नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम गर्व करते हैं कि देश में जो 8 लघु शिलालेख है उनमें से एक सासाराम में हैं। वहां अवैध कब्जा पर लेकर जितना दिन लड़ना होगा, बुद्धिजीवी, पत्रकार कितनी लंबी लड़ाई लड़ेंगे। यह सरकार को बताना होगा। अवैध कब्जा हटाने का काम जिला प्रशासन को करना ही होगा। कहा कि हम कोई टकराव नहीं चाहते, हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन से ही सम्राट अशोक के शिलालेख को अवैध कब्जा से मुक्त करेंगे।
अगला धरना चंदन पहाड़ी पर

अगर जिला प्रशासन अवैध कब्जा से शिलालेख को मुक्त नहीं कराता है, हम अगला धरना चंदन पहाड़ी पर देंगे। भाजपा की एक ही मांग है अवैध कब्जा से मुक्त करो। हम कही से झुकने वाले नहीं हैं, हम सहयोग करने आए हैं।

हम डीएम से यह कहना चाहते हैं कि आप चाहते हैं कि सासाराम में अमन और शंति बना रहे तो शिलालेख को अवैध कब्जे से मुक्त दिलाने का काम करो, नहीं तो आपको जवाब देना होगा।
32 साल से बिहार में कानून का शासन नहीं

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहले भी हम लोग इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। लेकिन तब सीएम नीतीश कुमार कहते थे कि कानून अपना काम करेगा। लेकिन 32 साल में हम लालू-नीतीश के राज में हम कानून को खोज रहे हैं, लेकिन कानून मिल नहीं रहा है। यहां सिर्फ तुष्टिकरण का काम हो रहा है, जबभी संप्रदाय विशेष पर बात जाती है तो नीतीश का हाथ कांपने लगता है। कहा कि अरे भाई न्याय के साथ शासन करो.

नीतीश कुमार डमी सीएम कहा कि अब नीतीश कुमार डमी सीएम है, रबर स्टांप है। रबर स्टांप को मोहर लगाना पड़ेगा। नहीं लगाओगे तो तुम्हारा भतीजा तुमको उखाड़ के फेक देगा। बिहार में सुशासन नहीं है, कानून का राज नहीं है। यहां का उपमुख्यमंत्री बयान देता है कि हम ठंडा कर देंगे। लेकिन नहीं जानता कि जनता उनको 2024 में और 2025 में ठंडा कर देगी।
डीएम को सौंपा ज्ञापन

महाधरना के बाद नेता प्रतिपक्ष ने समाहरणालय पहुंच सम्राट अशोक के शिलालेख को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए डीएम को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद वो पटना के लिए रवाना हो गए।