा ।
यहां की सड़कों पर आप खुलायाम धूल उड़ते हुए देख सकते हैं । अन्य शहरों में प्रायः ऐसा उन इलाकों में देखने को मिलता है जहां कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा होता है । लेकिन , यहां आपको पूरा शहर में ऐसा दृश्य देखने को मिलेगा ।
ध्वनि प्रदुषण
सासाराम शहर पुराना शहर है । इस शहर की लाईफ लाइन कही जाने वाली जीटी रोड शहर के बीचों बीच जीटी रोड पर ट्रकों का हॉर्न पैदल यात्रियों को परेशान करता है । सासाराम शहर में अधिकांस सरकारी कार्यालय जीटी रोड के किनारे ही मौजूद हैं, इसलिए ट्रकों के आवागम से इन कार्यालयों के कर्मचारियों का कार्य भी प्रभावित होता है ।
हमेशा दुर्घटनाओं का डर
सासाराम शहर का जनसंख्या घनत्व उपलब्ध जमीन के मुकाबले काफी अधिक है । यहां की सड़के और गलियां संकरी हैं । शहर के नेताओं और अधिकारियों ने कभी भी प्लानिंग और शहर के फैलाव पर ध्यान नहीं दिया , जिसके कारण यहां के लोगों को दैनिक कार्य के लिए जीटी रोड के अलावा अन्य कोई वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं है ।
सासाराम शहर में आस पास के गांवो और छोटे शहरों से लोग बाजार करने आते हैं । जीटी रोड पर पैदल यात्रियों और छोटे वाहनों की संख्या अधिक होती है । ट्रकों के आवागम से बराबर दुघर्टना का खतरा बना रहता है और इस डर के पीछे ठोस वजह भी है ,अक्सर दुर्घटनाओं की खबरें आती रहती हैं । कभी कोई ट्रक वाला किसी ऑटो वाले को ठोक देता है तो कभी बाइक वाले को ।
कई बार सासाराम शहर में अनियंत्रित ट्रकों ने रोड किनारे बैठे ठेला खोमचा वालों को भी अपने चपेट में ले लिया है । गौरक्षणी ओवर ब्रिज के नीचे की घटना कोई कैसे भुल सकता है , जब एक डंफर ने कई लोगों को एक ही बार में कुचल दिया था । जिसके बाद अक्रोशित जनता ने कई ट्रकों को आग के हवाले कर दिया था । दंगा जैसा माहौल बन गया था ।